मायोसाइटिस क्या होता है और मायोसाइटिस होने का क्या कारण है | What is Myositis in Hindi

 
मायोसाइटिस क्या होता है

आज हम जानेंगे की मायोसाइटिस क्या होता है (What is Myositis in Hindi), मायोसाइटिस के लक्षण क्या है और मायोसाइटिस का उपचार कैसे करें।
 

मायोसाइटिस क्या होता है - What is Myositis in Hindi

मायोसाइटिस का मतलब होता है मांसपेशियों में इन्फ्लेमेशन और यह एक दुर्लभ ऑटो इम्यून डिजीज है जिसमें हमारे शरीर की मांसपेशियां बहुत कमजोर हो जाती हैं। 
 
इसके लक्षणों का पता करना मुश्किल होता है, यह किसी भी उम्र में हो सकता है। इस ऑटो इम्यून डिजीज में हमारा शरीर अपनी ही मांसपेशियों को नष्ट करने लगता है। 
 
इसका कोई ईलाज नहीं होता बस आप इसके बढ़ने की दर को रोक सकते हैं। 
 
इसके कारण आपको मांसपेशियों में दर्द होता है और सूजन आ जाती है।
 

मायोसाइटिस कितने प्रकार की होती है - Type of Myositis in Hindi

मायोसाइटिस तीन प्रकार की होती है पॉलीम्योसाइटिस, डर्मेटोम्योसाइटिस और इंक्लूजन म्योसाइटिस

पॉलीम्योसाइटिस - Polymyositis

पॉलीम्योसाइटिस में एक साथ कई मांसपेशियां प्रभावित होती है। 
 
यह धीरे धीरे विकसित होती है और महिलाओं को होने की संभावना अधिक होती है। 
 
इसमें आपको बैठकर खड़े होने में, सीढ़ी चढ़ने में, वजन उठाने में और सर के ऊपर हाथ उठाने में दिक्कत होती है।
 

डर्मेटोम्योसाइटिस - Dermatomyositis

डर्मेटोम्योसाइटिस में आपकी मांसपेशियों के अलावा आपकी त्वचा भी शामिल होती है। यह एक दुर्लभ लेकिन खतरनाक स्थिति है। 
 
जैसे ही इसके लक्षण आपको महसूस हों तुरंत इसका ईलाज शुरु कर देना चाहिए। यह आपके शरीर में कैंसर की शुरुआत भी कर देता है।
 

इंक्लूजनम्योसाइटिस - Inclusion Body Myositis

इंक्लूजनम्योसाइटिस मुख्यता 50 साल के ऊपर के लोगों को होती है। 
 
इसमें आपकी मांसपेशियां बहुत ही कमजोर हो जाती हैं और आप खड़े तक नहीं हो पाते, किसी भी वस्तु पर पकड़ नहीं बना सकते यहां तक की शर्ट की बटन तक बंद करने में आपको बहुत दिक्कत महसूस होती है। 
 
इसमें आपको निगलने में भी बहुत दिक्कत होती है।
 

मायोसाइटिस के लक्षण - Symptoms of Myositis in Hindi

1) जोड़ों या मांसपेशियों में लगातार दर्द

2) थकान

3) कमजोर मांसपेशियां

4) शरीर में सूजन

5) सांस लेने या निगलने में दिक्कत

6) हृदय की धड़कन बढ़ी रहना

7) रोज के कामों में दिक्कत होना खासकर कंधे, कूल्हे और जांघ को हिलाने में दर्द होना
 

मायोसाइटिस का पता कैसे लगाएं - Diagnosis of Myositis in Hindi

हालांकि अभी तक कोई कन्फर्म टेस्ट नहीं है जो ये बता सके की मरीज को म्योसाइटिस है या नहीं, इसके लिए कई सारे टेस्ट करवाने पड़ते हैं।
 
1) ब्लड टेस्ट जैसे CPK, ANA, ENA

2) एमआरआई स्कैन (MRI)

3) EMG इसकी सहायता से आपकी मांशपेशियों की कमजोरी का पता लगाया जाता है। 

4) बायोप्सी
 

मायोसाइटिस का ईलाज - Treatment of Myositis in Hindi

म्योसाइटिस एक दुर्लभ और ठीक ना होने वाली बीमारी है। इसमें सिर्फ लक्षणों के आधार पर ही ईलाज किया जाता है। 
 
म्योसाइटिस में अधिकतर कोर्टिकोस्टीरॉइड ही दिया जाता है जो की इन्फ्लेमेशन को रोकते हैं। 
 
इसके अलावा डॉक्टर लाईफ स्टाइल और खान पान की आदतों में बदलाव को बोलता है। 
 
अगर कार्टिकोस्टीरॉयड से कोई लाभ नहीं मिलता तो डॉक्टर इम्यूनोग्लोबुलिन थेरैपी शुरु करता है।
 

मायोसाइटिस होने का कारण - Cause of Myositis in Hindi

म्योसाइटिस एक ऑटो इम्यून डिजीज है जो की कभी भी और किसी को भी हो सकती है। 
 
लेकिन कई लोगों को म्योसाइटिस जुकाम, वायरल बुखार, एचआईवी, रूमेटाइड अर्थराइटिस, लुपुस, स्क्लेरोडर्मा आदि के बाद भी हो जाता है। यह किसी दवाई के रिएक्शन से भी होता है।
 
 

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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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