सीआरपी टेस्ट क्या होता है और क्यों किया जाता है | CRP Blood Test in Hindi

 

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CRP Blood Test in Hindi - आज हम जानेंगे की सीआरपी टेस्ट क्या होता है और सीआरपी टेस्ट क्यों किया जाता है?

CRP का मतलब होता है C Reactive Protein, यह एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो हमारे लिवर में बनता है। 

CRP हमारे शरीर में इंफलमेशन और डैमेज का मार्कर होता है। 

जब भी हमारे शरीर में कोई इंफ्लेमेशन या डैमेज होता है तो हमारा लिवर इस एंजाइम को निकालने लगता है। 

यह एंजाइम इंफ्लेमेशन या डैमेज वाली जगह पर जाकर उसे ठीक करने में लग जाता है। 

इन्फ्लेमेशन या डैमेज जितना अधिक होगा CRP हमारे लिवर द्वारा उतना ही रिलीज किया जाएगा। 

CRP को एक्यूट फेज रिएक्टेंट (Acute Phase Reactant) कहते हैं।


किन बीमारियों में C-Reactive Protein बढ़ जाता है - Cause of High CRP Test in Hindi

CRP का स्तर हमारे ब्लड में अधिकतर मामलों में किसी इंफेक्शन होने पर या रूमेटॉयड आर्थराइटिस होने पर बढ़ता है। 
 
इसके बढ़ने के अन्य कारण भी होते हैं जैसे
 
1) किसी ऑर्गन का डैमेज होना
 
2) कैंसर
 
3) हार्ट अटैक 
 
4) इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (IBD)
 
5) लुपस (Lupus)
 
6) कोई भी ऑटोइम्यून डिजीज
 
7) सेप्सिस (Sepsis)
 
8) बैक्टिरियल या फंगल इंफेक्शन में 

CRP टेस्ट की नॉर्मल वैल्यू - CRP Test Normal Range in Hindi

CRP की हमारे ब्लड में नॉर्मल वैल्यू 10 mg/L से कम होनी चाहिए। अगर CRP की वैल्यू इससे ज्यादा है तो यह शरीर में इंफ्लेमेशन को दर्शाती है। 
 
CRP की नॉर्मल वैल्यू हर लैब में अलग अलग होती है क्योंकि इसको टेस्ट करने वाली हर मशीन अलग अलग ढंग से काम करती है। 
 
सटीक परिणाम जानने के लिए अपनी ब्लड रिपोर्ट में लिखी हुई नोर्मल वैल्यू को ही स्टैंडर्ड वैल्यू मानें।
 

CRP लेवल बढ़े होने के लक्षण - Symptoms of High CRP Test in Hindi

डॉक्टर आपके लक्षणों को देखते हुए आपको CRP टेस्ट लिखता है। CRP का स्तर ब्लड में बढ़े होने के निम्न लक्षण होते हैं 

1) बुखार

2) कमजोरी और थकान

3) अचानक वजन कम होना

4) शरीर के किसी हिस्से में सूजन

5) सिर दर्द

6) ठंड लगना 

7) नींद ना आना

8) भूख ना लगना

9) उल्टी होना या उल्टी जैसा महसूस होना

10) हृदय की धड़कन का बढ़ जाना

11) तेज सांस चलना
 

क्या CRP टेस्ट खाली पेट होता है

नहीं, C-Reactive Protein यानी की CRP टेस्ट के लिए कोई खास तैयारी की जरूरत नहीं होती और आप ये टेस्ट कभी भी करवा सकते हैं। 
 
इसके लिए खाली पेट या भरा पेट होने की कोई भी जरूरत नहीं होती। आप अपनी सहूलियत के अनुसार कभी भी करवा सकते हैं।
 

CRP के साथ और कौन कौन से टेस्ट करवाए जाते हैं - Supporting Test For CRP in Hindi

CRP टेस्ट इंफ्लेमेशन का सटीक कारण नहीं बताती यह बस इतना बताती है की शरीर में कहीं इंफ्लेमेशन या डैमेज है। 
 
अब यह इंफ्लेमेशन किस कारण से है यह जानने के लिए डॉक्टर आपके लक्षणों के आधार पर अन्य टेस्ट करवाता है। जैसे

