हमारे गले में तितली के आकार की एक ग्रन्थि होती है जिसे हम थायरॉयड ग्रंथि बोलते हैं।
यह ग्रन्थि हमारे शरीर में मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी हार्मोन्स स्त्रावित करती है।
हमारे शरीर की आवश्कता अनुसार पिट्यूटरी ग्रन्थि थायराइड ग्रन्थि को सिग्नल देती है की कितना हार्मोन निकालना है।
थायरॉयड ग्रंथि ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) और थायरोक्सिन (T4) छोड़ती है।
T3 हार्मोन क्या होता है
T3 हार्मोन Triiodothyronine हार्मोन होता है जो हमारे थायरॉयड ग्लैंड से निकलता है।
T3 हार्मोन का उपयोग मुख्यता हाइपरथायरॉइडिज्म का पता लगाने में किया जाता है।
हमारी थायरॉयड ग्लैंड 95% T4 हार्मोन निकालती है और 5% T3 हार्मोन।
T4 लिवर में जाकर T3 में परिवर्तित हो जाता है।
यह दो रूप में पाया जाता है फ्री T3 और बाउन्ड T3
बाऊंड T3 मुख्यता प्रोटीन से जुड़ा होता है जबकि फ्री T3 अकेला ही होता है। फ्री T3 का हिस्सा बहुत ही कम होता है।
T3 हमारे शरीर के तापमान, हार्ट रेट, ग्रोथ और मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है।
T3 की अधिक मात्रा Thyrotoxicosis कहलाती है। यह स्तिथि हाइपरथायरडिज्म कहलाती है।
हाइपरथायरॉइडिज्म में हमारी थायरॉयड ग्रंथि अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन बनाने लगती है।
हाइपर थायरॉयडिज्म होने का मुख्य कारण ग्रेव्स डिजीज, थायरॉयड ग्रन्थि में इन्फ्लेमेशन या ट्यूमर होता है।
कौन सी दवाईयां T3 टेस्ट को प्रभावित कर सकती हैं
T3 टेस्ट करवाने से पहले आपको कुछ दवाईयां रोकनी होगी क्योंकि ये दवाईयां इसके रिजल्ट को प्रभावित कर सकती हैं। जैसे
1) Carbamazepine
2) बर्थ कंट्रोल पिल्स
3) एमियोडरोन (Amiodarone)
4) बायोटिन (Biotin)
5) थायरॉयड मेडिसिन
6) प्रोप्रानोलोल (Propranolol)
7) फ़िनाइटोइन (Phenytoin)
8) स्टेरॉइड्स
T3 बढ़ने से क्या क्या दिक्कत होती है
1) वजन गिरना
2) भूख का बढ़ जाना
3) हृदय की धड़कन बढ़ जाना (Tachycardia)
4) अनियमित मासिक धर्म
5) बालों का कमजोर होना और टूटना
6) थकान और चिड़चिड़ाहट
7) गर्मी सहन न कर पाना
8) पसीना अधिक आना
9) नींद ना आना
10) बार-बार शौच जाना
11) काँपना
T3 हॉर्मोन के बढ़े होने का क्या कारण होता है
1) ग्रेव्स डिजीज (70% Cases)
2) हाइपर थायरॉयडिज्म (Hyperthyroidism)
3) साइलेंट थायरॉयडआईटिस (Thyroiditis)
4) टॉक्सिक नोडुलर गोईटर
5) ट्यूमर या कैंसर
6) आयोडीन की अधिक मात्रा (Iodine Excess)
7) गर्भावस्था
T3 हॉर्मोन के कम होने का क्या कारण होता है
1) हाइपोथायरॉयडिज्म (Hypothyroidism)
2) रेडिएशन थैरेपी
3) ऑटोइम्यून डिजीज (Hashimoto's Thyroiditis)
4) सर्जरी
5) गर्भावस्था
6) आयोडीन की कमी
7) लंबी बीमारी या लंबे समय से भूखा रहना
8) कुपोषण
9) पिट्यूटरी ग्लैंड का सही से काम न करना (Pituitary Gland Disorders)