Heart Attack and Cardiac Arrest Difference in Hindi - दुनियां में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट की बीमारी के कारण होती हैं।
इन समस्याओं के कारण ही हमें हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट होता है। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को लेकर ज्यादातर लोग संशय में रहते हैं।
वो हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में कोई अंतर नहीं समझते जबकि दोनों ही अलग अलग कारणों से होता है।
आज हम आपको बताएंगे की हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर होता है।
हार्ट अटैक Heart Attack
हमारे हार्ट को काम करने के लिए लगातार पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन चाहिए होती है।
समय के साथ साथ हमारे हार्ट की नसों में या आर्टरी में प्लेक, क्लॉट या कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है।
यह प्लेक हमारे हार्ट की ऑर्टरी को संकुचित कर देता है जिसके कारण ब्लड सप्लाई में बाधा आती है और हमारे हार्ट को और ज्यादा मेहनत से काम करना पड़ता है।
कई बार आर्टरी इतनी ज्यादा सिकुड़ जाती है की ब्लड सप्लाई रुक जाती है। जिसके कारण ऑक्सीजन से भरा हुआ रक्त हमारे हार्ट की मसल्स या प्रभावित भाग तक नहीं पहुंच पाता।
बिना रक्त की सप्लाई के हमारे हार्ट के प्रभावित भाग में ऑक्सिजन नहीं पहुंच पाती और हमारे हार्ट का वह भाग धीरे धीरे डेड होने लगता है।
अगर इस प्लेक, क्लाॅट या कोलेस्ट्रॉल को समय से नहीं हटाया गया तो हार्ट का वह भाग पूरी तरह से डेड हो सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण आने पर अगर तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया जाए तो मरीज बच जाता है। हार्ट अटैक के लक्षण आपका शरीर काफी समय पहले से देने लगता है।
हार्ट अटैक के लक्षण - Symptoms Of Heart Attack In Hindi
1) सीने के बीच में बहुत ज्यादा दबाव महसूस करना या दर्द होना
2) चेहरे पर पसीना आना
3) चक्कर आना
4) गर्दन, कंधे, जबड़ा और पेट में असहज सा महसूस होना या दर्द होना
5) बहुत ज्यादा थकान होना
6) बेहोश हो जाना
7) सांस लेने में दिक्कत होना
8) घबराहट होना
कार्डियक अरेस्ट - Cardiac Arrest
कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक से बिलकुल अलग होता है। इसके कोई भी लक्षण पहले से महसूस नहीं होते।
कार्डियक अरेस्ट में हमारा हार्ट अचानक से काम करना बन्द कर देता है।
जिसके कारण हमारे शरीर के विभिन्न अंगों में ब्लड नहीं पहुंच पाता और मरीज की मृत्यु हो जाती है।
कार्डियक अरेस्ट में कुछ ही सेकंड्स में मरीज मूर्छित होता है और खत्म हो जाता है, इसमें ज्यादा समय नहीं लगता।
कार्डियक अरेस्ट का मुख्य कारण हमारे हार्ट में इलेक्ट्रिक मालफंक्शन होता है। जिसके कारण हार्ट धड़कना बंद कर देता है।
जिस वक्त मरीज को कार्डियक अरेस्ट हुआ हो उस वक्त अगर मरीज को तुरंत CPR दिया जाए या डेफिब्रिलेटर इस्तेमाल किया जाए तो मरीज के बचने की संभावना बढ़ जाती है।
कार्डियक अरेस्ट में जयादातार कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। जिनको हार्ट अटैक हो चुका होता है उनको कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
कार्डियक अरेस्ट होने का मुख्य कारण कॉरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट अटैक, एनलार्ज्ड हार्ट, हार्ट के वाल्व में समस्या, और हार्ट के इलेक्ट्रिक सिग्नल में दिक्कत ( arrhythmia ) होता है।
हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट को कैसे रोका जाए - Preventing Heart Attacks And Cardiac Arrest
1) हेल्थी फूड खाएं, ज्यादा तला भुना या फैट बढ़ाने वाला भोजन ना लें। जंक फूड बिल्कुल ना लें।
2) रेगुलर एक्सरसाइज करें और शारीरिक रुप से सक्रिय रहें।
3) धुम्रपान, तंबाकू, मसाला और शराब को तुरंत बंद कर दें।
4) अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को हर 6 महीने में चेक करवाएं।
5) साल में एक बार इको टेस्ट जरुर करवाएं। यह आपके हार्ट में किसी भी समस्या को बता देता है।
6) अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखें।
7) डाइबिटीज को कन्ट्रोल में रखें
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