ग्लूकोमा क्या है और ग्लूकोमा क्यों होता है | Glaucoma Meaning in Hindi

 

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Glaucoma in Hindi - आंख हमें ईश्वर द्वारा दी हुई सबसे अनमोल चीज है। बिना आंख के हमारा जीवन व्यर्थ है, हम बिना आंख के इस जीवन का आनंद नहीं उठा सकते यहां तक कि हमें अपने छोटे से छोटे काम के लिए भी दूसरों पर निर्भर होना पड़ेगा। 

 

इसीलिए हमें अपनी आंखों का सबसे ज्यादा देखभाल करना चाहिए। 

 

लेकिन कई बार कुछ ऐसी बीमारियां हो जाती हैं जिनकी वजह से हमारी आंखे प्रभावित होती हैं। 

 

आंखों में दिक्कत के कारण या तो हमारी आंखों की रोशनी कम हो जाती है या उसमें कोई दोष आ जाता है। 

 

एक ऐसी ही बीमारी है जो धीरे धीरे हमारी आंखों की रोशनी छीन लेती है और अंत में हमें अंधा कर जाती है। हम यहां बात कर रहे हैं ग्लूकोमा की। 

 


क्या होता है ग्लूकोमा - What is Glaucoma in Hindi


ग्लूकोमा आंख की एक ऐसी स्थिति है जिसमें हमारी आंख की नसें डैमेज हो जाती हैं। इस डैमेज का मुख्य कारण हमारी आंख के अन्दर के फ्लूइड का अनियंत्रित हाई प्रेशर होता है। 

 

ग्लूकोमा समय के साथ साथ और खराब होता जाता है और अंत में हमारी आंख की रोशनी छीन लेता है। 

 

इसीलिए आपको अपने आंख की नियमित जांच करवानी चाहिए ताकी आप इस बीमारी को समय रहते ही पकड़ लें और इसको उसी जगह रोक दें या इसके बढ़ने की दर को धीमा कर सकें। 

 

ग्लूकोमा को खत्म करने का कोई ईलाज नहीं है। इसे आप सिर्फ उसी जगह रोक सकते हैं या इसके बढ़ने की दर को कम कर सकते हैं।

 


क्या कारण है ग्लूकोमा का - Cause of Glaucoma in Hindi


हमारी आंख लगातार एक साफ फ्लूइड बनाया करती है। यह हमारी आंखों को पोषण देता है और इसको फुलाता या ऊपर रखता है। 

 

हमारी आंख लगातार यह फ्लूइड बनाया करती है जितना फ्लूइड आंख हमारी बनाती है उतना ही फ्लूइड आंख ड्रेनेज एंगल से निकाल भी देती है ताकि बैलेंस बना रहे। 

 

यह प्रॉसेस हमारी आंख के अंदर का प्रेशर जिसे हम इंट्राकुलार प्रेशर कहते हैं को नियंत्रित रखता है। 

 

जब कभी यह ड्रेनेज सिस्टम या एंगल सही से काम नहीं कर पाता तो हमारी आंख में फ्लूइड तो आया करता है लेकिन यह निकल नहीं पाता। 

 

जिसके कारण हमारी आंख में दबाव बढ़ जाता है यह बढ़ा हुआ प्रेशर हमारी आंख की ऑप्टिक नर्व को डैमेज करने लगता है। 

 

हमारी आंख की ऑप्टिक नर्व लाखों छोटी छोटी फाइबर नर्व से बनी होती है। जब इनपर प्रेशर पढ़ता है तो यह डैमेज हो जाती हैं और हमारी आंख में एक ब्लाइंड स्पॉट बन जाता है। 

 

जब यह अधिक मात्रा में डैमेज होती हैं तो हमें ग्लूकोमा के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।  

 

ग्लूकोमा होने का मुख्य कारण तो ज्ञात नहीं हो पाता लेकिन डॉक्टर्स मानते हैं की आंख के ड्रेनेज सिस्टम में समस्या, हाई ब्लड प्रेशर, खून की सही से सप्लाई ऑप्टिक नर्व में ना होना, कोर्टिकोस्टीरॉयड का सेवन और आंख को डाईलेट करने वाली दवाई लगातार डालना ग्लूकोमा का कारण हो सकता है। 

 

 

