PSA टेस्ट क्या होता है | PSA Test in Hindi

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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के एक आंकड़े के अनुसार भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ लोग कैंसर से मर जाते हैं। 
 
जिनमें से लगभग 75,000 लोग प्रॉस्टेट कैंसर के कारण मरते हैं। 
 
प्रॉस्टेट कैंसर पुरुषों में दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है।

यह कैंसर हमारे शरीर में बिना किसी लक्षण के पड़ा रहता है और फिर अचानक से तीव्र होकर मृत्यु का कारण बनता है।

प्रॉस्टेट ग्रंथि का मुख्य काम सीमेन बनाना होता है। प्रॉस्टेट कैंसर का पता लगाने के लिए जो टेस्ट किया जाता है उसे PSA कहते हैं।
 

प्रॉस्टेट क्या है

प्रॉस्टेट मूत्राशय के नीचे स्थित जामुन के आकार की एक ग्रंथि होती है जिसका वजन 30 ग्राम के करीब होता है। 
 
यह पुरुषों के जनन तंत्र का एक हिस्सा होती है। 
 
प्रॉस्टेट का मुख्य काम सीमेन बनाना और ये सुनिश्चित करना है की जब भी सीमेन बाहर निकले तो वह फोर्स के साथ मूत्रमार्ग से बाहर निकले। 
 
इसके अलावा प्रॉस्टेट टेस्टोस्टेरोन को इसके एक्टिव फॉर्म DHT में बदलने का भी काम करता है।
 

PSA ब्लड टेस्ट क्या है

PSA का मतलब होता है प्रॉस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (Prostate Specific Antigen) और यह एक प्रोटीन होता है जो हमारी प्रॉस्टेट ग्लैंड बनाती है।
 
यह हमारे सीमेन में पाया जाता है और थोड़ी मात्रा में हमारे ब्लड में भी पाया जाता है।
 
जब भी हमारे ब्लड में PSA का लेवल बढ़ जाता है तो यह प्रॉस्टेट कैंसर को दर्शाता है।
 
PSA ब्लड टेस्ट कैंसर को पहले ही पता लगाने में बहुत सहायता करता है।
 
जितना जल्दी आप प्रॉस्टेट कैंसर का पता लगा लेंगे उतनी ही संभावना है की प्रॉस्टेट कैंसर से होने वाली मृत्यु से आप बच सकेंगे।
 
प्रॉस्टेट कैंसर का शुरुआत में पता लग जाने से मृत्यु दर 25% तक कम हो जाती है।
 

Free PSA क्या होता है 

PSA हमारे ब्लड में दो रूपों में होता है एक किसी ब्लड प्रोटीन के साथ जुड़ा हुआ और एक अकेले।
 
जो एंटीजन अकेले होता है उसे ही Free PSA कहते हैं।

अक्सर ये देखा गया है की लगभग 75% पुरुष जिनका PSA का स्तर बढ़ा होता है उनको कैंसर नहीं होता।
 
ऐसे में बायोप्सी करवाना काफी दर्दनाक और रिस्की हो जाता है।
 
इसलिए डॉक्टर बायोप्सी के बजाए Free PSA टेस्ट करवाता है।
 
यह काफी आसान होता है और काफी सटीक भी होता है।
 
आपके Free PSA और टोटल PSA का प्रतिशत जितना कम होता जाएगा, कैंसर होने की संभावना उतनी ही बढ़ती जाएगी। 

PSA के साथ और कौन से टेस्ट करवाने चाहिए

PSA ब्लड टेस्ट कई बार प्रॉस्टेट कैंसर की सही स्थिति नहीं बता पाता।
 
प्रॉस्टेट में इन्फ्लेमेशन होने पर भी PSA का स्तर बढ़ कर आ जाता है।
 
इसलिए अगर आपका PSA का स्तर बढ़ा हुआ है तो डॉक्टर प्रॉस्टेट बायोप्सी या Free PSA जरूर करवाता है।
 

