Shilapushpa in Hindi - हमारे देश में पेड़-पौधों को हमेशा ईश्वर की तरह पूजा जाता है क्योंकि हमारे ऋषि मुनि जानते थे की हम इनसे अलग रह कर जीवित नहीं रह सकते।
हमारे ऋषि मुनि इसीलिए आयुर्वेद में नए-नए प्रयोग किया करते थे और नई नई औषधि की खोज किया करते थे।
आज हम ऐसी ही एक ऐसी औषधि की बात करेंगे जिसके बारे में बहुत ही कम जानकारी उपलब्ध है लेकिन यह पौधा या औषधि बहुत ही उपयोगी है।
इस औषधि का नाम है शिलापुष्प जिसे हम चरेला, पत्थर का फूल, या पत्थरफोड़ी या पाषाणभेद भी कहते हैं।
शिलापुष्प का बॉटनिकल नाम - Didymocarpus Pedicellata
शिलापुष्प Gesneriaceae परिवार से संबंधित है और इसका बॉटनिकल नाम Didymocarpus Pedicellata है।
अनुकूल वातावरण
शिलापुष्प छायादार, चट्टानी, नमी वाले स्थान और समशितोष्ण जगह पर पाया जाता है।
जैसे हिमालय की श्रेणियां, हिमांचल प्रदेश, अरूणांचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे स्थानों पर पाया जाता है।
ये सामान्यतः 500 से 2,500 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है।
इसमें जुलाई से सितंबर के मध्य में फूल खिलते हैं जो की हल्के नीले या बैंगनी कलर के होते हैं।
शिलापुष्प मेडीकल उपयोग - Shilapushpa Medical Uses in Hindi
शिलापुष्प की प्रकृति दर्दनाशक और एंटीबायोटिक होती है। जो मूत्र मार्ग के संक्रमण (UTI) को रोकती है और दर्द एवं संक्रमण (Infection) से राहत दिलाती है।शिलापुष्प का उपयोग गुर्दे की बीमारी में किया जाता है। यह किडनी स्टोन को निकालने के लिए बहुत ही उपयोगी है।
इसकी एंटीलिथिएटिक (Antilithiatic) प्रॉपर्टी स्टोन को बनने से रोकती है।
यह कैल्शियम के अब्सॉर्प्शन को नियंत्रित करती है और मूत्रवर्धक (Diuretic) यानी की पेशाब को बढ़ाने का काम करती है।
यह गुर्दे के स्टोन को बार-बार होने से रोकती है और स्टोन को छोटे-छोटे टुकड़े में विभाजित करने का कार्य करती है।
शिलापुष्प गुर्दे की सेहत का खयाल रखती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant) और एंटीइनफ्लेमैट्री (Anti-inflammatory) गुण हमारे नेफ्रॉन को बचा के रखते हैं जिससे किडनी स्वस्थ रहती है।
शिलापुष्प हाई कोलेस्ट्रोल को कम करने का कार्य करती है। यह हमारे लीवर को भी स्वस्थ रखती है।
शिलापुष्प में फ्लेवोनॉयड्स, स्टेरॉइड, टेरपेनॉयड्स, टैन्निंस, प्रोटीन, सपोनिंस, फेनोल्स और ग्लाइकोसाइड्स पाए जाते हैं जो की हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं।
शिलापुष्प अस्थमा में भी बहुत कारगर है। यह हमारे फेफड़ों के जकड़े (Congestion) को कम करता है जिससे की जकड़न कम हो जाती है और हम आसानी से सांस ले पाते है।
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आयुर्वेद
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