हाइपोकालेमिया (Hypokalemia) वह कंडीशन है जब हमारे शरीर में पोटैशियम का स्तर बहुत कम हो (Hypokalemia meaning in hindi) जाता है। पोटैशियम एक इलेक्ट्रोलाइट्स होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी होता है।
पोटैशियम हमारे शरीर की मांशपेशियों और नर्व्स के सेल्स की गतिविधियों के लिए बहुत ही आवश्यक होता है खासतौर पर हमारे हार्ट की मांशपेशियों के सेल्स के लिए।
पोटैशियम हमारे ब्लड प्रेशर को बहुत ज्यादा बढ़ने से भी रोकता है। हमारे गुर्दे शरीर में पोटैशियम के स्तर को बनाए रखते हैं और अधिक मात्रा होने पर इसे मूत्र मार्ग से निकाल देते हैं।
हाइपोकालेमिया का अगर समय से ईलाज ना किया जाए तो मरीज के लिए यह बहुत ही खतरनाक स्तिथि होती है और मरीज की जान भी जा सकती है।
कितना पोटैशियम होना चाहिए Hypokalemia kya hota hai
जब हमारे ब्लड में पोटैशियम का स्तर 3.5 mEq/L से कम होता है तो इसे हम हाइपोकालेमिया कहते हैं। जब यह स्तर 2.5 से 3.0 mEq/L के बीच हो जाता है तो इसे मॉडरेट हाइपोकालेमिया कहते हैं।
लेकिन जब यह 2.5 mEq/L से कम हो जाता है तो इसे सीवीयर हाइपोकालेमिया कहते हैं जो की बहुत ही खतरनाक कंडीशन होती है।
अगर तुरंत ही इसे मैनेज ना किया जाए तो मरीज की मौत हो सकती है। पोटैशियम का सामान्य स्तर हमारे ब्लड में 3.5 mEq/L से 5.1 mEq/L होती है।
हाइपोकालेमिया के लक्षण What Are The Signs And Symptoms Of Hypokalemia
जब पोटैशियम का स्तर थोड़ा कम होता है तो हमे इसके कोई लक्षण महसूस नहीं होते लेकिन जब यह अधिक गिर जाता है तो फिर हमें इसके लक्षण महसूस होने लगते हैं जैसे
1) कमजोरी और थकान
2) मांसपेशियों में ऐंठन
3) कब्ज
4) असामान्य धड़कन
5) बार बार पेशाब होना और बहुत अधिक प्यास लगना
6) शरीर के किसी अंग का अचानक काम ना करना (मांसपेशियों का)
हाइपोकालेमिया क्यों होता है What Causes Hypokalemia
1) लगातार उल्टी या डायरिया के कारण
2) बहुत अधिक पसीना आने के कारण
3) मूत्रवर्धक दवाओं का अधिक इस्तेमाल करने से
4) भोजन में आवश्यक पोटैशियम की मात्रा ना लेने पर
5) किडनी या एड्रेनल ग्रन्थि में कोई बीमारी होने पर
6) बहुत अधिक शराब के सेवन से
7) एंटीबायोटिक्स और स्टेरॉइड का सेवन करने से
8) फॉलिक एसिड की कमी होने से
9) कीटोएसिडोसीस होने पर
10) मैग्नेशियम की कमी होने पर
हाइपोकालेमिया की जांच How Is Hypokalemia Diagnosed
1) इलेक्ट्रोलाइट्स
2) मैगनिशियम
3) यूरीन एनालिसिस
4) रैंडम ब्लड शुगर (RBS)
5) अल्डोस्टरोन Aldosterone
6) ECG
हाइपोकालेमिया का ईलाज Low Potassium Treatment In Hospital
हाइपोकालेमिया होने पर आपको मरीज को हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। वहां डॉक्टर मरीज के पोटैशियम लेवल और हार्ट की स्तिथि देखते हुए आइवी के माध्यम से पोटैशियम चढ़ा देंगे।
जिससे मरीज को तुरंत आराम मिलना शुरू हो जायेगा। कई बार मरीज को भर्ती करवाने की जरूरत नहीं पड़ती। डॉक्टर मरीज को पोटैशियम सप्लीमेंट की दवाई दे देगा जिससे धीरे धीरे मरीज की कंडीशन में सुधार आ जाएगा।
हाइपोकालेमिया होने पर खुद उपचार शुरू ना कर दें क्योंकि अगर मरीज ने जायदा पोटैशियम ले लिया तो उसको दूसरी समस्या हाइपरकालेमिया हो जाएगा।
पोटैशियम से भरपूर भोजन What Food Has The Most Potassium
खुबानी, आर्टिचोक्स, केला, फलियां, ब्रोकली, मछली, कीवी फ्रूट, दालें, दूध, मशरूम, ड्राई फ्रूट्स, संतरा, अनार, पालक, टमाटर, तरोई, कद्दू ईत्यादि
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