1) CBC

2) RA Factor 

3) ESR

4) LFT

5) KFT

क्या किसी अन्य कारण से भी CRP का स्तर बढ़ सकता है - Factor Affecting Level of CRP Test in Hindi

1) जो लोग अचानक से कसरत या व्यायाम शुरू करते हैं उनका CRP लेवल शुरू में बढ़ा रहता है

2) मोटापे के कारण भी CRP का स्तर बढ़ा रहता है

3) डायबिटीज के कारण भी CRP का स्तर बढ़ जाता है

4) गर्भ निरोधक गोलियां खाने से CRP का स्तर बढ़ जाता है

5) शरीर में कहीं चोट लगने पर भी CRP का स्तर बढ़ जाता है

6) शराब सिगरेट और तम्बाकू के सेवन से भी CRP का स्तर बढ़ जाता है
 

CRP के स्तर को कम कैसे करें - How to Decrease CRP Test in Hindi

सबसे पहले तो जिस बीमारी के कारण CRP बढ़ा है उसका ईलाज जरूरी है। उसके बाद आपको CRP का स्तर कम करने के लिए निम्न चीजें करनी चाहिए

1) आराम करें और तनाव ना लें

2) पौष्टिक आहार लें

3) भरपूर मात्रा में पानी पिएं

4) फलों का सेवन करें 

5) विटामिन C और विटामिन D के सप्लीमेंट लें
 

Hs-CRP टेस्ट क्या होता है - What is Hs-CRP Test in Hindi

जब कभी डॉक्टर को हृदय की बीमारी या हृदय में किसी डैमेज या इन्फ्लेमेशन का पता करना होता है तो वो High Sensitive CRP यानी की Hs-CRP टेस्ट करवाता है। 
 
Hs-CRP टेस्ट हमारे हृदय के इन्फ्लेमेशन के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी देता है। 
 
इसका बढ़ा होना भविष्य में होने वाली हृदय की खराबी का संकेत देता है।
 
स्टडी के अनुसार Hs-CRP स्तर का बढ़े होने का मतलब है की 20% चांसेज हैं की आपको भविष्य में (10 साल के अंदर) हार्ट अटैक हो सकता है।
 
इसकी सही जानकारी के लिए आपको Hs-CRP बढ़े होने पर इसके साथ LDL टेस्ट और ईको टेस्ट जरूर करवाना चाहिए ताकि आप किसी हृदय की बीमारी का पहले ही पता लगा सकें।
 

Hs-CRP की नॉर्मल वैल्यू क्या होती है

Hs-CRP अगर 1 mg/ml से कम है तो आपको कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की संभावना कम है

Hs-CRP अगर 1.0 mg/ml से 3.0 mg/ml के बीच है तो आपको कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की संभावना है।

Hs-CRP अगर 3.0 mg/ml से अधिक है तो आप कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के हाई रिस्क पर हैं।
 
 

CRP कोविड-19 के इंफेक्शन में

CRP का हमारे ब्लड में नॉर्मल वैल्यू 10 mg/L होती है और जब किसी मरीज को Covid होता है तो इसका स्तर कई गुना बढ़ जाता है और 
 
एक स्टडी में देखा गया है की जिस मरीज को सीवियर कोविड इंफेक्शन होता है उनका CRP लेवल 40 mg/L या इससे जायदा हो जाता है। 
 
अगर किसी कोविड पेशेंट का CRP स्तर 10 गुना या इससे  ज्यादा बढ़ा हुआ है तो उस मरीज की हॉस्पिटलाइजेशन की सम्भावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।
 
 

CRP लेवल कितने समय में नॉर्मल हो जाता है - Normal Level of CRP Test in Hindi

जब भी हमारे शरीर में कोई डैमेज होता है तो 4 से 6 घण्टे में CRP का स्तर बढ़ने लगता है और हर 8 घण्टे में दुगुना हो जाता है और 72 घण्टे में ये अपने उच्च स्तर पर होता है। 
 
धीरे-धीरे ये 3 से 5 दिन में CRP का स्तर नॉर्मल हो जाता है।
 
 
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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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