पाइल्स क्यों होता है और पाइल्स का इलाज हिंदी में बतायें | Piles Meaning in Hindi

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Piles Meaning in Hindi - पाइल्स या बवासीर एक ऐसा रोग है जो हर किसी को जीवन में एक बार हो ही जाता है। 

कई लोगों का शुरू में ही ठीक हो जाता है और कई लोगों को ये समस्या लंबे समय तक झेलनी पड़ती है। 

पाइल्स (Hemorrhoids) में हमारे गुदा के अन्दर और बाहर के हिस्से की शिराओं में सूजन आ जाती है। 

हमारे गुदा द्वार में छोटे छोटे मस्से होते हैं लेकिन जब पाइल्स (Plies) होती है तो ये मस्से सूज कर बड़े हो जाते हैं। 

जिससे ये मल त्याग करते वक्त कठिनाई पैदा करते हैं और मल निकलते वक्त रगड़ से ये छिल जाते हैं और इनसे खून निकलने लगता है तथा सूजन आ जाती है। 

जायदा जोर लगाने पर ये मस्से बाहर आ जाते हैं और फिर अपनें आप अंदर नहीं जा पाते। आपको हाथों से इन्हें अन्दर करना पड़ता है। 


पाइल्स के प्रकार - Types Of Piles in Hindi

पाइल्स दो प्रकार की होती है। एक खूनी बवासीर और दूसरी बादी बवासीर।

खूनी बवासीर (Bleeding Hemorrhoids )

खूनी बवासीर ज़्यादा दिक्कत नही देती केवल खून ही आता है इसमें। 
 
इसमें पहले बूंद बूंद करके खून आता है और फिर बाद में किसी पिचकारी की तरह चटक लाल रंग का खून निकलने लगता है। 
 
मल त्याग के बाद भी आपको मल त्याग की इच्छा बनी रहती है। 
 
अगर खूनी बवासीर लंबे समय तक रह गई तो आपको खून की कमी या एनीमिया हो सकता है। 
 
ज्यादा गम्भीर मामलों में आपको खून भी चढ़ाना पड़ सकता है।

बादी बवासीर (Prolapsed)

बादी बवासीर (Prolapsed) में खून तो नहीं निकलता लेकिन आपके गुदा द्वार में बहुत दर्द रहेगा और साथ में गुदा द्वार के आस पास बहुत खुजली होगी। 
 
इसका दर्द इतना होता है की मलत्याग के घंटो बाद भी दर्द बना रहता है। 
 
इसमें कई बार मस्से बाहर आ जाते हैं और कई बार अंदर ही रहते हैं। 
 
अगर बादी बवासीर लंबे समय तक रह गई तो इसमें भी मस्से फट कर खून आने लगता है।

पाइल्स के कारण - Causes of Piles in Hindi

बवासीर होने का सबसे बडा कारण है लगातार कब्ज होना। जिनको लगातार कब्ज होती है उनका मल बहुत सख्त हो जाता है और मल त्याग करते वक्त बहुत जोर लगाना पड़ता है। 
 
जिससे आस पास की नसें सूज जाती हैं और कई बार फट भी जाती हैं जिससे लगातार खून आने लगता है। 
 
जिनका काम लगातार बैठने या लगातार खड़े रहने का होता है उनको भी बवासीर बहुत जल्द हो जाती है।
 
गर्भावस्था दौरान बवासीर होना आम बात है।
 
मोटापा या ओवरवेट होना भी पाइल्स का कारण होता है।
 
गुदा मैथुन के कारण भी पाइल्स हो जाती है।
 
आलस्य और शारीरिक श्रम ना करना 
 
अधिक तला भुना और मिर्च मसालों का भोजन करना
 
ऐसे जॉब जहां आपको भारी वजन उठाना पड़ता हो, उनको भी पाइल्स होने की संभावना बड़ जाती है।

