एंडोमेट्रियोसिस क्या होता है एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण क्या है | Endometriosis Meaning in Hindi

 

Endometriosis Meaning in Hindi

Endometriosis Meaning in Hindi - एंडोमेट्रियोसीस महिलाओं में गर्भाशय से संबंधित होने वाली एक समस्या है। 

एंडोमेट्रियोसीस एंडोमेट्रियम नामक शब्द से आता है जिसका मतलब होता है गर्भाशय के अंदर की परत के टिश्यू, जब यह टिश्यू गर्भाशय से बाहर आने लगते हैं या अन्य जगह पर बढ़ने लगते हैं जहां इन्हें नहीं होना चाहिए तो इनको ही एंडोमेट्रियोसीस कहते हैं। 

एंडो मिट्रियल टिश्यू गर्भाशय की अंदर की परत होती है जिसका मुख्य काम होता है भ्रूण को पोषण देना और जब गर्भ धारण नहीं होता तो यह परत टूट जाती है और पीरियड्स के समय योनी से निकल जाती है। 

एंडोमेट्रियोसीस निम्न जगहों में सबसे अधिक होता है

1) अंडाशय

2) फेलोपियन ट्यूब

3) बच्चेदानी

4) योनि

5) सर्विक्स

6) मूत्राशय

7) मलाशय

कुछ दुर्लभ मामलो में यह फेफड़े, मस्तिष्क और त्वचा में भी हो जाते हैं।

एंडोमेट्रियोसीस एक बहुत ही आम बीमारी है और पूरे विश्व में लगभग 18 करोड़ महिलाएं इससे पीड़ित हैं। भारत में लगभग 2.5 करोड़ महिलाएं इससे जूझ रहीं हैं।

एंडोमेट्रियोसीस होने पर महिलाओं को जब पीरियड्स आते हैं तब बहुत अधिक दर्द होता है। एंडोमेट्रियोसीस होने पर बांझपन का खतरा 40% तक बढ़ जाता है।

एंडोमेट्रियोसीस के लक्षण - Symptoms of Endometriosis in Hindi

एंडोमेट्रियोसीस होने का सबसे प्रमुख लक्षण पीरियड्स के समय बहुत अधिक दर्द होना है। इसके अलावा अन्य लक्षण भी होते हैं जैसे

1) मल-मूत्र करते हुए दर्द होना

2) यौन संबंध के दौरान दर्द होना

3) पीरियड्स के समय बहुत अधिक ब्लीडिंग होना

4) बच्चे ना होना या बांझपन

5) थकान, कब्ज और दस्त आना

एंडोमेट्रियोसीस की जांच - Diagnosis of Endometriosis in Hindi

एंडोमेट्रियोसीस की जांच के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करवाते हैं जैसे

1) अल्ट्रासाउंड

2) एमआरआई (MRI)

3) हाथों द्वारा पेल्विक परिक्षण

एंडोमेट्रियोसिस होने का कारण - Causes of Endometriosis in Hindi

एंडोमेट्रियोसिस होने के कई कारण हैं जैसे

1) जब पीरियड्स के दौरान ब्लड के साथ जाने वाली एंडोमेट्रियल कोशिकाएं फेलोपियन ट्यूब के रास्ते से शरीर के बाहर जाने की बजाय पेल्विक कैविटी में चली जाती है। 

यह कोशिकाएं पेल्विक अंगो में चिपक जाती हैं और समय के साथ मोटी होती जाती है और अधिक ब्लीडिंग करती हैं।

2) प्यूबर्टी के दौरान पेरिटोनियल कोशिकाओं का एंडोमेट्रियल कोशिकाओं में परिवर्तन

3) एस्ट्रोजन हार्मोन का अधिक निकलना

4) सर्जरी के बाद एंडोमेट्रियल कोशिकाएं चीरे से जुड़ जाती हैं जिसके कारण यह होता है

5) एंडोमेट्रियल कोशिकाओं का शरीर के अंदर के भाग में जाना

6) ऑटो इम्यून डिजीज

7) 25 से 40 की उम्र में एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावना अधिक होती है

8) अनुवांशिक

9) जिन्होंने कभी बच्चों को जन्म नहीं दिया है उनको भी एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावना अधिक होती है

एंडोमेट्रियोसिस होने के चार प्रमुख चरण होते हैं जो समय के साथ साथ बढ़ते जाते हैं।

एंडोमेट्रियोसीस को कैसे रोकें - Prevention of Endometriosis in Hindi

एंडोमेट्रियोसीस को रोकना संभव नहीं है लेकिन आप अपने शरीर  बनने वाले एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा को नियंत्रित करके एंडोमेट्रियोसीस होने की संभावना को कम कर सकते हैं। एस्ट्रोजन पीरियड्स के समय गर्भाशय की अंदर की परत को मोटा करता है। 

1) नियमित रूप से एक्सरसाइज करें

2) वजन बढ़ने ना दें

3) शराब का सेवन ना करें

4) कॉफी, सोडा और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स मत लें

5) गर्भ निरोधक गोलियां लें

एंडोमेट्रियोसीस का ईलाज - Treatment of Endometriosis in Hindi

एंडोमेट्रियोसीस का ईलाज इसके लक्षणों के आधार पर किया जाता है

1) दर्द निवारक दवाएं

2) गर्भ निरोधक गोलियां

3) हार्मोन थेरैपी

4) लेप्रोस्कोपी

और किसी भी रूप में आराम ना मिलने पर सर्जरी ही अंतिम विकल्प है और इसका स्थाई उपचार है।

एंडोमेट्रियोसीस में क्या नहीं खाना चाहिए - What not to Eat in Endometriosis in Hindi

1) दूध से बने पदार्थ

2) शराब

3) सोया से बने खाद्य पदार्थ

एंडोमेट्रियोसीस में क्या खाना चाहिए - What to Eat in Endometriosis in Hindi

1) फल और हरी सब्जियां

2) ओमेगा 3 फैटी एसिड्स

3) कैल्शियम और मैग्नेशियम युक्त पदार्थ

4) विटामिन D3

एंडोमेट्रियोसीस का ईलाज ना करवाने पर क्या दिक्कत हो सकती है

1) बांझपन या गर्भ धारण करने में दिक्कत

2) बार बार गर्भपात होना

3) गर्भाशय का कैंसर

4) गर्भाशय में गांठ

5) मल मूत्र करने में समस्या

यह जानलेवा बीमारी नहीं है।


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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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