Bronchitis Meaning in Hindi - आज हम जानेंगे की ब्रोंकाइटिस क्या है, ब्रोंकाइटिस के लक्षण क्या हैं और ब्रोंकाइटिस का ईलाज कैसे करें?
ब्रोंकाइटिस क्या है - Bronchitis Meaning in Hindi
ब्रोंकाइटिस हमारे फेफड़ों से संबंधित एक बीमारी होती है। ब्रोंकाइटिस में हमारे ब्रोंकियल ट्यूब (Bronchial) और ट्रैकिया (Trachea) में सूजन आ जाती है।
ब्रोंकियल ट्यूब के रास्ते ही हवा हमारे फेफड़ों से आती जाती है।
ब्रोंकाइटिस में हमारे ब्रोंकियल ट्यूब और ट्रैकिया में सूजन (Inflammation) होने के कारण बलगम अधिक बनने लगता है और फिर हमारे फेफड़े इस बलगम को बाहर निकालने की कोशिश करते हैं जिसकी वजह से मरीज को लगातार खांसी आती है।
ब्रोंकाइटिस का मुख्य कारण बैक्टिरियल, वायरल इंफेक्शन या किसी चीज से एलर्जी होती है।
ब्रोंकाइटिस कितने प्रकार का होता है - Types of Bronchitis in Hindi
ब्रोंकाइटिस दो प्रकार का होता है एक्यूट ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस
एक्यूट ब्रोंकाइटिस - Acute Bronchitis
एक्यूट ब्रोंकाइटिस जीवन में सबको होती है और यह अपने आप ही ठीक हो जाती है या कुछ लोगों को थोड़ी बहुत दवाई देनी पड़ती है और यह कुछ दिनों में ठीक हो जाती है।
एक्यूट ब्रोंकाइटिस हफ्ते या 10 दिन में ठीक हो जाती है। एक्यूट ब्रोंकाइटिस इंफेक्शन के कारण होती है।
क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस - Chronic Bronchitis
क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस COPD का एक रूप होता है। इसमें मरीज को लगातार बलगम वाली खांसी आती है। ब्रोंकाइटिस समय के साथ और खराब होती जाती है।
क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस होने का मुख्य कारण लंबे समय तक चलने वाला इंफेक्शन या एलर्जी होती है।
जो लोग सिगरेट पीते हैं उनको क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस होने की संभावना सबसे अधिक होती है।
क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस में खांसी लगातार आती है और कई बार तो मरीज को साल भर तक खांसी आती रहती है और ईलाज पर ही आराम मिलता है।
एक्यूट ब्रोंकाइटिस और क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस के लक्षण एक ही तरह होते हैं बस अवधि लंबी हो जाती है।
ब्रोंकाइटिस के लक्षण - Symptoms of Bronchitis in Hindi
1) लगातार खांसी
2) बलगम का आना
3) नाक बहना या जुकाम सा बना रहना
4) सर दर्द, थकान
5) कभी कभी सांस लेने में दिक्कत होना
6) गले में खराश रहना
7) सांस लेने के समय घरघराहट की आवाज होना
8) सीने में जकड़न महसूस करना
ब्रोंकाइटिस का क्या कारण है - Cause of Bronchitis in Hindi
ब्रोंकाइटिस होने का मुख्य कारण बैक्टिरियल वायरल इंफेक्शन या एलर्जी होती है।
जिसके कारण हमारे स्वांस नली में इरीटेशन होती है और फिर स्वांस नली सूज जाती है।
जो लोग सिगरेट पीते हैं उनको क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस होने की सबसे अधिक संभावना होती है।
जिस चीज से एलर्जी हो उसे दूर रहें नहीं तो ब्रोंकाइटिस होने की संभावना बढ़ जाती है।
एलर्जी किसी से भी हो सकती है जैसे धूल, धुंआ, परागकण, जानवरों के बाल, कोई खाद पदार्थ, इत्र या कुछ भी ऐसी चीज जिसके प्रति आपका शरीर संवेदनशील हो ब्रोंकाइटिस कर देता है।
ब्रोंकाइटिस में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए
1) खांसी में खून आए या गाढ़े रंग का बदबूदार बलगम आए
2) रात में खांसी लगातार आने लगे
3) खांसी 3 हफ्ते से अधिक समय से आ रही हो
4) सीने में घरघराहट हो और सांस लेने में दिक्कत हो
5) सीने में दर्द और जकड़न बनी रहती हो
6) बुखार आ रहा हो
7) अचानक से वजन कम होने लगे
इन सब लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
ब्रोंकाइटिस पता लगाने के लिए कौन सी जांच करवाई जाती है - Diagnosis of Bronchitis in Hindi
अगर किसी को लगातार खांसी आ रही है तो डॉक्टर कुछ जांचें करवाता है ताकि वो ब्रोंकाइटिस का पता लगा सके जैसे
1) चेस्ट का X-Ray
2) बलगम की जांच (AFB)
3) पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (PFT)
4) CBC
ब्रोंकाइटिस का ईलाज - Bronchitis Treatment in Hindi
अगर आपको ब्रोंकाइटिस है तो डॉक्टर आपको निम्न उपचार करता है
1) एंटीबायोटिक या एंटीवायरल दवाएं
2) एंटी एलर्जिक दवाएं
3) ब्रॉन्कोडायलेटर और म्यूकोलाइटिक
4) स्टीरॉइड्स या इन्हेलर्स
5) ऑक्सिजन थैरेपी
क्या ब्रॉन्काइटिस अपने आप दूर हो जाता है
ब्रोंकाइटिस अगर एक्यूट है तो अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस ठीक नहीं होता
यह मौसम बदलने पर या जिस चीज से आपको एलर्जी है उसके संपर्क में आने पर हो जाता है और फिर ईलाज से ही ठीक होता है, इसमें महीना भर लग जाता है ठीक होने में।
क्या ब्रोंकाइटिस बाद में निमोनिया में बदल जाता है
हां, अगर ब्रोंकाइटिस का ईलाज ना किया जाए तो यह निमोनिया में बदल सकता है।
ब्रोंकाइटिस के मरीजों को क्या सावधानी बरतनी चाहिए
1) धूल, धुंए और एलर्जन से दूर रहें
2) सिगरेट बिल्कुल बंद कर दें
3) हाथों की सफाई का ध्यान रखें
4) पानी भरपूर मात्रा में लें
5) भीड़ भाड़ वाली जगह में जानें से बचें
6) जिन चीजों से एलर्जी है उनसे दूर रहें
7) एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और मौसमी सब्जियां जरूर लें
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