आज हम जानेंगे की गैस्ट्राइटिस क्या होती है (Gastritis in hindi) और गैस्ट्राइटिस होने का क्या कारण है।
गैस्ट्राइटिस क्या होती है - What is Gastritis in Hindi
हमारे पेट के
अंदर एक म्यूकस की लेयर होती है जो पेट को एसिड से बचाती है।
जब किन्हीं
कारणों से ये लेयर हट जाती है या कम हो जाती है तो पेट का वह हिस्सा एसिड
के संपर्क में आ जाता है,
जिसकी वजह से पेट में दर्द, सूजन, भारीपन, अपच,
खून आना, परफोरेशन (छेद) होना आदि समस्या शुरू हो जाती है जिसे हम
गैस्ट्राइटिस कहते हैं।
गैस्ट्राइटिस दो प्रकार की होती है
एक्यूट गैस्ट्राइटिस और क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस।
एक्यूट गैस्ट्राइटिस अचानक
से हो जाती है जबकि क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस लंबे समय से हुई गैस्ट्राइटिस
होती है।
क्रॉनिक गैस्ट्राइटिस का ईलाज जरुरी होता है अन्यथा ये स्वास्थ के
लिए गम्भीर परिणाम दे सकती हैं।
गैसट्राईटिस होने का कारण - Cause of Gastritis in Hindi
गैसट्राईटिस होने का मुख्य कारण H.pylori बैक्टीरिया है लेकिन कुछ अन्य कारण भी हैं जो गैसट्राईटिस करते हैं जैसे
शराब
जो लोग शराब का सेवन करते हैं उनको गैसट्राईटिस होने की संभावना अधिक होती है।
शराब के कारण हमारे पेट के अंदर की म्यूकस लेयर में छेद हो जाता है और जिसके कारण गैसट्राईटिस हो जाती है।
ऑटो इम्यून डिजीज
ऑटो इम्यून डिजीज के कारण भी गैसट्राईटिस हो जाती है। इसमें हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम ही हमारे पेट के अंदर की लेयर को नष्ट करने लगता है।
बैक्टीरियल इंफेक्शन
H.pylori के कारण होने वाला इंफेक्शन सबसे प्रमुख कारण है गैसट्राईटिस होने का, यह बैक्टीरिया हमारे पेट की अंदर की लेयर को तोड़ कर इन्फ्लेमेशन कर देता है जो गैसट्राईटिस का कारण बनती है।
एसिडिटी
जब हम कुछ खाते हैं तो उसको पचाने के लिए हमारा शरीर एसिड्स बनाता है। जब यह एसिड अधिक मात्रा में बनने लगता है तो यह आंतो में जानें की बजाय वापस मुंह में आने लगता है जिसे एसिड रिफ्लक्स कहते हैं।
अगर यह स्थिति लगातार होने लगे तो इसके कारण भी गैसट्राईटिस हो जाती है।
दवाईयां
कुछ दवाईयां जिनका हम जाने अनजाने में सेवन करते हैं उनके कारण भी गैसट्राईटिस हो जाती है। यह दवाइयां अधिकतर NSAID (दर्द निवारक दवा) और कोर्टिकोस्टेरॉइड होती हैं।
तनाव या चोट लगना
जो लोग अधिक तनाव में रहते हैं उनको भी गैसट्राईटिस होने की अधिक संभावना होती है। इसके अलावा पेट में चोट लगने पर भी गैसट्राईटिस होने की संभावना बढ़ जाती है।
उम्र
उम्र बढ़ने के साथ साथ हमारे पेट के अंदर की प्रोटेक्टिव लेयर कम होती जाती है इसलिए उम्र बढ़ने के साथ गैसट्राईटिस होने के चांसेज बढ़ जाते हैं।
तंबाकू
जो लोग सिगरेट और तंबाकू का सेवन अधिक करते हैं उनको भी गैस्ट्राइटिस हो जाती है।
गैसट्राईटिस के लक्षण - Gastritis Symptoms in Hindi
1) पेट भरा हुआ सा या फूला हुआ महसूस होना
2) पेट में दर्द
3) उल्टी जैसा महसूस होना या उल्टी होना
4) खाना ना पचना और हमेशा पेट गड़बड़ रहना
5) एसिडिटी रहना
6) सीने में जलन होना
7) हिचकियां आना
8) भूख ना लगना
9) उल्टी में खून आना
10) काले रंग की लेटरिन होना
