शुगर में चावल खाना चाहिए या नहीं - डायबिटीज यानी की मधुमेह एक ऐसा रोग है जिसके विश्व में लगभग 50 करोड़ रोगी है।
भारत में लगभग 8 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसका पता होने के काफी समय बाद चलता है।
मधुमेह जीवनशैली से संबंधित बीमारी है। एक आंकड़े के मुताबिक विश्व में मधुमेह का हर पांचवा रोगी भारत का है।
मधुमेह से पीड़ित ज्यादातर मरीज 90% टाइप 2 से पीड़ित हैं।
शुगर के मरीजों के दिमाग में सबसे बड़ा प्रश्न ये आता है की क्या शुगर के मरीजों को चावल खाना चाहिए या नहीं।
इसका सही जवाब है जरूर खाना चाहिए क्योंकि चावल पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
चावल में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स और फाइबर्स होते हैं जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बहुत ही आवश्यक होते हैं।
इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट भी होता है जो सुपाच्य होता है और बहुत ही आसानी से पच जाता है।
चावल खाने से आप लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करते हैं जिसकी वजह से आप उल्टा सीधा खाने से बच जाते हैं और आप शुगर नियंत्रित रहता है।
चावल
पर हुई बहुत सी स्टडी में पाया गया है की चावल का सेवन ब्लड शुगर को सीधे
तौर पर नहीं बढ़ाता है बल्कि आप चावल के साथ क्या खा रहे हैं ये उसपर
निर्भर करता है।
आईए जानते हैं मधुमेह के बारे में पूरी जानकारी।
डायबिटीज क्या होता है - What is Diabetes in Hindi
डायबिटीज़ मिलेटस या मधुमेह हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म संबंधित बीमारी है। इसमें हमारा पैंक्रियाज इन्सुलिन का उत्पादन बंद कर देता है या कम कर देता है।
जिसके कारण हमारे रक्त में शुगर यानी शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है।
अगर इस बढ़ी हुई ग्लूकोज को कंट्रोल ना किया जाय तो यह शरीर में नुकसान पहुंचाने लगती है, जिसे हम शुगर की बीमारी या मधुमेह कहते हैं।
इन्सुलिन क्या होता है - What is Insulin in Hindi
इन्सुलिन एक हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट और फैट के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।
हम जो भी खाते हैं वो हमारे शरीर में जा कर ग्लूकोज या एनर्जी में बदल जाता है।
यह ग्लूकोज शरीर के करोड़ों सेल्स तक पहुंच कर उनको कार्य करने के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।
जब हमारे शरीर में पैंक्रियाज सही मात्रा में इन्सुलिन नहीं बनता या बिलकुल नहीं बनता तब ये ग्लूकोज हमारे सेल्स में नहीं पहुंच पाते और हमारे सेल्स को ऊर्जा नहीं मिल पाती तो हमारा शरीर मधुमेह से ग्रसित हो जाता है।
डायबिटीज कितने प्रकार की होती है - Types of Diabetes in Hindi
डायबिटीज तो वैसे 5 प्रकार की होती है लेकिन यहाँ हम सबसे अधिक होने वाली 2 प्रकार की डायबिटीज की बात करेंगे
टाइप-1 डाइबिटीज - Type-1 Diabetes in Hindi
टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून डाइबिटीज है जिसमे हमारा शरीर हमारे इन्सुलिन पैदा करने वाले सेल्स के विरूद्ध ही काम करने लगता है।
यह ज्यादातर अनुवांशिक होता है और बचपन से ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
इसमें शरीर इन्सुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता और हमें बाहर से इन्सुलिन लेना पड़ता है।
टाइप-2 डाइबिटीज - Type-2 Diabetes in Hindi
टाइप-2 डायबिटीज हमारी लाइफ स्टाईल के कारण होती है। टाईप-2 डायबिटीज में इन्सुलिन कम बनता है या सही मात्रा में नहीं बनता।
