निमोनिया (Pneumonia) में नहाना चाहिए या नहीं

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निमोनिया (Pneumonia) हमारे फेफड़ों में होने वाला इंफेक्शन और इंफ्लेमेशन है जिसमें हमारे फेफड़ों में पाई जाने वाली हवा की थैली (Alveoli or Air Sacs) में पानी या पस भर जाता है। 
 
निमोनिया (Pneumonia) हमारे एक या फिर दोनों फेफड़ों में एक साथ हो सकता है। 
 
निमोनिया (Pneumonia) बैक्टीरिया, वायरस और फंगस इन तीन वजह से होता है। 
 
जिसमें से सबसे अधिक बैक्टिरियल इंफेक्शन के कारण होता है। 
 
फंगल निमोनिया को छोड़कर बाकी दोनों तरह के निमोनिया संक्रामक होते हैं और एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकते हैं। 
 
पूरे विश्व में 5 साल से कम उम्र के 14% बच्चों की मृत्यु का कारण निमोनिया हो होता है।
 

निमोनिया (Pneumonia) के लक्षण

1) सांस लेने में दिक्कत

2) सांस लेने में सीने में दर्द

3) बहुत थकान लगना 

4) खांसी के साथ बलगम आना, खासतौर पर हरा, पीला या पिंक कलर का

5) बुखार, पसीना और ठंड लगना

6) उल्टी होना या उल्टी जैसा महसूस होना

7) तेजी से सांस चलना

8) ओंठ और नाखून नीले हो जाना

9) भ्रमित रहना

10) ऑक्सीजन लेवल कम हो जाना

11) खाने पीने की इच्छा ना करना
 

निमोनिया कितने दिनों में ठीक होता है

अगर आप निमोनिया (Pneumonia) का समुचित इलाज करवा रहे हैं तो लगभग 2 हफ्तों में निमोनिया ठीक हो जाता है। 
 
लेकिन जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है उन मरीजों को ठीक होने में 3 से 4 हफ्ते तक भी लग जाते है। 
 
खासकर बच्चों और बूढ़ों में निमोनिया पूरी तरह ठीक होने में महीना भर लग जाता है। 
 

निमोनिया (Pneumonia) कैसे होता है

निमोनिया (Pneumonia) मुख्यता बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के कारण होता है। 
 
जिसमें से बैक्टीरिया और वायरस के कारण सबसे अधिक निमोनिया (Pneumonia) होता है। 
 
बैक्टीरिया के कारण होने वाले निमोनिया में Streptococcus Pneumonia 50% से अधिक मामलों में जिम्मेदार होता है। 
 
इसके अलावा Haemophilus Influenzae 20% मामलों में, Chlamydophila Pneumonia 13% और Mycoplasma Pneumonia 3% मामलों में जिम्मेदार होता है।
 
वायरस के कारण होने वाला निमोनिया लगभग 30% व्यस्क और 15% बच्चों में होता है। 
 
इनमे से Rhinoviruses, Coronaviruses, Influenza Virus, Respiratory Syncytial Virus, Adenovirus और Parainfluenza सबसे अधिक निमोनिया का कारण होते हैं।
 
45% मामलों में यह देखा गया है की पहले बैक्टिरियल इन्फेक्शन के कारण निमोनिया होता है फिर उसके बाद वायरस के कारण भी निमोनिया हो जाता है।
 
फंगस के कारण निमोनिया बहुत ही कम होता है और इसके होने का कारण कमजोर इम्यून सिस्टम होता है। 
 
जैसे एड्स होने पर, स्टेराइड्स लेने पर या कुपोषण होने पर ही फंगस के कारण निमोनिया होता है। कुछ परजीवी भी निमोनिया कर देते हैं।
 

निमोनिया (Pneumonia) का टेस्ट कैसे होता है

निमोनिया (Pneumonia) को पता करने का सबसे आसान तरीका है सीने का X-ray जिससे तुरंत निमोनिया का पता लग जाता है। 
 
यह काफी सस्ता भी होता और अधिकतर शहरों में यह 300 रुपए में हो जाता है। 
 
इसके अलावा डॉक्टर CBC, CRP और थूक का कल्चर टेस्ट (Sputum Culture) भी करवाता है।
 

निमोनिया (Pneumonia) कितने प्रकार का होता है

निमोनिया आपको किस वजह से हुआ है इसके आधार पर निमोनिया (Pneumonia) को कुछ भागों में बांटा गया है जैसे