PSA ब्लड टेस्ट की नॉर्मल वैल्यू क्या होती है

PSA का स्तर उम्र के साथ साथ अलग अलग होता है।
 
लेकिन डॉक्टर्स मानते हैं की अगर PSA का स्तर 4.0 ng/mL से ज्यादा है तो आपको कैंसर की संभावना हो सकती है।
 
इसको कन्फर्म करवाने के लिए डॉक्टर बायोप्सी या Free PSA Test करवाते हैं।
 
अगर PSA का स्तर बॉर्डर लाइन (4 ng/mL से 10 ng/mL) के बीच है तो आपको 25% कैंसर होने की संभावना है।
 
अगर यह वैल्यू 10 ng/mL से ज्यादा है तो आपको कैंसर होने की संभावना 50% है।
 

PSA टेस्ट को कौन कौन सी बातें प्रभावित कर सकती हैं

कुछ विशेष परिस्तिथियां PSA की रिर्पोट को प्रभावित कर सकती हैं जैसे

1) जिन लोगों का प्रॉस्टेट बढ़ा होता है यानी की BPH (Benign Prostatic Hyperplasia) या
 
जिनको प्रॉस्टेट में इनफ्लामेशन (Prostatitis) होता है उनका भी PSA टेस्ट का लेवल बढ़ा रहता है।

2) कुछ दवाईयां (टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की दवाइयां) और कीमोथेरेपी PSA के स्तर को कम कर देती हैं।
 
इनके अलावा मोटापा भी PSA के स्तर को कम कर सकता है।

3) कई बार प्रॉस्टेट कैंसर होने के बाद भी PSA का स्तर नोर्मल आता है। इसलिए डॉक्टर बायोप्सी और MRI भी करवाता है।
 
 

PSA टेस्ट करवाने से पहले कौन कौन सी सावधानियां बरतें 

PSA टेस्ट करवाने से पहले आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा

1) आपको यूरिनरी इंफेक्शन ना हो
 
2) पिछले 6 हफ्तों में प्रॉस्टेट की बायोप्सी ना हुई हो
 
3) पिछले 48 घंटों में आपने कोई कठोर एक्सरसाइज ना की हो
 
4) टेस्ट करवाने के 48 घण्टे पहले तक सेक्स या इजेकुलेशन नहीं करना चाहिए
 

PSA ब्लड टेस्ट की कीमत कितनी होती है 

PSA ब्लड टेस्ट की कीमत लगभग 800 रुपए होती है।
 
जबकि Free PSA ब्लड टेस्ट की कीमत लगभग 1800 की होती है।
 
हर लैब और शहर में इसके रेट अलग अलग होते हैं।
 

प्रॉस्टेट में दिक्कत होने के लक्षण

प्रॉस्टेट ग्रन्थि पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ साथ बढने लगती है। जिसके कारण यह बहुत सारी समस्याएं खड़ी कर देती है। 
 
प्रॉस्टेट बढ़ने का कारण अभी तक सही तरीके से ज्ञात नही है। 
 
बस अभी इतना पता है की उम्र बढ़ने, प्रोस्टेट में चोट लगने या इंफेक्शन के कारण इसका आकार बढ़ने लगता है। 
 
इसके बढ़े हुए आकार के कारण यह मूत्रमार्ग को संकरा कर देती है जिसके कारण पेशाब आना बन्द हो जाता है या बहुत ही मुश्किल से पेशाब होती है। 
 
इसके लक्षण हैं
 
1) पेशाब ना होना

2) बार-बार थोड़ी थोड़ी पेशाब होना

3) पेशाब की धार कम होना

4) पेशाब रोकने में समस्या होना

5) रात में बार बार पेशाब होना

6) सीमेन में खून आना

7) सीमेन निकलते वक्त दर्द होना

8) पीठ में दर्द होना

9) ब्लैडर पूरी तरह से खाली ना हो पाना
 
10) पेशाब बहुत देर से निकलना

प्रॉस्टेट का ईलाज

प्रॉस्टेट का ईलाज मरीज की उम्र, प्रॉस्टेट का आकार और प्रॉस्टेट की गंभीरता के अनुसार किया जाता है।
 
