Sukhi Khansi Ka Ilaj in Hindi - सूखी खांसी वो खांसी होती है जिसमें बलगम नहीं आता है। सिर्फ खांसी आती है और मरीज को लगातार इतनी खांसी आने लगती है की वो परेशान हो जाता है।
सूखी खांसी अक्सर सर्दी-जुखाम या बुखार के बाद आती है। इनके अलावा हमारे हृदय, फेफड़े, कोविड होने या इम्यूनिटी में कोई समस्या होने पर भी सूखी खांसी आती है।
खांसी क्यों आती है - Dry Cough Reasons in Hindi
खांसी आना हमारे शरीर की सामान्य प्रक्रिया है जिसके द्वारा हमारा शरीर फेफड़ों और सांस लेने के रास्ते में आने वाले कणों या हानिकारक पाथोजेंस को निकालने का काम करता है।
जब तक हमारे शरीर को लगता है की सांस के रास्ते या फेफड़ों का रास्ता साफ नहीं हो गया तब तक खांसी आती रहती है।
ऐसी बीमारियां जो हमारे फेफड़ों या सांस से संबंधित अंगों को प्रभावित करती हैं उन्हीं में खांसी आती है।
गीली खांसी में हमारा शरीर फेफड़ों में जमा हुआ बलगम निकालता है जबकि सूखी खांसी में हमारा शरीर इरिटेंट को निकालने की कोशिश करता है।
सूखी खांसी का ईलाज - Sukhi Khansi Ka Gheralu Ilaj in Hindi
सूखी खांसी अक्सर सुबह और रात को अधिक आती है। यह खांसी लगातार आती है और मरीज को बेहाल कर देती है। कई बार 2 या 3 हफ्तों तक भी सूखी खांसी आया करती है।
सूखी खांसी होने पर एलोपैथिक में बहुत ही अच्छा ईलाज है। मरीज को Montelukast (10 mg) और Levocetrizine (5 mg) की गोली रात में सोते समय देनी चाहिए।
साथ में कफ सिरप जिसमें Dextromethorphan Hydrobromide + Guaifenesin + Chlorpheniramine Meleate + Ammonium chloride हो देना चाहिए।
बड़ो को ये कफ सिरप सुबह, दोपहर और शाम को 5 ml लेना चाहिए। जबकि बच्चों को यह सिरप 2.5 ml सुबह, दोपहर और शाम में देना चाहिए।
इसके साथ ही आप मरीज को सादे पानी की भाप भी 3 बार दीजिए। साथ में खूब पानी पिएं।
3 दिन के अंदर सूखी खांसी बंद हो जाएगी। अगर 3 दिन के अंदर सूखी खांसी बंद ना हो तो डॉक्टर को सम्पर्क करें क्योंकि फिर यह किसी अन्य बीमारी का लक्षण हो सकती है।
अगर आप घरेलू इलाज करना चाहते हैं तो मरीज को कालीमिर्च, मुलेठी और सूखी अदरक को पीस कर शहद के साथ दिन में 3 बार चाटिए।
इसके साथ ही आप सादे पानी का भाप अजवाइन डाल कर 3 बार लें आपकी खांसी 2 से 3 दिन में रुक जायेगी।
सावधानी
कई बार सूखी खांसी किसी अन्य बीमारी का संकेत होती है जैसे COPD, अस्थमा, गैस्ट्राइटिस, निमोनिया, गले का इंफेक्शन या अधिक धूम्रपान के कारण।
ऐसा कुछ होने पर खुद से ईलाज ना करें और अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
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