ESR Blood Test in Hindi - आज हम जानेंगे की ESR टेस्ट क्या होता है और इसको कराने का क्या कारण होता है।
ESR का मतलब है Erythrocyte Sedimentation Rate, यह हमारे शरीर में इन्फ्लेमेशन और इन्फेक्शन को दर्शाता है।
हमारे ब्लड में लाल रक्त कोशिकाओं को ही एरिथ्रोसाइट (Erythrocyte) कहते हैं
जब भी हम बीमार होते हैं तो इन्फ्लेमेशन और इन्फेक्शन के कारण हमारे रेड ब्लड सैल्स में थक्का जमने लगता है जिसके कारण यह भारी हो जाता है और नीचे बैठने लगता है।
इसका मुख्य कारण है की किसी इन्फ्लेमेशन की स्तिथि में हमारा शरीर कुछ खास तरह के प्रोटिन बनाता है
जिसके कारण हमारे ब्लड में इम्यूनोग्लोबुलिन (Immunoglobulin) और फाइब्रिनोजन (Fibrinogen) की कंसंट्रेशन बढ़ जाती है और ब्लड भारी हो कर नीचे बैठने लगता है।
ESR टेस्ट में इसी विधि को अपनाकर हमारे शरीर में इन्फ्लेमेशन और इन्फेक्शन की स्थिति को मापा जाता है।
ESR वैल्यू बढ़े होने का क्या मतलब है - Reasons for High ESR Blood Test in Hindi
अगर आपकी ESR वैल्यू नॉर्मल से ज्यादा आती है तो इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे
1) इंफेक्शन
2) रूमेटॉयड आर्थराइटिस
3) रूमैटिक फीवर
4) इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (IBD)
5) हार्ट डिजीज
6) किडनी डिजीज
7) विशेष प्रकार के कैंसर
8) चोट के कारण
9) इम्यून डिसऑर्डर
10) वास्कुलर डिजीज
11) बुढ़ापा
12) गर्भावस्था
कई बार ESR बहुत कम होता है यह भी कुछ बीमारियों को दर्शाता है जैसे
1) सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia)
2) पॉलिसिथेमिया (Polycythemia)
3) लेऊकोसाइटोसीस (Leukocytosis)
4) कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर (Congestive Heart Failure)
5) हाइपोफाइब्रोनोजेनीमिया (Little Fibrinogen In The Blood)
ESR बढ़े होने के लक्षण - Symptoms of High ESR Levels in Hindi
1) बुखार
2) जोड़ों में दर्द
3) सिर में दर्द
4) शरीर में जकड़न
5) थकान लगना
6) उलझन होना
7) किडनी की बीमारी
8) पेट में दर्द या इंफेक्शन
9) डायरिया
10) गठिया
11) भूख ना लगना
ESR को बढ़ने से कैसे रोकें
1) जिस बीमारी के कारण ESR बढ़ा है उसका ईलाज करवाएं
2) रोज योगा या व्यायाम करें
3) हरी पत्तेदार सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें
4) नॉन वेज कम कर दें
5) खूब पानी पिएं
6) विटामिन सी की गोलियां लें
ESR टेस्ट कैसे होता है - Method of ESR Test in Hindi
ESR टेस्ट करने के लिए आपके ब्लड को निकाल कर एक पतली और लंबी ट्यूब में डाला जाता है।
फिर एक घंटे बाद ट्यूब को देखा जाता है। ट्यूब में नंबर्स लिखे होते हैं, जो गिरने की दर को बताते हैं।
अगर आपके शरीर में कोई इन्फ्लेमेशन है तो आपके रेड ब्लड सैल्स जिन्हें हम Erythrocytes भी कहते हैं तेजी से जमने लगते हैं और इसके कारण ब्लड भारी होकर तेजी से नीचे बैठने लगते हैं।
जितनी ज्यादा इन्फ्लेमेशन होगी उतनी ही तेजी से रेड ब्लड सेल्स नीचे बैठने लगते हैं और ESR की वैल्यू उतनी ही ज्यादा आती है।
ESR
टेस्ट करने के वैसे तो दो तरीके हैं वेस्टेग्रेन मैथड और विंट्रोब मैथड,
लेकिन वेस्टरग्रेन मैथड सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इसमें 200
mm/hr तक का रिजल्ट आ जाता है।
वेस्टरग्रेन मैथड अधिक एक्यूरेट होता है।
ESR के रिजल्ट को कौन कौन सी बात प्रभावित कर सकती है - Factor Affecting ESR Test in Hindi
1) अगर आप गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हैं,
2) खून को पतला करने वाली दवाई ले रहे हैं,
3) कार्टिसोन ले रहें हैं या
4) विटामिन ए सप्लीमेंट ले रहें हैं
तो यह सब बातें आपके ESR के रिजल्ट को प्रभावित कर सकती हैं। कुछ अन्य दवाएं भी इसके स्तर को प्रभावित करती हैं जैसे
एण्ड्रोजन, जैसे टेस्टरोस्टोन (Testosterone)
हेरोइन (Heroin)
प्रेडनिसोन (Prednisone)
एस्ट्रोजन (Estrogen)
फेनीटोइन (Phenytoin)
मेथाडोन (Methadone)
प्रेडनीसोन (Prednisone)
फेनाथायजिन्स (Phenothiazines)
ESR की नॉर्मल वैल्यू कितनी होती है - Normal Range of ESR Test in Hindi
ESR की नॉर्मल वैल्यू पुरुष और महिलाओं में अलग अलग होती है।
50 से कम आयु के पुरूषों में यह 15 mm/hr होती है।
50 से अधिक आयु के पुरूषों में यह 20 mm/hr होती है।
50 से कम आयु की महिलाओं में यह 20 mm/hr होती है।
50 से अधिक आयु की महिलाओं में यह 30 mm/hr होती है।
बच्चों में यह 10 mm/hr होती है।
ESR टेस्ट कितने रुपए का होता है- Cost of ESR Test in Hindi
ESR टेस्ट 100 रुपए का होता है, लेकिन हर लैब में यह रेट अलग अलग होता है।
नोट:
ESR टेस्ट किसी भी खास बीमारी का इंडिकेटर नहीं होता, इसलिए केवल इस टेस्ट के आधार पर डॉक्टर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकता।
इसके साथ लक्षणों के आधार पर दूसरे टेस्ट भी किए जाते हैं ताकि सही निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।
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