डॉक्टर सबसे पहले दवाईयों से ईलाज शुरू करता है। 
 
बढ़े हुए प्रॉस्टेट में अल्फा ब्लॉकर (Alfuzosin, Silodosin, Doxazosin) या Tadalafil दवाईयां दी जाती हैं। 
 
ये दवाईयां प्रॉस्टेट और ब्लैडर की मांसपेशियों को रिलैक्स कर देती हैं जिससे इनके लक्षणों में आराम मिलता है।
 
इसके अलावा 5 Alpha Reductase Inhibitors (Finasteride, Dutasteride) भी दी जाती है। यह दवाई प्रॉस्टेट के आकार को कम करने का काम करती हैं।
 
जब इन दवाईयों से मरीज को आराम नहीं मिलता और प्रॉस्टेट के कारण दिक्कतें बढ़ने लगती हैं तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देता है। 
 
सर्जरी कई प्रकार से होती हैं
 
TURP में प्रॉस्टेट का बाहरी हिस्सा छोड़कर सभी भाग निकाल देता है।
 
TUIP सर्जरी में प्रॉस्टेट ग्रन्थि में एक या दो चीरे लगा कर पेशाब निकलने का रास्ता बना दिया जाता है।
 
TUMT सर्जरी में प्रॉस्टेट का अंदर की तरफ बढ़ा हुआ हिस्सा काट कर निकाल दिया जाता है। 
 
इसके आलावा लेजर थैरेपी, प्रॉस्टेट को लिफ्ट करना, वॉटर वेपर थर्मल थेरैपी, एंबोलाइजेशन ईत्यादि सर्जरी की जाती हैं। 
 
कौन सा तरीका अपनाना है यह डॉक्टर   मरीज की स्थिति और प्रॉस्टेट के आकार पर निर्भर करता है।
 

कैसे बचें प्रॉस्टेट की बीमारी से

40 वर्ष के होने के बाद पुरुषों में प्रॉस्टेट में सूजन या प्रोस्टाइटिस एक आम समस्या है। 
 
प्रॉस्टेट की बीमारी से बचने के लिए हमको अपने खान पान, कुछ घरेलू उपायों और लाइफ स्टाइल में कुछ परिवर्तन करने होते हैं। 
 
जिससे की हम प्रॉस्टेट में होने वाली किसी भी बीमारी को रोक सकते हैं। 

1) हल्के व्यायाम, योगा अथवा डांस, एरोबिक्स, तैराकी, साइक्लिंग ईत्यादि करें।

2) छोटे छोटे अंतराल पर थोड़ा थोड़ा भोजन करें। एक बार में ठूंस कर खाना ना खाएं।

3) फाइबर युक्त भोजन का अधिक सेवन करें और अधिक घी तेल या चिकनाई वाले भोजन से बचें।

4) चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड ड्रिंक और अल्कोहल से दूर रहें या बहुत ही कम सेवन करें।

5) अत्यधिक खट्टे फलों का सेवन कम करें। 

6) भरपूर मात्रा में पानी पिएं और हो सके हो दिन में कम से कम 5 लीटर पानी अवश्य पिएं। 
 
पानी थोड़ा थोड़ा करके पिएं और एक बार में अधिक पानी ना पिएं।
 
7) अगर हो सके तो हल्के गुनगुने पानी में स्नान करें। 
 
गर्मी में गर्म पानी से नुकसान हो सकता है इसलिए गर्मियों में बाथटब में 10 मिनिएट्स बैठे।

8) विटामिन ए और विटामिन डी का समुचित सेवन करें।

9) प्रोटीन युक्त डाइट लें और सब्जियों को जरूर अपने भोजन में शामिल करें।

10) अधिक मात्रा में कैल्शियम का सेवन ना करें। 

11) टेंशन कम करें और 7 घंटे की पर्याप्त नींद लें।
 
12) हर 6 महीने में एक बार PSA ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं।

Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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