कोलेलिथियसिस का क्या मतलब होता है और यह कैसे ठीक होती है | Cholelithiasis Meaning in Hindi

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Cholelithiasis Meaning in Hindi - Cholelithiasis का मतलब होता है गॉलस्टोन या गॉल ब्लैडर में पथरी होना। इनका आकार एक चावल के दाने से लेकर एक छोटी पिंग बॉल जितना बड़ा भी हो सकता है। 

यह सामान्यतः कोई दिक्कत नहीं करते लेकिन जब यह बाइल डक्ट में जा कर फंस जाते हैं तब दिक्कत शुरू हो जाती है और मरीज को भीषण दर्द उठता है। 

गॉल ब्लैडर स्टोन बाईल यानी की पित्त के गाढ़े होने से बनता है। बाइल फ्लूइड कोलेस्ट्रोल, बिलिरुबिन, बाइल सॉल्ट और लेसिथिन (Lecithin) से मिलकर बनता है।

बहुत से लोगों को Cholelithiasis होता है लेकिन उनको तब तक पता नहीं चलता जब तक वो अल्ट्रासाउंड ना करवाएं या पेट में भीषण दर्द ना हो।

 

Cholelithiasis का उपचार - Treatment of Cholelithiasis in Hindi

Cholelithiasis जब तक आपके गॉल ब्लैडर में पड़ा है तो कोई दिक्कत नहीं करता लेकिन जब यह अपनी जगह से हटकर बाइल डक्ट में पहुंच जाता है तब बहुत खतरनाक हो जाता है और आपको कई सारी गम्भीर दिक्कतें दे सकता है। जैसे

1) लिवर की बीमारी

2) पैंक्रियटाइटिस (Pancreatitis)

3) गॉल ब्लैडर इन्फ्लेमेशन (Cholecystitis)

4) कोलेनजाईटीस (Cholangitis)

5) पीलिया (Jaundice)

6) कुपोषण

इन सबमें लिवर डिजीज और पैंक्रियाटाइटिस सबसे खतरनाक स्थिति होती है। इसलिए जब भी आपको गॉल ब्लैडर स्टोन का दर्द हो तो बेहतर है इसका ऑपरेशन करवा लें। 

गॉल ब्लैडर स्टोन कभी गलता नहीं है इसलिए कभी यह मत सोचें की यह स्टोन गलकर निकल जाएगा। इसका ऑपरेशन ही एक मात्र उपाय है।

 

Cholelithiasis होने का क्या कारण है - Cause of Cholelithiasis in Hindi

Cholelithiasis होने का मुख्य कारण आपके शरीर में कोलेस्ट्रोल की अधिक मात्रा है। लगभग 75% गॉल ब्लैडर स्टोन कोलेस्ट्रोल के कारण ही बनते हैं। 

कोलेस्ट्रोल के अलावा डाइबिटीज, अधिक बिलीरुबिन, मोटापा और मेटाबोलिज्म डिसऑर्डर के कारण भी गॉल ब्लैडर स्टोन बनते हैं। 

गॉल ब्लैडर स्टोन होने का एक कारण और भी है, जब हमारा शरीर स्वस्थ होता है तो हमारी छोटी आंत गॉल ब्लैडर को एक संदेश भेजती है की वो बाइल यानी की पित्त को स्त्रावित करे ताकी फैट का पाचन सही ढंग से हो पाए। 

जब गॉल ब्लैडर स्वस्थ होता है तो यह सिकुड़ता है और बाइल को स्त्रावित कर देता है। 

लेकिन गॉल ब्लैडर जब ढंग से काम नहीं कर पाता तो यह पूरा बाइल नहीं निकाल पाता और यह बचा हुआ बाइल गॉल ब्लैडर में ही पड़ा रह जाता है और गाढ़ा होकर स्टोन बना देता है। 


महिलाओं को गॉल ब्लैडर स्टोन अधिक क्यों होते हैं -Why Women Are More Prone to Cholelithiasis in Hindi

