हमनें अक्सर होली के दौरान देखा है की लोग भांग का सेवन कर लेते हैं और फिर लगातार हंसते रहते हैं या फिर कोई भी काम लगातार करते रहते हैं जैसे लगातार खाना खाना ईत्यादि।
चलिए समझते हैं की इसके पीछे का विज्ञान क्या है और क्यों भांग खाने के बाद हम लगातार हंसते रहते या कोई हरकत बार बार करते हैं।
भांग हमारे दिमाग में करता है केमिकल लोचा
भांग में टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (THC) नामक रसायन पाया जाता है।
जो की हमारे ब्रेन में पहूंच कर CB1 रिसेप्टर को उत्तेजित कर देता है।
यह रिसेप्टर दिमाग को न्यूरोट्रांसमीटर जैसे डोपामाइन, सेरोटोनिन और एंडोर्फिन को रिलीज करने का संकेत देते हैं और इनका स्तर हमारे खून में बढ़ जाता है।
इन हार्मोन्स को हैप्पी हार्मोन भी कहते हैं जो हमारे दिमाग को खुश रहने का आदेश देते हैं।
जिसके कारण हमें लगातार हंसी आया करती है या हमें भूख बहुत लगने लगती है।
इसके अलावा एक और कारण है जो हमारे दिमाग को उत्तेजित करता है।
हमारे दिमाग के दो लोब्स फ्रंटल लोब्स और टेंपोरल लोब्स हमारे हंसने, खुश रहने, मैमोरी को स्टोर करने, लॉजिक को समझने और रिफ्लेक्सेज के लिए जिम्मेदार होते हैं।
टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल दिमाग के इस भाग में ब्लड फ्लो बढ़ा देता है।
इसके कारण हमें सब कुछ अच्छा लगने लगता है और हमें हंसी आने लगती है।
यह CB1 रिसेप्टर के सक्रिय होने के कारण ही हमें अच्छा लगता है, हमारा मूड फ्रेश और खुशनुमा रहता है, विस्मित होना, किसी भी चीज का अच्छा लगना, उल्लास में होना, संतुष्ट सा महसूस होना आदि इसी के कारण होता है।
प्यार में होने पर जो अलग सी फीलिंग आती है वो भी इसी रिसेप्टर के सक्रिय होने के कारण आती है।
लेकिन भांग के सेवन से होने वाले साइड इफेक्ट्स बहुत ही ज्यादा हैं, इसलिए हमें इसके सेवन से बचना चाहिए।
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स्वास्थ्य