ग्लूकोमा के प्रकार - Types of Glaucoma in Hindi


ग्लूकोमा के मुख्यता पांच प्रकार होते हैं। 


1) Open Angel Glaucoma ( chronic )


यह सबसे कॉमन ग्लूकोमा होता है। यह ग्लूकोमा ९०% लोगों को होता है। इसमें धीरे धीरे हमारी विजन का लॉस हुआ करता है। यह इतना धीमे होता है की हमें पता ही नहीं चल पाता। इसके कोई भी लक्षण नहीं दिखाई देते।


2) Angle Closure Glaucoma ( acute )


इस प्रकार के ग्लूकोमा में हमारी आंख का एक्वियस ह्यूमर फ्लूइड अचानक से ब्लॉक हो जाता है जिसके कारण हमें अचानक से तेज दर्द होता है और हमारा विजन ब्लर होने लगता है। इस स्तिथि में हमें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


3) Congenital Glaucoma


यह ग्लूकोमा बच्चों में जन्म के साथ होता है जिसके कारण उनके ड्रेनेज सिस्टम में समस्या रहती है। यह अनुवांशिक होता है और इसके लक्षण दिखाई देते हैं जैसे क्लाउडी आंखे, बहुत ज्यादा आंसू आना और रोशनी के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशीलता।


4) Secondary Glaucoma


यह ग्लूकोमा आंख में किसी चोट लगने की वजह या मोतियाबिंद, आंख का ट्यूमर या कोर्टिकोस्टेरॉइड की वजह से होता है। कई बार आंख की सर्जरी से भी Secondary Glaucoma हो जाता है।


5)  Normal Tension Glaucoma


कुछ मामलों में आंख में बिना किसी प्रेशर के कारण भी आंख की नर्व डैमेज हो जाती है इसका कोई कारण तो ज्ञात नही है लेकिन डॉक्टर्स मानते हैं की यह हमारे ऑप्टिक नर्व में ब्लड सप्लाई रुक जाने की वजह से होता है। 


ग्लूकोमा किन लोगों को ज्यादा होता है


ग्लूकोमा मुख्यता उनको ज्यादा होता है जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर होती है, अफ्रीकन और अमेरिकन लोगों को होने की संभावना जायदा होती है, जिनका पारिवारिक इतिहास रहा हो, आंख में चोट लगी हो, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, कोर्टिकोस्टेरॉयड का अधिक प्रयोग भी ग्लूकोमा कर सकता है।  


ग्लूकोमा की जांच - Diagnosis of Glaucoma in Hindi


ग्लूकोमा एक बढ़ने वाली बीमारी है और समय से साथ बढ़ती रहती है। इसलिए समय समय पर इसकी जांच बहुत जरूरी है। 

 

ग्लुकोमा की जांच के लिए Tonometry Test इस टेस्ट में आपकी आंख  के अंदर फ्लूइड का प्रेशर कितना है यह जांचा जाता है। 

 

Pachymetry Test इस टेस्ट में डॉक्टर आपकी कॉर्निया की मोटाई जांचता है। Perimetry Test इस टेस्ट में डॉक्टर आपकी विजन का दायरा देखता है। 

 

Dilate Eye Exam इसमें डॉक्टर आपकी पुतलियों को dilate करके आपकी ऑप्टिक नर्व देखता है। इसके आलावा डॉक्टर आपकी आंख की ऑप्टिक नर्व की फोटोग्राफी भी करता है। यह सारी जांचें आंख का डॉक्टर ही करता है। 

 


ग्लूकोमा का ईलाज - Treatment of Glaucoma in Hindi

 

ग्लूकोमा को खत्म नहीं किया जा सकता। इसको सिर्फ उसी जगह रोका जा सकता है या इसके बढ़ने की रफ्तार को कम किया जा सकता है। 

 

इसमें डॉक्टर या तो आपकी आंख का प्रेशर कम करने के लिए आई ड्रॉप देता है या फिर स्तिथि के अनुसार सर्जरी की सलाह देता है ताकि ड्रेनेज सिस्टम को सही कर सके। 

 

लेकिन ग्लूकोमा ना तो रोका जा सकता है और ना ही इसका इलाज किया जा सकता है। सिर्फ इसके होने की दर को धीमा किया जा सकता है। 

 

 

 

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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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