Monkeypox Virus in Hindi - आजकल विश्व में कॉविड वायरस के बाद एक और खतरा मंडरा रहा है जिसे हम मंकीपॉक्स कहते है।
यह बहुत तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है।
खासतौर पर यह 15 साल से कम उम्र के बच्चों को सबसे ज्यादा 90% प्रभावित कर रहा है।
मंकीपॉक्स का नाम सुनकर लोगों को लगता होगा की यह बीमारी बंदरों से फैली होगी लेकिन ऐसा नहीं है।
इस बीमारी का नाम ही सिर्फ मंकीपॉक्स है लेकिन यह बंदरों से नहीं बल्कि गिलहरी और चूहों से फैलती है।
जिनको भी स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन लगी है वो मंकीपॉक्स वायरस से सुरक्षित हैं, लेकिन अब स्मॉलपॉक्स का खात्मा हो चुका है इसलिए लोग अब स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन नहीं लगवाते इसलिए मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का खतरा बना रहता है।
आप स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन लगवा कर मंकीपॉक्स से बच सकते हैं। आईए जानते हैं मंकीपॉक्स वायरस के बारे में
मंकीपॉक्स क्या है - What is Monkeypox Virus in Hindi
मंकीपॉक्स वायरस से फैलने वाली एक बीमारी है जिसमे हमारे शरीर में बड़े बड़े फफोले या फोड़े निकल आते हैं।
यह स्मॉलपॉक्स और चिकेनपॉक्स की तरह का एक ऑर्थोपॉक्स वायरस है।
इसके लक्षण प्रदर्शित होने के बाद यह दो से चार हफ्ते में अपने आप ही ठीक हो जाता है।
इसका अभी कोई ईलाज नहीं है। मंकीपॉक्स वायरस सन् 1958 में सबसे पहले खोजा गया था।
यह वायरस दो प्रकार का होता है। सेंट्रल अफ्रीकन और वेस्ट अफ्रीकन स्ट्रेन।
सबसे ज्यादा इंफेक्शन और मौतें सेंट्रल अफ्रीकन स्ट्रेन के कारण होती है।
वेस्ट अफ्रीकन स्ट्रेन इतना खतरनाक नहीं है। सेंट्रल अफ्रीकन मंकीपॉक्स स्ट्रेन से प्रभावित 100 व्यक्तियों में से 10 की मौत हो जाती है।
अभी तक यह बीमारी सिर्फ अफ्रीका और अमेरिका में ही फैली है लेकिन यह पूरे विश्व में फैल सकती है।
मंकीपॉक्स के लक्षण - Monkeypox Symptoms in Hindi
जब आप मंकीपॉक्स से संक्रमित होते हैं तो शुरू में यह कोई भी लक्षण नहीं प्रदर्शित करता।
यह आपके शरीर में 2 हफ्ते तक खुद को ढालता या इनक्यूबेट करता है।
उसके बाद यह हमारे रेस्पिरेट्री सिस्टम पर हमला करता है और हमें फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
बुखार, सरदर्द, थकान, पूरे शरीर में दर्द ईत्यादि होना शुरू होता है।
इन लक्षणों के बाद आपके शरीर में लाल निशान पड़ने लगते हैं जो दाने बन जाते हैं और फिर धीरे धीरे बड़े बड़े पस से भरे हुए दाने या फोड़े आपके हाथ, पैर, मुंह और गुप्तांगों में भी हो जाते हैं।
यह दाने दो से लेकर चार हफ्ते तक रहते हैं।
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है - Causes of Monkeypox in Hindi
मंकीपॉक्स फैलने का प्रमुख कारण किसी मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से होता है।
मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति को छूने अथवा उसके फोड़े में भरे हुआ पस के सम्पर्क में आने से ये हो जाता है।
अगर आप मंकीपॉक्स व्यक्ति से संबंध बनाते हैं या उसके नजदीक जाते हैं तो भी आपको मंकीपॉक्स हो सकता है।
जो व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित है उसका कोई भी सामान जैसे तौलिया, नेल कटर, शेव किट, साबुन ईत्यादि इस्तेमाल ना करे।
इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छीकने से निकलने वाले ड्रोपलेट्स से भी आप संक्रमित हो सकते हैं।
मंकीपॉक्स का ईलाज क्या है - Treatment of Monkeypox in Hindi
मंकीपॉक्स का अभी तक कोई ईलाज नहीं है। डॉक्टर अभी सिर्फ लक्षणों के आधार पर ईलाज करते हैं।
अधिकतर मरीज अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। सिर्फ 10 में से एक व्यक्ती को ही जान का खतरा होता है।
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए आप स्मॉलपॉक्स की वैक्सीन लगवा सकते हैं।
मंकीपॉक्स से संक्रमित होने पर डॉक्टर कुछ एंटीवायरल दवाईयां भी देते हैं।
मंकीपॉक्स से कैसे बचें - Vaccine of Monkeypox in Hindi
मंकीपॉक्स से बचने का सबसे आसान तरीका स्मॉलपॉक्स का वैक्सिनेशन है।
इसके अलावा आप मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें और संक्रमित व्यक्ति की कोई भी वस्तु का इस्तेमाल ना करें।
संक्रमित व्यक्ति को छुने से बचें और अगर जरूरी हो तो पीपीई किट पहन कर ही मिलें।
बीमार और मरे हुए जानवरों के सम्पर्क में मत आएं और जानवरों के मांस को खाने से परहेज करें।
अगर मांस खा रहे हैं तो उसको अच्छी तरह से पका कर ही खाएं।
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