बहुत से लोगों की यह शिकायत होती है की वह रेगुलर एक्सरसाइज कर रहें हैं, खानपान का पूरी तरह ध्यान रख रहें हैं फिर भी उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल काफी बढ़ा हुआ है।
अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आप अपनी थायराइड की जांच जरूर करवाएं।
जिनको थायराइड की समस्या
होती है उनको हार्ट अटैक होने की संभावना अन्य लोगों की तुलना में 3 गुना
अधिक होती है।
थायरॉयड की बीमारी होने पर या थायराइड की दवाई नियमित ना लेने पर आपकी नसों में बैड कोलेस्ट्रोल जमा होने लगता है जो बाद में हार्ट अटैक का कारण बनता है।
थायराइड की बीमारी में क्यों बढ़ जाता है कोलेस्ट्रोल
हमारे शरीर में तीन प्रकार के कोलेस्ट्रोल होते हैं गुड कोलेस्ट्रोल (HDL), बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड नॉर्मल फैट होता है जो शरीर में सैल्स को ऊर्जा प्रदान करता है।
थायराइड हार्मोन हमारे मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करता है।
अगर हमें हाइपोथायराइडिज्म (Under active Thyroid) होता है तो हमारा लिवर ब्लड को बहुत ही धीरे धीरे प्रॉसेस करता है जिसकी वजह से हमारे ब्लड में LDL कोलेस्ट्रोल (Bad Cholesterol) का स्तर बढ़ने लगता है और यही कोलेस्ट्रोल हमारी नसों में जमा हो जाता है।
हाइपोथायराइडिज्म में हृदय गति प्रभावित होती है और हृदय की नसों की इलास्टिसिटी यानी की
लचीलापन खत्म होने लगता है।
इस कारण कोलेस्ट्रोल नसों में जमा होना शुरू हो
जाता है और ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ने लगता है।
वहीं अगर आपको हाइपरथायरोडिजम (Over active Thyroid) है तो हमारे ब्लड में HDL कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol) का स्तर कम हो जाता है।
हाइपरथायरोडिजम में हृदय की गति अनियंत्रित होने लगती है और मरीज को Atrial Fibrillation नामक हृदय संबंधी परेशानी हो जाती है।
इस तरह से किसी भी थायराइड की बीमारी में हमारा कोलेस्ट्रोल लेवल प्रभावित होता है और यही बाद में हार्ट की नसों में जमा होकर हार्ट अटैक का कारण बनता है।
इसलिए थाइराइड की बीमारी होने पर थायराइड की दवाई नियमित रूप से खानी चाहिए।
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स्वास्थ्य