Height Kaise Badhaye in Hindi - बच्चों की लंबाई कितनी बढ़ेगी इसका सीधा रिलेशन ग्रोथ हार्मोन से होता है। ग्रोथ हार्मोन को सोमेटोट्रोपिन (Somatotropin) या ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन (HGH) भी कहते हैं।
ग्रोथ हार्मोन हमारी पिट्यूटरी ग्रंथि से निकलता है और यह पूरे शरीर की वृद्धि के लिए बहुत जरूरी होता है।
ग्रोथ हार्मोन एंटीरियर पिट्यूटरी सेल्स जिसे हम सोमेटोट्राफ्स (Somatotrophs) कहते हैं, से निकलता है। ग्रोथ हार्मोन रोज 2 मिलीग्राम के लगभग निकलता है।
व्यस्क होते बच्चों में यह हार्मोन सबसे अधिक निकलता है और फिर उम्र बढ़ने पर धीरे-धीरे कम होता जाता हैं। शरीर की वृद्धि के अलावा ग्रोथ हार्मोन शुगर और फैट का मेटाबोलिज्म भी करता है।
ग्रोथ हार्मोन लगातार नहीं निकलता बल्कि यह हर 3 से 5 घंटे में इक्ट्ठा निकलता है और फिर बंद हो जाता है।
एक निश्चित उम्र के बाद जब हाइट बढ़ना बंद हो जाती है तो ग्रोथ हार्मोन का मुख्य काम होता है हमारे नॉर्मल बॉडी स्ट्रक्चर को बनाए रखना, शुगर लेवल को नियंत्रित रखना और फैट का मेटाबोलिज्म करना।
ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन कैसे बढ़ता है
ग्रोथ हार्मोन को बढ़ाने के लिए आपको भरपूर गहरी नींद लेनी चाहिए, कसरत करनी चाहिए, दौड़ना चाहिये, शरीर में ग्लूकोज का स्तर कम रखना चाहिए या मीठा कम खाएं। इन सबसे ग्रोथ हार्मोन अधिक स्त्रावित होता है।
क्या बच्चों को ग्रोथ हार्मोन देना चाहिए
अगर बच्चों की हाईट उनकी उम्र के अनुपात में नहीं है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डॉक्टर बच्चे की ग्रोथ हार्मोन की जांच करवाएगा और अगर उसमें ग्रोथ हार्मोन नॉर्मल निकलता है तो चिंता की कोई बात नहीं है।
ग्रोथ हार्मोन कम होने पर डॉक्टर थेरैपी शुरू करता है। खुद से कभी भी बच्चों को ग्रोथ हार्मोन के सप्लीमेंट नहीं देने चाहिए।
ग्रोथ हार्मोन की जांच कैसे की जाती है
ग्रोथ हार्मोन की जांच करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि ग्रोथ हार्मोन लगातार नहीं निकलता और यह थोड़े थोड़े समय अंतराल पर अचानक से निकला है।
इसलिए इसकी सटीक जांच करना मुश्किल है। डॉक्टर कई बार ग्रोथ हार्मोन की जगह (IGF-1) इंसुलिन लाइक ग्रोथ हार्मोन फैक्टर-1 की जांच करवाते हैं। इसमें काफी कुछ साफ हो जाता है।
बच्चों में हाई ग्रोथ हार्मोन होने पर क्या होता है
जिन बच्चों में ग्रोथ हार्मोन बहुत अधिक होता है वो बचपन में ही काफी लंबे हो जाते हैं और इस स्थिति को गिगांटिज्म (Gigantism) कहते हैं।
इसमें बच्चे की हाईट 6.5 फुट से लेकर 7.5 फुट तक हो जाती है और इसका मुख्य कारण पिट्यूटरी ग्रंथि में सूजन होता है।
ऐसे बच्चों के चेहरे और हाथ काफी बड़े हो जाते हैं और ऐसे बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारी और डायबिटीज़ की समस्या हो जाती है।
ग्रोथ हार्मोन की नॉर्मल वैल्यू क्या होती है
ग्रोथ हार्मोन की वैल्यू समय, उम्र और जेंडर के अनुसार नापी जाती है। क्योंकि ग्रोथ हार्मोन हर समय नहीं निकलता बल्कि अचानक से एक निश्चित समय पर निकलता है।
बच्चों में ग्रोथ हार्मोन की नोर्मल वैल्यू 10 ng/mL से लेकर 50 ng/mL तक होती है।
व्यस्क पुरुष में ग्रोथ हार्मोन की वैल्यू 0.4 ng/mL से 10 ng/mL के बीच होती है।
व्यस्क महिला में ग्रोथ हार्मोन की वैल्यू 1 ng/mL से 14 ng/mL के बीच होती है।
ग्रोथ हार्मोन कम होने के क्या लक्षण हैं
बच्चों में ग्रोथ हार्मोन कम होने पर उनकी हाईट कम रह जाती है और उनके शरीर में बाल भी कम आते हैं।
वहीं अगर वयस्क होने के बाद ग्रोथ हार्मोन कम निकलता है तो इन्सान स्वस्थ कम रहता है, मोटापा हो जाता है, डिप्रेशन हो जाता है,
मैमोरी कमजोर हो जाती है, थकान बहुत लगती है, मांशपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और हार्ट की बीमारी होने लगती हैं।
ग्रोथ हार्मोन सप्लीमेंट लेने के क्या साईड इफेक्ट होते हैं
अगर
आप ग्रोथ हार्मोन के सप्लीमेंट ले रहें हैं तो इसे तुरंत बंद कर दें या
डॉक्टर की सलाह से सारी ब्लड जांच करवाने के बाद ही लें क्योंकि इसके बहुत
सारे साईड इफेक्ट होते हैं जैसे
1) जोड़ों और मांशपेशियों में दर्द बने रहना
2) शरीर में सूजन आ जाना
3) त्वचा का सुन्न पड़ जाना या लगातार झुनझुनी होना
4) कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाना
5) कार्पल टनल सिंड्रोम हो जाना (हाथों में कमजोरी)
6) कैंसर का खतरा बढ़ जाता है
7) डायबिटीज़ होने की संभावना बढ़ जाती है
8) पुरुषों में महिलाओं जैसी छाती हो जाना
ग्रोथ हार्मोन सिर्फ इंजेक्शन के रूप में ही दिया जा सकता है। इसकी कोई गोली या पाउडर नहीं आता, अगर आप ग्रोथ हार्मोन का पाउडर या कैप्सूल ले रहें हैं तो आपको इसका कोई फायदा नहीं मिलने वाला।
व्यस्कों में आजकल ग्रोथ हार्मोन का प्रयोग एक उम्र घटाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है और इसके काफी अच्छे परिणाम भी हैं।
लेकिन ग्रोथ हार्मोन इंजेक्शन का उपयोग किसी अनुभवी डॉक्टर के सलाह पर ही करें।
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