टाईप-2 डायबिटीज में हमारा शरीर इन्सुलिन के प्रति असंवेदनशील (what is insulin resistance) हो जाता है जिसके कारण हमारे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और हमें टाईप-2 डायबिटीज हो जाती है।
यह डायबिटीज दवाओं से नियंत्रित रखी जाती है। टाईप 2 डायबिटीज होने का मुख्य कारण हमारी लाइफस्टाइल, तनाव, अनिद्रा, मोटापा, ब्लड प्रेशर, शारीरिक श्रम ना करना और अनियंत्रित खानपान होता है।
डायबिटीज के लक्षण - Symptoms of Diabetes in Hindi
1) बार बार प्यास लगना
2) बार बार पेशाब जाना
3) हमेशा भूख लगना
4) साफ ना दिखाई देना
5) अचानक वजन कम होना
6) शरीर में किसी भी घाव का बहुत देर में ठीक होना
7) बहुत ज्यादा थकावट लगना
8) चिड़चिड़ापन होना
डायबिटीज का ईलाज न करने पर क्या हो सकता है
डायबिटीज का इलाज ना करने पर हमारे शरीर बहुत से रोगों से ग्रसित हो सकता है।
जैसे ह्रदय रोग, ब्रेन स्ट्रोक, पैरालिसिस, गुर्दे की खराबी, यौन रोग, पैरों की बीमारी, शरीर की नसों का सही से काम ना करना, अंधापन ईत्यादि बहुत आसानी से हो जाता है।
मधुमेह पता लगाने की जांचे - Diagnosis of Diabetes in Hindi
मधुमेह का पता लगाने के लिए आप निम्न जांचे करवा सकते हैं।
1) RBS
2) Fasting & PP
3) HBA1C
4) GTT
इन जांचों में HBA1C काफी महत्वपूर्ण होती है। यह आपके पिछले तीन महीनों का शुगर का स्तर बताती है। ऊपर दी गई सारी जांचे खून से होती है और काफी सस्ती होती हैं।
ब्लड शुगर का नॉर्मल स्तर क्या है - Normal Blood Sugar Level in Hindi
हमारे शरीर में ब्लड शुगर का नॉर्मल लेवल अलग अलग होता है जैसे
RBS 200 से कम होना चाहिए
Fating 100 से कम होना चाहिए
2 Hours Postprandial 140 से कम होना चाहिए
HBA1C 5.7 से कम होना चाहिए
डायबिटीज से जुड़ी भ्रांतियां - Myth About Diabetes in Hindi
1) बहुत से लोगों को लगता है की जायदा मीठा खाने से डायबिटीज हो जाती है जबकि ऐसा बिल्कुल भी नही है।
यह एक लाइफस्टाइल संबंधित बीमारी है इसका ज्यादा मीठा खाने से कोई संबंध नहीं है।
लेकिन आपको कोई भी चीज नियंत्रित मात्रा में ही लेनी चाहिए अन्यथा उसके दुष्परिणाम हो सकते हैं। डायबिटीज होने के बाद जरुर आपको अपने मीठे खाने की आदत को नियंत्रित करना पड़ेगा।
2) लोगों को भ्रम रहता है की मोटे लोगों को ही मधुमेह होता है। आपको बता दें कि मधुमेह का मोटापे से संबंध नहीं होता लेकिन मोटे व्यक्तियों को मधुमेह होने की संभावनाएं बड़ जाती हैं।
3) एक सबसे बडा भ्रम है की डायबिटीज होने पर मीठा नहीं खाना खाना चाहिए। अगर आप मीठा खाना छोड़ देंगे तो आपको और बहुत सी दिक्कतें हो सकती है।
इसीलिए आपको मीठा बंद नहीं करना है बल्कि डॉक्टर की सलाह अनुसार मीठे को नियंत्रित मात्रा में लेना है।
4) बहुत से लोग ये सोचते हैं की डायबिटीज़ में हम कोई भी फल खा सकते हैं लेकिन ऐसा नही है। डायबिटीज़ में आपको डॉक्टर की सलाह अनुसार ही फल खाने चहिए।
क्योंकि फलों में शुगर और कार्बोहाइड्रेट होता है जिसके कारण आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
आपको हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल बहुत ही नियंत्रित मात्रा में खाने हैं जैसे केला, चीकू, आम, अंगूर, लीची ईत्यादि।
5) लोगों का यह भी मानना है की मधुमेह में एक्सरसाइज नहीं करनी चहिए क्युकी उनका अगर लेवल डाउन हो जायेगा और उनको चक्कर आ सकते हैं।
लेकिन ऐसा नहीं है, आपको मधुमेह में खुद को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज, दवा और आहार में एक तरह का संतुलन बना के रखना चाहिए।
👇👇👇
Tags:
स्वास्थ्य