Pancreatitis in Hindi - आज हम जानेंगे की पैंक्रियाटाइटिस क्या होता है और इसके लक्षण और उपचार क्या है।
पैंक्रियाटाइटिस क्या होता है - What is Pancreatitis in Hindi
पैंक्रियाज हमारे पेट और छोटी आंत के बीच में एक ग्रन्थि होती है जिसका मुख्य काम है भोजन के पाचन के लिए एंजाइम्स बनाना और हमारे शरीर में इंसुलिन बनाना और इंसुलिन की मात्रा बनाए रखना।
पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियाज में होने वाला इन्फ्लेमेशन है। पैंक्रियाटाइटिस दो तरह की होती है एक एक्यूट और दूसरा क्रॉनिक।
एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस अचानक हो जाती है और सही ईलाज करने पर ठीक हो जाती है जबकि क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस एक खतरनाक स्थिति होती है और यह धीरे धीरे विकसित होती है।
अधिकतर मामलों में पैंक्रियाटाइटिस गॉल ब्लैडर स्टोन या शराब के अत्यधिक सेवन के कारण होती है।
क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का ईलाज ना किया जाए तो इसमें मरीज की मृत्यु हो सकती है।
पैंक्रियाटाइटिस पैंक्रियाज में होने वाला इन्फ्लेमेशन है। पैंक्रियाटाइटिस दो तरह की होती है एक एक्यूट और दूसरा क्रॉनिक।
एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस अचानक हो जाती है और सही ईलाज करने पर ठीक हो जाती है जबकि क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस एक खतरनाक स्थिति होती है और यह धीरे धीरे विकसित होती है।
अधिकतर मामलों में पैंक्रियाटाइटिस गॉल ब्लैडर स्टोन या शराब के अत्यधिक सेवन के कारण होती है।
क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस का ईलाज ना किया जाए तो इसमें मरीज की मृत्यु हो सकती है।
पैंक्रियाटाइटिस के लक्षण - Symptoms of Pancreatitis in Hindi
क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस और एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस में अलग अलग लक्षण होते हैं
एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस लक्षण - Symptoms of Acute Pancreatitis in Hindi
1) पेट के ऊपरी भाग में धीरे से या अचानक से दर्द और पीठ तक दर्द फैलना
2) दर्द कई दिनों तक बना रहना
3) बुखार और उल्टी
4) हृदय की धड़कन का बढ़ा रहना
5) फूला हुआ या कसा हुआ पेट
2) दर्द कई दिनों तक बना रहना
3) बुखार और उल्टी
4) हृदय की धड़कन का बढ़ा रहना
5) फूला हुआ या कसा हुआ पेट
क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस के लक्षण - Symptoms of Chronic Pancreatitis in Hindi
1) खाने के बाद पेट में तेज दर्द
2) डायरिया
3) उल्टी
4) वजन कम होना
5) पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना और पीठ तक दर्द फैलना
6) पॉटी में तेज बदबू आना
2) डायरिया
3) उल्टी
4) वजन कम होना
5) पेट के ऊपरी भाग में दर्द होना और पीठ तक दर्द फैलना
6) पॉटी में तेज बदबू आना
पैंक्रियाटाइटिस क्यों होता है - Cause of Pancreatitis in Hindi
1) गॉल ब्लैडर में स्टोन
2) शराब का अधिक सेवन
3) कुछ दवाइयों का रिएक्शन
4) पैंक्रियाटिक कैंसर
5) पेट की सर्जरी
6) शरीर में कोई इन्फेक्शन
7) पेट में चोट
8) सिस्टिक फाइब्रोसिस
9) ब्लड में कैल्शियम की बहुत अधिक मात्रा
10) ब्लड में कोलेस्ट्रॉल अधिक होना
11) ऑटो इम्यून डिजीज
2) शराब का अधिक सेवन
3) कुछ दवाइयों का रिएक्शन
4) पैंक्रियाटिक कैंसर
5) पेट की सर्जरी
