पेशाब में पस आना किस बीमारी का संकेत है | Pus Cells in Urine in Hindi

 

Pus Cells in Urine in Hindi

Pus Cells Meaning in Hindi - पेशाब में पस आना एक बीमारी है जिसे हम Pyuria कहते हैं। इस बीमारी में हमारे पेशाब में व्हाइट ब्लड सैल्स (WBC) आने लगते हैं।  

इसमें बैक्टीरिया और मृत कोशिकाएं भी होती हैं। इसमें पेशाब गाढ़ा, बदबूदार और सफेद, पीला या गुलाबी रंग का आता है।

जब पेशाब में पस सैल्स तो आते हैं लेकिन बैक्टीरिया नहीं होता तो इसे स्टेराइल प्यूरिया कहते हैं।

जब हमारे पेशाब में एक क्यूबिक मिलीमीटर में 10 से अधिक पस सैल्स होती हैं तब इसे Pyuria कहते हैं। Pyuria सबसे अधिक महिलाओं को होता है।
 

पेशाब में पस आना किन कारणों से होता है - Causes of Pus Cells in Urine in Hindi

पेशाब में पस आने का मुख्य कारण मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI) होता है। इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी होते है पेशाब में पस आने के

1) सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STD)
 
2) निमोनिया

3) किडनी स्टोन

4) प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis)

5) बेलेनाइटिस (Balanitis)

6) सेप्सिस (Sepsis)

7) किडनी डिजीज

8) किसी दवाई का रिएक्शन

9) टीबी

10) पेशाब मार्ग में ट्यूमर होना

11) ऑटो इम्यून डिजीज
 
12) Kawasaki disease
 

पेशाब में पस सेल्स आने के लक्षण - Symptoms of Pus Cells in Urine in Hindi

1) पेशाब में जलन

2) बार बार पेशाब जाना लेकीन खुलकर पेशाब ना होना

3) पेशाब में झाग और बदबू आना

4) पेशाब में खून आना

5) पेट के निचले हिस्से में दर्द

6) ठंड लगना और बुखार आना

7) मूत्र मार्ग से सफेद पदार्थ निकलना (महिलाओं और पुरुषों दोनों को)

8) उल्टी या उल्टी होने जैसा महसूस होना

9) दर्द जो पेट से शुरू होकर जांघों तक जाता हो

10) जल्दी जल्दी पेशाब लगना
 

प्यूरीया की जांच - Diagnosis of Pus Cells in Urine in Hindi

1) यूरीन टेस्ट (Urine R/M)

2) यूरीन कल्चर टेस्ट (Urine C/S)

3) अल्ट्रासाउंड

4) किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT)

5) CBC
 

पेशाब में पस आने का ईलाज - Treatment of Pus Cells in Urine in Hindi

पेशाब में पस आने का मुख्य कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन है जो की एंटीबायोटिक दवाओं से ठीक हो जाता है। 
 
 
इसके अलावा अन्य कारण होने पर डॉक्टर ऊपर लिखी हुई जांचें करवाता है और फिर जांच में जो बीमारियां आती हैं उनके लक्षणों के अनुसार ईलाज किया जाता है।
 

पेशाब में पस आने की समस्याएं - Risk Factor of Pus Cells in Urine in Hindi

अगर पेशाब में पस आने का ईलाज ना किया जाए तो कई गम्भीर समस्या उत्पन्न हो सकती है जैसे

1) सेप्टिसेमिया (Septicemia)

2) शरीर के अन्य अंगों का काम करना बंद करना

3) किडनी खराब होना

गर्भावस्था में प्यूरिया होना एक सामान्य बात है। डॉक्टर को दिखा कर इसका ईलाज जरूर करवाएं।
 

पेशाब में पस आने से कैसे रोकें - Prevention of Pus Cells in Urine in Hindi

1) लंबे समय तक पेशाब ना रोकें

2) रात में पेशाब करने के बाद ही सोने जाएं

3) पानी अधिक मात्रा में पिएं

4) सैनिटरी पैड समय समय पर बदलते रहें

5) खुद की साफ सफाई का विशेष ध्यान दें

6) यौन संबंध के बाद में पेशाब जरूर करें और जननांगों की सफाई करें
 

पेशाब में पस सेल्स की नॉर्मल वैल्यू - Pus Cells in Urine Normal Range in Hindi


पेशाब में पस सेल्स की नॉर्मल संख्या एक क्यूबिक मिलीमीटर में 5 से कम होती है। 
 
अगर यह संख्या 10 से अधिक हो जाती है तो इसे Pyuria कहते हैं। यह अधिकतर मामलों में पेशाब मार्ग में इंफेक्शन के कारण होती है।
 
 
 
 

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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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