महिलाओं में एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेसटेरोन (Progesterone) नामक हार्मोन अधिक मात्रा में होता है। 

एस्ट्रोजन कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है जबकि प्रोजेसटेरोन गॉल ब्लैडर के सिकुड़ने की दर को कम करता है इन दोनों कारणों की वजह से महिलाओं में गॉल ब्लैडर स्टोन अधिक होता है।

 

Cholelithiasis की पहचान क्या है - Symptoms of Cholelithiasis in Hindi

Cholelithiasis होने पर आपको पेट में ऊपर की दाहिनी तरफ भीषण दर्द होगा। यह दर्द थोड़ा थोड़ा शुरू होगा और फिर उसके बाद दर्द की इंटेंसिटी बढ़ती जायेगी। 

कई बार यह दर्द धीरे धीरे लेकिन लगातार हुआ करता है। अल्ट्रासाउंड करवाने पर यह साफ साफ दिख जाता है। कई लोगों को जीवन भर कोई लक्षण नहीं आते और ये स्टोन गॉल ब्लैडर में बिना किसी नुकसान के पड़े रहते हैं।

 

गॉल ब्लैडर स्टोन कैसे निकाला जाता है - Operation Method of Cholelithiasis in Hindi

गॉल ब्लैडर स्टोन निकालने के तीन तरीके होते हैं एक ओपन सर्जरी के जरिए गॉल ब्लैडर स्टोन निकाला जाता है, दूसरा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के जरिए गॉल ब्लैडर स्टोन निकाला जाता है। 

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में एक बहुत छोटा सा छेद करके स्टोन निकाला जाता है। तीसरा ERCP करके आपका गॉल ब्लैडर स्टोन निकाल दिया जाता है। 

ERCP में कोई छेद नहीं करना पड़ता है और इसमें हमारे मुंह से एक एंडोस्कोपी पाईप डाल कर उसे गॉल ब्लैडर तक पहुंचाया जाता है और वहां से स्टोन पाईप के जरिए निकाल लिया जाता है।

 

सर्जरी के बाद क्या दिक्कत हो सकती है - After Surgery of Cholelithiasis in Hindi

Cholelithiasis सर्जरी के बाद शरीर में कोई दिक्कत नहीं होती। सर्जरी के दौरान बाइल डक्ट को सीधे जोड़ दिया जाता है। 

गॉल ब्लैडर जो बाइल पहले इकठ्ठा करता था अब वही बाइल हमारा शरीर सीधे छोटी आंत तक भेज देता है। 

इसलिए मरीज को आगे कोई दिक्कत नहीं होती। ऑपरेशन के कुछ हफ्ते में ही हमारा शरीर खुद को एडजस्ट कर लेता है।

 

Cholelithiasis को कैसे रोकें - How to Prevent Cholelithiasis in Hindi

Cholelithiasis होने से रोकने के लिए आपको अपने आहार में परिवर्तन लाने होंगे

1) तला, जंक फूड और फास्ट फूड का सेवन कम करें

2) रेड मीट मत खाएं

3) शाकाहारी बनें

4) मोटापा कम करें

5) शारीरिक श्रम जरूर करें

 

Cholecystitis with Cholelithiasis क्या होता है - Cholecystitis with Cholelithiasis in hindi

जब गॉल ब्लैडर स्टोन के कारण गॉल ब्लैडर में इंफ्लेमेशन हो जाता है तो इस स्थिति को Cholecystitis कहते हैं। 

यह तब होता है जब गॉल ब्लैडर स्टोन सिस्टिक डक्ट (Cystic Duct) में फंस जाता है और बाइल के बहने का मार्ग बंद हो जाता है। 

इस स्थिति में मरीज को तेज दर्द पेट के ऊपरी हिस्से में दाहिने तरफ होता है और कंधे तक ये दर्द फैलता है। 

गहरी सांस लेने पर दर्द और बढ़ जाता है। इसका मुख्य ईलाज सर्जरी ही होता है।

 

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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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