Cortisol Blood Test in Hindi - आज हम जानेंगे की कॉर्टिसोल ब्लड टेस्ट क्या होता है और कोर्टिसोल की हमारे शरीर में क्या इंपोर्टेंस है।
Cortisol एक हार्मोन होता है जो की हमारी एड्रिनल ग्लैंड द्वारा बनाया जाता है। एड्रिनल ग्रन्थि हमारे दोनों गुर्दे के ऊपर स्थित होती हैं।
कोर्टिसोल ब्लड टेस्ट के द्वारा हम अपने शरीर में कोर्टिसोल का स्तर को जांचते हैं।
कोर्टिसोल का स्तर कम या अधिक होना बीमारी का लक्षण है और इसका उपचार किया जाना बहुत जरूरी होता है।
कोर्टिसोल का हमारे शरीर में क्या काम होता है - Role of Cortisol in Hindi
कोर्टिसोल हमारे शरीर की प्रत्येक कोशिका को प्रभावित करता है। यह कई महत्वपूर्ण कार्य करता है जैसे
1) किसी भी परिस्थिति से निपटने की क्षमता (Stress Management)
2) इंफेक्शन से बचाव
3) ब्लड शुगर को नियंत्रित करना
4) ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना
5) मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करना, भूख लगने का ऑर्डर यही हार्मोन देता है
कोर्टिसोल कम या अधिक होने के लक्षण - Symptoms of Low or High Cortisol Test in Hindi
जब हमारी एड्रिनल ग्रन्थि ढंग से काम नहीं कर पाती तो हमारा कार्टिसोल का स्तर कम या अधिक होने लगता है जिसके अलग अलग लक्षण होते हैं
कोर्टिसोल का अधिक होना
जब हमारे शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर अधिक हो जाता है तो इसे क्यूशिंग सिंड्रोम (Cushing's Syndrome) कहते हैं। इसके लक्षण हैं
1) मोटापा (खासतौर पर शरीर के ऊपरी भाग में)
2) हाई ब्लड प्रेशर
3) हाई ब्लड शुगर
4) रूखी सूखी त्वचा
5) कमजोर मांशपेशियां
6) औरतों में अनियमित पीरियड्स और चेहरे पर बाल आना
7) पेट में नीली रंग ही धारियां बन जाना
कोर्टिसोल का कम होना
जब हमारे शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर कम हो जाता है तो इसे एडिशन बीमारी (Addisions Disease) कहते हैं। इसके लक्षण हैं
1) थकान लगना
2) वजन कम होना
3) पेट में दर्द
4) मांसपेशियां कमजोर होना
5) ब्लड प्रेशर कम हो जाना
6) त्वचा में डार्क पैचेस बन जाना
7) उल्टी होना
8) डायरिया हो जाना
9) शरीर में बालों का कम हो जाना
जब हमारा कॉर्टिसोल लेवल असामान्य रूप से नीचे पहुंच जाता है तो इसे कोर्टिसोल क्राइसिस कहते हैं।
इस वक्त मरीज को तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती करवाना चाहिए। इसके लक्षण हैं
1) ब्लड प्रेशर का बहुत कम हो जाना
2) बहुत अधिक उल्टी होना
3) लगातार दस्त होना
4) डिहाइड्रेशन
5) पेट में, पेट के नीचे की तरफ और पैर में भयानक दर्द होना
6) कन्फ्यूजन या भ्रमित हो जाना
7) बेहोश हो जाना या चेतना खो देना
कॉर्टिसोल की नॉर्मल वैल्यू कितनी होती है - Normal Cortisol Level in Hindi
कोर्टिसोल की हमारे ब्लड में वैल्यू हर समय एक नहीं होती। इसलिए टेस्ट की टाइमिंग के हिसाब से वैल्यू देखी जाती है।
सुबह के समय लिए गए सैंपल में नॉर्मल वैल्यू 5 mcg/dL से 25 mcg/dL के बीच होती है।
शाम को लिए गए सैंपल की वैल्यू अलग होती है। इसलिए आप अपनी रिपोर्ट में दी गई रेंज के हिसाब से अपनी कॉर्टिसोल वैल्यू देखें।
कोर्टिसोल टेस्ट करवाने से पहले क्या सावधानियां बरतनी चाहिए - Precaution Before Cortisol Test in Hindi
कोर्टिसोल हमारे शरीर में पूरे दिन बना करता है लेकिन इसका स्तर हर समय अलग अलग होता है।
कोर्टिसोल सुबह सबसे हाई होता है और दोपहर में 4 बजे के करीब सबसे कम। इसलिए इस टेस्ट की टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है।
जब भी आप टेस्ट करवाएं तो टेस्ट टाइमिंग जरूर मेंशन करें अन्यथा रिपोर्ट सही नहीं आयेगी।
कॉर्टिसोल टेस्ट ब्लड के अलावा लार और यूरीन से भी किया जाता है।
लार से कार्टीसोल टेस्ट रात में 11 बजे के करीब किया जाता है क्योंकि उस वक्त कार्टिसोल लेवल कम होता है।
यूरीन से कॉर्टिसोल टेस्ट के लिए पूरे 24 घंटे की यूरीन को कलैक्ट किया जाता है और फिर उसको लैब में भेजा जाता है।
अगर कॉर्टिसोल टेस्ट की वैल्यू अधिक या कम आती है तो डॉक्टर ACTH टेस्ट और किडनी का CT टेस्ट भी करवाता है।
कौन सी चीजें कॉर्टिसोल के रिजल्ट को प्रभावित कर सकती हैं - Factors Affecting Cortisol Blood Test in Hindi
कुछ दवाईयां और बीमारियां कॉर्टिसोल के टेस्ट रिजल्ट को प्रभावित कर सकती हैं।
इसलिए अगर आपको निम्न बीमारियां हों या कुछ दवाएं चल रहीं हों तो डॉक्टर को जरूर बताएं
1) हाइपो थाइरॉयडिज्म
2) इंफेक्शन या बीमारी
3) हाईड्रोकार्टीसोन जैसे प्रेडनिसलोन
4) गर्भ निरोधक गोलियां
5) गर्भावस्था
6) अधिक एक्सरसाइज
कॉर्टिसोल टेस्ट कितने का होता है - Cost of Cortisol Blood Test in Hindi
कॉर्टिसोल टेस्ट 1500 के करीब होता है। हर शहर और लैब में यह कीमत अलग अलग हो सकती है।
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