6) शरीर में कोई इन्फेक्शन
7) पेट में चोट
8) सिस्टिक फाइब्रोसिस
9) ब्लड में कैल्शियम की बहुत अधिक मात्रा
10) ब्लड में कोलेस्ट्रॉल अधिक होना
11) ऑटो इम्यून डिजीज
पैंक्रियाटाइटिस की जांच - Diagnosis of Pancreatitis in Hindi
1) लाईपेज (Lipase) और अमाईलेज (Amylase)
2) लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT)
3) अल्ट्रासाउंड और MRI
4) कैल्शियम
5) CBC
6) ब्लड शुगर
7) स्टूल टेस्ट
8) Secretin Stimulation Test
इन सारे टेस्ट में लाईपेज (Lipase) और अमाईलेज (Amylase) टेस्ट एक अच्छा प्रेडिक्टर होते हैं।
2) लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT)
3) अल्ट्रासाउंड और MRI
4) कैल्शियम
5) CBC
6) ब्लड शुगर
7) स्टूल टेस्ट
8) Secretin Stimulation Test
इन सारे टेस्ट में लाईपेज (Lipase) और अमाईलेज (Amylase) टेस्ट एक अच्छा प्रेडिक्टर होते हैं।
पैंक्रियाटाइटिस का ईलाज - Treatment of Pancreatitis in Hindi
पैंक्रियाटाइटिस चाहे एक्यूट हो या क्रॉनिक मरीज को पैंक्रियाटाइटिस के ईलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होना ही पड़ता है।
कुछ जटिल मामलों में सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।
समय पर ईलाज ना किया जाए तो पैंक्रियाटाइटिस मरीज के जीवन के लिए खतरा बन सकती है।
पैंक्रियाटाइटिस अगर बाईल डक्ट में किसी रुकावट के कारण है तो डॉक्टर ERCP मैथड से मरीज की बाइल डक्ट में रुकावट को हटा देता है। यह रुकावट अधिकतर गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण होती है।
अगर पैंक्रियाटाइटिस शराब के अधिक सेवन के कारण है तो मरीज को शराब छोड़ने की सलाह दी जाती है और ईलाज शुरू किया जाता है।
अगर मरीज शराब नहीं छोड़ता तो पैंक्रियाटाइटिस उसके लिए बहुत ही घातक साबित हो सकती है।
अगर पैंक्रियाटाइटिस किसी दवा के कारण है तो डॉक्टर वह दवा बदल देता है या बंद कर देता है और पैंक्रियाटाइटिस का ईलाज चालू करता है।
पैंक्रियाटाइटिस में पेट में तेज दर्द होता है इसलिए पेन मैनेजमेंट बहुत जरूरी होता है।
पैंक्रियाटाइटिस में हॉस्पिटल में भर्ती होना सबसे उचित होता है क्योंकि वहां मरीज को हर तरह का इलाज मिल सकता है। थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।
कुछ जटिल मामलों में सर्जरी भी करनी पड़ सकती है।
समय पर ईलाज ना किया जाए तो पैंक्रियाटाइटिस मरीज के जीवन के लिए खतरा बन सकती है।
पैंक्रियाटाइटिस अगर बाईल डक्ट में किसी रुकावट के कारण है तो डॉक्टर ERCP मैथड से मरीज की बाइल डक्ट में रुकावट को हटा देता है। यह रुकावट अधिकतर गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण होती है।
अगर पैंक्रियाटाइटिस शराब के अधिक सेवन के कारण है तो मरीज को शराब छोड़ने की सलाह दी जाती है और ईलाज शुरू किया जाता है।
अगर मरीज शराब नहीं छोड़ता तो पैंक्रियाटाइटिस उसके लिए बहुत ही घातक साबित हो सकती है।
अगर पैंक्रियाटाइटिस किसी दवा के कारण है तो डॉक्टर वह दवा बदल देता है या बंद कर देता है और पैंक्रियाटाइटिस का ईलाज चालू करता है।
पैंक्रियाटाइटिस में पेट में तेज दर्द होता है इसलिए पेन मैनेजमेंट बहुत जरूरी होता है।
पैंक्रियाटाइटिस में हॉस्पिटल में भर्ती होना सबसे उचित होता है क्योंकि वहां मरीज को हर तरह का इलाज मिल सकता है। थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।
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बीमारी