1) कम्युनिटी एक्वायर्ड निमोनिया (CAP) - इस प्रकार का निमोनिया तब होता है जब आप अपने आस पास के लोगों से यह इंफेक्शन ले लेते हैं। 
 
जैसे किसी को निमोनिया हुआ हो और आपने निमोनिया से संक्रमीत कोई वस्तु छू ली तो आपको भी निमोनिया हो जाता है। 

2) हॉस्पिटल एक्वायर्ड निमोनिया (HAP) - इस प्रकार का निमोनिया तब होता है जब आप किसी अन्य बीमारी के लिए हॉस्पिटल जाते हैं और वहां आपको निमोनिया हो जाता है। 
 
इस प्रकार का निमोनिया बहुत खतरनाक होता है क्यूंकि इस प्रकार के निमोनिया में अधिकतर एंटीबायोटिक असर नहीं करती हैं।
 
3) वेंटीलेटर एसोसिएटेड निमोनिया (VAP) - इस प्रकार का निमोनिया तब होता है जब मरीज वेंटीलेटर पर होता है या ऑक्सीजन सपोर्ट पर होता है। इस प्रकार का निमोनिया HAP की तरह ही होता है।
 
4) एस्पिरेशन निमोनिया (Aspiration Pneumonia) - इस प्रकार का निमोनिया तब होता है जब मरीज की सांस नली से होता हुआ कोई भोजन का कण, पानी या शरीर का ही कोई फ्लूइड फेफड़ों में पहुंच जाता है और फेफड़ों को संक्रमित कर देता है।
 

निमोनिया (Pneumonia) का ईलाज

निमोनिया अगर बैक्टीरिया के कारण है तो डॉक्टर एंटीबैक्टीरियल दवाई देता है। 
 
निमोनिया अगर वायरस के कारण है तो डॉक्टर लक्षणों के आधार पर दवाई देता है और आराम करने को बोलता है। 
 
अगर सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो ऑक्सीजन चढ़ाना जरूरी हो जाता है। 
 
अगर फेफड़ों में पानी भरा है तो डॉक्टर एक छोटे से प्रोसीजर से पानी निकाल देता है। 
 
निमोनिया से पूरी तरह ठीक होने में एक महीना लग जाता है। 
 
बेहतर यही होगा की निमोनिया के लक्षण दिखाई देने पर आप डॉक्टर के अनुसार ही इलाज करें आप जल्द ठीक हो जाएंगे।
 

निमोनिया में चावल खाना चाहिए या नहीं

यह एक बहुत बड़ी भ्रांति लोगों के बीच है की निमोनिया होने पर चावल नहीं खाना चाहिए लेकिन यह सिर्फ एक भ्रांति ही है। 
 
चावल कार्बोहायड्रेट और विटामिन से भरपूर होता है जो मरीज को ऊर्जा और पोषण प्रदान करता है। 
 
इसलिए निमोनिया का मरीज चावल खा सकता है। 
 

निमोनिया में नहाना चाहिए या नहीं

निमोनिया होने पर मरीज को सांस लेने में बहुत दिक्कत होने लगती है इसलिए लोगों को लगता है की निमोनिया होने पर नहीं नहाना चाहिए। 
 
लेकिन डॉक्टर्स मानते हैं की निमोनिया होने पर हलके गुनगुने पानी से नहाना चाहिए क्यूंकि गुनगुने पानी से नहाने से फेफड़े रिलैक्स हो जाते हैं और मरीज को सांस लेने में आसानी होती है। 
 
 

निमोनिया (Pneumonia) किसको होने की सबसे अधिक संभावना होती है

1) 5 साल से कम के बच्चे और 60 साल से अधिक के बूढ़े

2) जिनको हार्ट या फेफड़ों की समस्या हो

3) जो हॉस्पिटल में रहते हों या हॉस्पिटल आना जाना अधिक हो

4) धूम्रपान, शराब और तंबाकू का सेवन करने वाले

5) गर्भवती महिलाओं को

6) कमजोर इम्यून सिस्टम या कुपोषित लोगो को

7) एड्स के मरीजों को

8) स्टीरॉयड लेने वाले को
 

नोट -: निमोनिया से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है।

Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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