Eosinophils Meaning in Hindi - आज हम जानेंगे इयोस्नोफिल्स ब्लड टेस्ट के बारे में की इयोस्नोफिल्स टेस्ट क्यों करवाया जाता है और इयोस्नोफिल्स के बढ़े होने का क्या मतलब होता है।
क्या होते हैं इयोस्नोफिल्स - What is Eosinophils Meaning in Hindi
इयोस्नोफिल्स (eosinophils) व्हाइट ब्लड सेल्स का हिस्सा होते हैं और किसी भी इंफेक्शन से लड़ने में हमारे शरीर की सहायता करते हैं।
इयोस्नोफिल्स अधिकतर एलर्जी, फंगल, पैरासाइट्स और कुछ विशेष प्रकार के बैक्टिरियल इंफेक्शन के विरूद्ध काम करते हैं।
इयोसिनोफिल्स हमारे बोन मैरो (Bone Marrow) में बनते हैं। यह हमारे बॉडी के इम्यून सिस्टम का महत्वपूर्ण भाग होते हैं।
इयोसिनोफिल्स की नॉर्मल वैल्यू कितनी होती है - Normal Value of Eosinophils in Hindi
इयोसिनोफिल्स की हमारे ब्लड में नॉर्मल वैल्यू 500 cells/mcL होती है।
अगर वैल्यू इससे कम या ज्यादा होती है तो यह बीमारी को दर्शाती है।
इयोसिनोफिल्स बढ़े होने का मतलब - Eosinophils High in Hindi
जब हमारे शरीर में इयोसिनोफिल्स 500 cell/mcL से अधिक हो जाते हैं तो यह कंडीशन इयोसिनोफिलिया कहलाती है।
अगर यह वैल्यू 500 cell/mcL से 1500 cell/mcL के बीच होती है तो इसे माइल्ड इयोसिनोफिलिया कहते हैं।
जब यह वैल्यू 1500 cell/mcL से 5000 cell/mcL के बीच होती है तो इसे मॉडरेट इयोसिनोफिलिया कहते हैं।
लेकिन जब यह 5000 cell/mcL से अधिक हो जाती है तो इसे सीवियर इयोसिनोफिलिया कहते हैं।
इयोसिनोफिल्स के बढ़े होने का मतलब है की
1) शरीर में किसी पैरासाइट का इंफेक्शन
2) ऑटो इम्यून डिजीज
3) एलर्जिक रिएक्शन
4) अस्थमा
5) ड्रग रिएक्शन
6) ल्युपस
7) कुछ विशेष प्रकार के कैंसर
8) क्रॉन्स डिजीज
9) अल्सरेटिव कोलाइटिस
10) सीजनल एलर्जी
11) पैरासाइट्स इंफेक्शन
12) IBD या Celiac डिजीज
Eosinophils कम होने का मतलब - Eosinophils Low Means in Hindi
वैसे तो इयोसिनोफिल्स जीरो भी हो सकता है और ये नॉर्मल होता है।
लेकिन कई बार इयोसिनोफिल्स कम होने का कुछ विशेष कारण होता है जैसे हमारे शरीर द्वारा कार्टिसोल का बहुत अधिक प्रोडक्शन करना, अल्कोहल का बहुत अधिक सेवन ईत्यादि।
हालांकि इयोसिनोफिल्स का कम होना कोई गम्भीर बात नहीं होती।
इयोसिनोफिल्स का स्तर सुबह कम होता है और रात में ज्यादा।
इयोसिनोफिल्स टेस्ट के पहले क्या सावधानियां बरतनी चाहिए - Precaution Before Eosinophils Test in Hindi
इयोसिनोफिल्स टेस्ट के पहले कोई विशेष सावधानी नहीं बरतनी पड़ती है।
यह टेस्ट कभी भी हो सकता है और इसका खाली पेट या भरे पेट से कोई मतलब नहीं होता।
लेकीन कुछ चीजें इयोसिनोफिल्स का स्तर बढ़ा सकती हैं जैसे
डाइट पिल्स, इंटरफेरों, कुछ एंटीबायोटिक, लैक्सेटिव, नींद वाली दवाईयां
इयोसिनोफिलिया होने का मुख्य कारण क्या है
इयोसिनोफिलिया होने का मुख्य कारण एलर्जी है।
अगर आपको किसी चीज को लेकर एलर्जी है तो आपका शरीर इयोसिनोफिल बहुत अधिक मात्रा में बनाने लगता है।
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