11) अचानक से वजन कम होना
12) मल में तेज बदबू
गैस्ट्राइटिस की जांच - Diagnosis of Gastritis in Hindi
गैस्ट्राइटिस की जांच के बहुत से तरीके उपलब्ध हैं जैसे
1) सांस द्वारा जांच
इसमें पहले आपको एक कैप्सूल खिलाया जाता है जिसमें यूरिया और नुकसान ना करने वाले रेडियोएक्टिव पदार्थ होते हैं।
फिर उसके बाद आपको एक बैग जो गुब्बारे की तरह दिखता है उसमें फूकने को बोला जाता है।
अगर आपके पेट में H.pylori बैक्टीरिया है तो आपके गुब्बारे में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जायेगी क्योंकि यह बैक्टीरिया यूरिया को कार्बन डाइऑक्साइड में बदल देता है।
इसी बढ़ी हुई मात्रा से पता लग जाता है की आपको गैस्ट्राइटिस है या नहीं।
2) एंडोस्कोपी
एंडोस्कोपी की सहायता से भी गैस्ट्राइटिस का पता लगाया जाता है। डॉक्टर को अगर कुछ संदेह होता है तो वह साथ में बायोप्सी भी कर लेता है।
3) ब्लड टेस्ट और स्टूल टेस्ट
ब्लड और स्टूल टेस्ट की सहायता से भी गैस्ट्राइटिस का पता लग जाता है। इसमें H.pylori बैक्टीरिया की उपस्थिति देखी जाती है।
4) X-Ray
एक्स रे की सहायता से भी गैस्ट्राइटिस की जांच की जाती है। इसमें पहले आपको बेरियम का लिक्विड पीने को बोला जाता है और फिर एक्स रे किया जाता है।
गैस्ट्राइटिस का ईलाज - Gastritis Treatment in Hindi
गैस्ट्राइटिस का ईलाज डॉक्टर आपकी बीमारी की गंभीरता देखते हुए करता है और इसमें कई सारे विकल्प होते हैं।
अगर आपकी गैस्ट्राइटिस H.pylori बैक्टीरिया के कारण है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं से ईलाज करता है
और गैस्ट्राइटिस किसी अन्य कारण से है तो प्रोटॉन पंप इन्हिबिटर (PPI), एंटासिड्स, प्रोबायोटिक्स और एसिड कम करने वाली दवाई (फैमोटिडिन) लिखता है।
ईलाज के दौरान आपको मिर्च मसालेदार भोजन से दूर रहना होगा।गैस्ट्राइटिस ईलाज करवाने पर ठीक हो जाता है।
गैस्ट्राइटिस से बचाव कैसे करें - How to Prevent Gastritis in Hindi
हम अपनी खानपान की आदतों में सुधार करके गैस्ट्राइटिस से बच सकते हैं
1) मिर्च मसालेदार भोजन से परहेज करें
2) चाय और कॉफी का सेवन कम करें
3) शराब, सिगरेट, पान मसाला और तंबाकू बिल्कुल ना लें
4) दर्द निवारक गोलियां बिना डॉक्टर की सलाह के ना लें
5) एक बार में ठूंस कर खाना ना खाएं
6) अधिक तनाव ना लें
7) सफाई का ध्यान रखें, कुछ भी खाने से पहले हाथ अवश्य धोएं, स्ट्रीट फूड मत खाएं क्योंकि वो खाना हाइजेनिक नहीं होता।
गैस्ट्राइटिस का ईलाज ना करवाने पर क्या होगा
गैस्ट्राइटिस का ईलाज ना करवाने पर बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं जैसे
1) एनीमिया
2) पेट का कैंसर
3) पेरिटोनाइटिस (Peritonitis)
4) परनीशियस एनीमिया (डेफिशिएंसी ऑफ विटामिन बी 12)
5) पेट में छेद होना (perforation)
6) अल्सर
7) पेट से खून बहना
क्या गैस्ट्राइटिस संक्रामक रोग है
गैस्ट्राइटिस संक्रामक रोग नहीं है लेकिन अगर आप गंदा खाना खायेंगे जिसमें H.pylori बैक्टीरिया हैं तो आपको जरूर गैस्ट्राइटिस हो जायेगी।
इसलिए खाना खाने से पहले हाथ जरूर धोएं और स्ट्रीट फूड या बाहर के खाने से परहेज करें।
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