पाइल्स के लक्षण - Symptoms of Piles in Hindi

1) मल त्याग करते वक्त खून आना
 
2) गुदा के आस पास खुजली होना, कई लोगों में ये खुजली बहुत ज्यादा होती है।
 
3) मल त्याग करते वक्त दर्द होना
 
4) गुदा के आस पास सूजन
 
5) गुदा के आस पास मस्से बन जाना
 
6) कई बार बिना दर्द के ही अपने आप खून निकलना
 
7) मल त्याग करने के बाद भी पेट साफ ना होना या फिर से मल त्याग की इच्छा होना

पाइल्स का ईलाज - Treatment of Piles in Hindi  

जयादातर लोग पाइल्स का ईलाज खुद ही करने लगते हैं और इस समस्या को गम्भीर कर देते हैं। 
 
घरेलू इलाजों से आपको थोड़े दिन के लिए तो राहत मिल जाएगी लेकिन बाद में ये फिर से और गम्भीर हो कर सामने आ जाएगा। 
 
इसलिए पाइल्स के एक भी लक्षण होने पर आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 
 
आयुर्वेद, एलोपैथ और होम्योपैथ तीनों में पाइल्स के बहुत ही आसान ईलाज उपलब्ध हैं। 
 
जयादातार मामलों में पाइल्स में सर्जरी नहीं करवानी पड़ती और ये दवाओं से ही ठीक हो जाता है। 
 
पाइल्स का इलाज कोई महंगा नही होता इसलिए जब भी आपको पाइल्स के लक्षण दिखाई दे आप तुरंत किसी डॉक्टर से परामर्श लें। 
 
जितनी जल्दी आप परामर्श लेंगे उतनी कम तकलीफ आपको झेलनी पड़ेगी।

पाइल्स में क्या करें और क्या ना करें - Dos And Don's In Managing Piles in Hindi

पाइल्स होने पर आपका पहला प्रयास ये होना चाहिए की आपका मल सख्त ना हो। इसके लिए आपको फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए और अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए।

पाइल्स होने पर आपको दिन में कम से कम दो बार सिटज्ज बाथ यानी की गुनगुने पानी में 15 मिनिट्स तक बैठना चाहिए। इससे आपको सूजन और दर्द में बहुत आराम मिलेगा।

जबरदस्ती मल त्याग के लिए ना जाएं और ना ही मल त्याग करते वक्त जोर लगाएं। जब आपको लगे की अब सही समय है तभी जाएं।

बहुत समय तक एक ही जगह ना बैठे रहें। थोड़ी थोड़ी देर में उठ कर टहल लें।

मल त्याग करने के बाद पानी से ही गुदा द्वार साफ करें। टिश्यू या नैपकिन का इस्तेमाल ना करें। अन्यथा उनकी रगड़ से आप मल द्वार को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

गुदा द्वार के आस पास चिकनाई बने रहने दें। इसके लिऐ बहुत सी ट्यूब या क्रीम आपको मेडिकल स्टोर में मिल जाएगी।

बवासीर में पेट में दर्द नही होता है लेकिन अगर आपको पेट दर्द भी हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पेट दर्द किसी अन्य गम्भीर बीमारी का परिणाम हो सकता है।

कब्ज को ठीक करें और यदि मल जायादा सख्त हो तो मार्केट में बहुत से लैक्सेटिव उपलब्ध हैं जो आपके कब्ज को दूर करने में बहुत कारगर होंगे।

जंक फूड, फास्ट फूड और मैदे से बनी कोई भी चीज ना खाएं। 

टॉयलेट में काफी देर तक ना बैठे। ज्यादा देर बैठने से आपके मल द्वार पर दवाब पड़ता है। जिससे ये समस्या बढ़ सकती है।

इंडियन स्टाईल का टायलेट इस्तेमाल करें। क्योंकि इसमें बैठने तरीके से मल आसानी से निकल जाता है और आपको ताकत नहीं लगानी पड़ती।
 
 
 

Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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