जब किसी को डेंगू या मलेरिया होता है तो डॉक्टर रेगुलर प्लेटलेट्स काउंट की जांच करवाता है और प्लेटलेट्स कम होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाने को बोलता है। आईए समझते हैं की प्लेटलेट्स क्या होते हैं और प्लेटलेट्स क्यों चढ़वाए जाते हैं
क्या होते हैं प्लेटलेट्स
प्लेटलेट्स हमारे ब्लड के सबसे छोटे पार्टिकल होते हैं जिनका मुख्य काम होता है ब्लड को जमने में सहायता करना।
प्लेटलेट्स का आकार प्लेट की तरह होता है इसलिए इनको प्लेटलेट्स कहते हैं।
प्लेटलेट्स आपस में जुड़कर इंजुरी वाली जगह पर इखट्ठा हो जाते हैं और खून का बहना रोक देते हैं। प्लेटलेट्स को थ्रोंबोसाइट भी कहते हैं।
इनका कोई रंग नहीं होता और यह बहुत छोटे होते हैं इसलिए यह हमारी नसों की दीवार की तरफ रहते हैं और प्लाज्मा और दूसरे ब्लड के कणों को बहने का रास्ता देते हैं।
प्रत्येक 20 रेड ब्लड सैल्स पर एक प्लेटलेट्स होता है या आप कह सकते हैं की एक बूंद खून में 10 हजार से ऊपर प्लेटलेट्स होते हैं।
प्लेटलेट्स हमारे बोन मैरो में बनता है और हमारे बोन मैरो की सबसे बड़ी सैल मेगाकार्योसाइट्स (Megakaryocytes) ही प्लेटलेट्स बनाती है।
डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ती है
हमारे शरीर में प्लेटलेट्स की वैल्यू 1.5 लाख से 4.5 लाख तक होती है।
डेंगू होने पर हमारे शरीर के प्लेटेल्ट्स नष्ट होने लगते हैं क्योंकि डेंगू के वायरस हमारे प्लेटलेट्स को निशाना बनाते हैं। डेंगू बोन मैरो पर असर डालता है। बोन मैरो में ही प्लेटलेट्स बनता है। इसीलिए डेंगू होने पर प्लेटलेट्स कम हो जाता है।
जब प्लेटलेट्स की वैल्यू 20,000 से नीचे पहुंच जाती है तब हमारे शरीर की खून को जमाने की क्षमता कम या खत्म हो जाती है जिसके कारण मरीज को इंटरनल ब्लीडिंग होने लगती है।
मरीज की नसों से, फेफड़ों से, हार्ट से, त्वचा से और अन्य अंगों से ब्लड बाहर आने लगता है जिसके कारण मरीज की मृत्यु हो जाती है।
इसीलिए प्लेटलेट्स की वैल्यू अधिक कम होने पर मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाए जाते हैं।
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