Black Fungus Symptoms in Hindi - भारत में कोविड फैलने के साथ-साथ एक और बीमारी ने अपने
पैर पसारे जो कोविड से भी अधिक खतरनाक है,
क्योंकि इस बीमारी से होने वाली
मृत्यु दर 80% है और बाकी बचे 20% में से अधिकतर मरीजों को ठीक करने के लिए
प्रभावित अंग ही निकालना पड़ता है।
ब्लैक फंगस एक दुर्लभ लेकिन जानलेवा
बीमारी है। आईए जानते हैं ब्लैक फंगस के बारे में
ब्लैक फंगस क्या है - What is Black Fungus in Hindi
ब्लैक फंगस एक फंगल इंफेक्शन होता है जो म्यूकरमाइसीट्स
(Mucormycetes) नामक फंगस के कारण होता है इसलिए इसे म्यूकरमाइकोसिस
(Mucormycosis) भी कहते हैं।
यह
फंगस हमारे आस पास ही पाया जाता है जैसे मिट्टी, पौधे, सड़े-गले फल, सब्जियां और खाद आदि में।
हम सांस के द्वारा इस फंगस को अपने शरीर में कई
बार ले जाते हैं लेकिन हमारे इम्यून सिस्टम के कारण यह हमें प्रभावित नहीं
कर पाता।
लेकिन कुछ खास बीमारियों में जो हमारे इम्यून सिस्टम को प्रभावित
करती हैं, यह फंगस हमारे शरीर में अपना काम करना शुरू कर देता है और हमारे
अंगो को प्रभावित कर देता है।
भारत में फैले ब्लैक फंगस ने अधिकतर मरीजों की आंख और ब्रेन को ही प्रभावित
किया है।
जिसके कारण या तो मरीज की आंख निकालनी पड़ गई या फिर मरीज की
मृत्यु हो गई।
ब्लैक फंगस के लक्षण - Black Fungus Symptoms in Hindi
ब्लैक फंगस चार तरह से शरीर के अंग को प्रभावित करता है और सबके लक्षण अलग अलग होते हैं।
चेहरे और सर में होने वाले ब्लैक फंगस के लक्षण
1) चेहरे के एक तरफ सूजन
2) सर दर्द होना
3) नाक भरी रहना और बदबू आना
4) नाक के पास या आंख के पास काला धब्बा सा पड़ जाना जो तेजी से बढ़ता है
5) बुखार आना
फेफड़ों में होने वाले ब्लैक फंगस के लक्षण
1) बुखार
2) खांसी
3) सीने में दर्द
4) सांस लेने में दिक्कत
त्वचा पर होने वाले ब्लैक फंगस के लक्षण
1) त्वचा पर छोटे छोटे छाले निकलना और बाद में काले पड़ जाना
2) छाले के आसपास सूजन
3) त्वचा गर्म और लाल रहना
4) त्वचा में दर्द होना
पेट में होने वाले ब्लैक फंगस के लक्षण
1) पेट में दर्द
2) उल्टी जैसा महसूस करना या उल्टी होना
3) पेट में अंदरूनी रक्त स्राव होना
4) काले रंग का मल निकलना
ब्लैक फंगस किसको हो सकता है - Black Fungus Causes in Hindi
ब्लैक फंगस किसी को भी हो सकता है क्योंकि यह फंगस हमारे साथ ही रहता है लेकिन हमारे इम्यून सिस्टम के कारण यह हमें प्रभावित नहीं कर पाता।
कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जिनके होने पर हमारा शरीर बहुत कमजोर हो जाता है और हमें ब्लैक फंगस होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
जैसे
1) कोविड इंफेक्शन
2) एड्स
3) मधुमेह
4) किड़नी या लिवर ट्रांसप्लांट करवाने पर
5) स्टेम सेल ट्रांसप्लांट
6) कैंसर
7) लंबे समय तक स्टीरॉयड का इस्तेमाल
8) शरीर में आयरन की बहुत अधिक मात्रा
9) कुपोषण
इन सबमें कॉविड के कारण ब्लैक फंगस होने की संभावना सबसे अधिक होती है जबकि इसके बाद जो लोग ऑर्गन ट्रांसप्लांट करवाते हैं उनको ब्लैक फंगस होने की संभावना होती है।
ब्लैक फंगस की जांच कैसे की जाती है - Diagnosis of Black Fungus in Hindi
ब्लैक फंगस का पता लगाना बहुत मुश्किल काम होता है। क्योंकि शुरुआती चरण में आप इसको डायग्नोस नहीं कर सकते।
जब यह अधिक फैल जाता है और इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं तब ही इसका पता लगाया जा सकता है।
मरीज के लक्षणों को देखते हुए डॉक्टर ब्लैक फंगस की जॉच करवाता है।
ब्लैक फंगस की जॉच ब्लड से नहीं होती इसके लिए रेडियोलॉजी टेस्ट किए जाते हैं जैसे
1) बायोप्सी
2) MRI या CT स्कैन
ब्लैक फंगस का ईलाज - Treatment of Black Fungus in Hindi
ब्लैक फंगस का ईलाज बहुत ही मुश्किल होता है और ब्लैक फंगस होने पर डॉक्टर आपको एंटी फंगल दवाई देता और इससे ठीक नहीं होने पर सर्जरी करके प्रभावित हिस्सा ही निकाल देता है।
ब्लैक फंगस होने पर Amphotericin-B, Isavuconazole और Posaconazole नामक एंटी फंगल दवाएं अधिक प्रभावी होती हैं।
ब्लैक फंगस को कैसे रोकें - Prevention of Black Fungus in Hindi
ब्लैक फंगस को रोकना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि यह फंगस हमेशा हमारे आस पास ही रहता है।
इसको रोकने का एक ही तरीका है की आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें।
ब्लैक फंगस कोई संक्रामक रोग नहीं है इसलिए यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता, आप ब्लैक फंगस से प्रभावित व्यक्ति से मिल सकते हैं।
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