मारबर्ग वायरस कैसे फैलता है और इसका ईलाज क्या है | Marburg Virus in Hindi

Marburg Virus Disease in Hindi

 
Marburg Virus Disease in Hindi - मारबर्ग वायरस एक बहुत ही खतरनाक और फाइलोवायरस फैमिली से सम्बंध रखने वाला वाइरस है। 
 
यह वायरस चमदागड से इंसानों में फैला है। मारबर्ग वायरस सबसे पहले 1967 में यूरोप में खोजा गया था। 
 
मारबर्ग वायरस इतना खतरनाक है की इससे संक्रमित होने वाले 100 व्यक्तियों में से 88 की मौत हो जाती है। 
 
मारबर्ग वायरस बहुत ही संक्रामक होता है और एक इन्सान से दूसरे इंसान में बहुत तेजी से फैलता है।

मारबर्ग वायरस के लक्षण - Symptoms of Marburg Virus in Hindi

मारबर्ग एक हेमरेजिक फीवर होता है जिसमें हमारे प्लेटलेट्स और व्हाइट ब्लड सैल्स की संख्या तेजी से कम होने लगती है। इसके लक्षण तेजी से और अचानक आते हैं। 

1) तेज बुखार

2) ठंड लगना या कंपकपी आना

3) तेज सिर दर्द होना

4) शरीर में लाल चकत्ते पड़ जाना

5) उल्टी होना या उल्टी जैसी फिलिंग आना

6) सीने में दर्द होना

7) पेट में दर्द होना

8) डायरिया होना

अगर इसको सही समय पर पहचाना ना जाए तो यह अन्य खतरनाक लक्षण दिखाना शुरू कर देना है जैसे

1) मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द

2) प्लेटलेट्स खतरनाक स्तर तक कम हो जाना

3) लिवर फेल होना

4) किडनी फेल होना

5) शरीर के अंदर ब्लीडिंग शुरू हो जाना

6) तेजी से वजन कम हो जाना

7) मरीज का अचेत हो जाना 

8) दिमाग से नियंत्रण खो देना

मारबर्ग वायरस की जांच - Diagnosis of Marburg Virus in Hindi

मारबर्ग वायरस की जांच के लिए इसका RT PCR टेस्ट किया जाता है। 
 
अधिकतर डॉक्टर इसके लक्षण को देखकर ही ईलाज शुरू कर देते हैं क्योंकि इसका RT PCR टेस्ट बहुत सी जगहों पर उपलब्ध नहीं है और रिर्पोट आने में देर हो जाती है। 
 
मारबर्ग वायरस की किट्स भी उपलब्ध हैं जो जल्द रिजल्ट देती हैं लेकिन इसकी एक्यूरेसी में सन्देह है।

मारबर्ग वायरस का ईलाज - Treatment of Marburg Virus in Hindi

मारबर्ग वायरस का कोई ईलाज नहीं है और डॉक्टर इसका ईलाज लक्षणों के आधार पर करते हैं। 
 
जैसे बुखार को कम करने के लिए पैरासेटामोल दी जाती है। डायरिया होने पर मरीज को फ्लूड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स चढ़ाए जाते हैं। 
 
प्लेटलेट्स कम होने पर प्लेटलेट्स चढ़ा दिए जाते हैं। एंटीवायरल दवाईयों में रिबाविरीन, फविपीरवीर या रेमफेसिविर दी जाती है। 
 
मारबर्ग वायरस संक्रमण का ईलाज पूरी तरह से लक्षणों के अनुसार ही किया जाता है। 
 
मरीज का हॉस्पिटलाइजेशन जरूरी है क्युकी घर के ईलाज में सारी सुविधाएं नहीं मिल सकती और घर के अन्य सदस्य भी संक्रमित हो सकते हैं। 
 
मारबर्ग वायरस की कोई भी सफल वैक्सीन उपलब्ध नहीं है लेकिन इसके ट्रायल जारी हैं।

मारबर्ग वायरस से कैसे बचें - Prevention from Marburg Virus in Hindi

मारबर्ग वायरस से संक्रमित व्यक्ती से दूरी बना कर रखें और उससे संबंधित कोई भी वस्तु ना छुएं। 
 
जिस तरह कोविड के मरीजों से आप खुद को बचाते थे ठीक उसी तरह की सावधानी आपको रखनी है। 
 
यह कोविड से अधिक संक्रामक और खतरनाक है इसलिए विशेष सावधानी रखें। 
 
यह संक्रमित मरीज के ब्लड, पेशाब, लार, पसीना, मल, उल्टी, सीमेन, ब्रेस्ट का दूध और किसी भी तरह के बॉडी फ्लूइड से फैलता है 
 
इसलिए संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाएं रखें और साफ सफाई का विशेष खुल रखें।
 
 

👇👇👇 

Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

फ़ॉलोअर