वर्टिगो क्या होता है और क्यों होता है | Vertigo Meaning in Hindi

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Vertigo Meaning in Hindi - वर्टिगो का मतलब होता है चक्कर आना या सिर घूमना, यह हमारे शरीर के संतुलन से जुड़ी एक अवस्था होती है जिसमें मरीज को संतुलन बनाने में दिक्कत आती है और चक्कर आने लगते हैं। 
 
वर्टिगो कभी भी आ सकता है खड़े होने पर, चलने पर, सिर हिलाने पर या लेटने पर। 
 
वर्टिगो कोई रोग नहीं है लेकिन यह रोग का लक्षण होता है।

वर्टिगो के लक्षण - Symptoms of Vertigo in Hindi

1) चक्कर आना या सिर घूमना 

2) खड़े होने पर संतुलन बनाए रखने में दिक्कत होना 

3) सिर दर्द करना 

4) एक ओर झुकना या ऐसा महसूस होना की शरीर एक तरफ झुका जा रहा है

5) गिरने जैसा महसूस होना

6) कान में सीटी बजना या सनसनाहट होना

7) कम सुनाई देना 

8) उल्टी होना या उल्टी जैसा महसूस होना

वर्टिगो का कारण - Reason For Vertigo in Hindi

वर्टिगो के कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसका मुख्य कारण कान (Peripheral Vertigo) में समस्या (90%) होती है। 
 
दिमाग में कोई समस्या होने पर भी वर्टिगो (Central Vertigo) आते हैं लेकिन इसका प्रतिशत कम (10%) होता है।
 

1) मेनियर्स डिजीज - Menieres Disease

यह हमारे अंदरूनी कान से जुड़ी एक बीमारी होती है जिसमें मरीज के कान (Labyrinth) प्रभावित होता है। 
 
यह बीमारी अंदरूनी कान के भीतर पाए जाने वाले तरल पदार्थ के दबाव के कारण होती है। 
 
जिससे की हमारा संतुलन प्रभावित होता है और चक्कर आने लगते है। 
 
इसमें मरीज को चक्कर आना, कान में सीटी बजना, कम सुनाई देना और सिर दर्द जैसे लक्षण महसूस होते हैं। 
 
यह अधिकतर एक कान में होता है लेकिन 30% मरीजों में यह दोनों कान में हो जाता है। 
 
मेनियर्स डिजीज का अगर ईलाज ना करवाएं तो मरीज बहरा हो सकता है।
 

2) वेस्टीबुलर न्यूराइटिस - Vestibular Neuritis

वेस्टीबुलर नर्व हमारे अंदरूनी कान में पाई जाती हैं और यह हमारे संतुलन के लिए उत्तरदाई होती है। 
 
जब वेस्टीबुलर नर्व में कोई संक्रमण होता है तो इसमें सूजन आ जाती है जिसे हम वेस्टीबुलार न्यूराइटिस कहते हैं। यह मुख्यता सर्दी, जुकाम और बुखार के कारण होती है। 
 
इसके कारण मरीज को चक्कर आने लगते हैं, चक्कर के साथ घबराहट इसका सामान्य लक्षण हैं। यह कुछ दिनों बाद अपने आप ठीक हो जाता है।
 

3) ओटलिथिक डिसऑर्डर - Otolithic Disorder

ओटलिथिक डिसऑर्डर हमारे कान के अंदरूनी भाग सैक्यूल (Saccule) और यूट्रीकल (Utricle) में डैमेज के कारण होता है। 
 
इसके कारण मरीज को संतुलन बनाए रखने में परेशानी होती है और चक्कर आते हैं। 
 
इसमें मरीज को एक तरफ झुकने में चक्कर आने लगते हैं। 
 
इसका ईलाज कुछ खास तरह की एक्सरसाइज और दवाईयों से किया जाता है।
 

4) वेस्टीबुलर माइग्रेन - Vestibular Migrane

वेस्टीबुलर माइग्रेन हमारी वेस्टीबुलर नर्व को प्रभावित करता है जिसके कारण चक्कर आने लगते हैं। 
 
इसमें चक्कर के साथ सिर दर्द भी होता है। यह बूढों और युवाओं में अधिक पाया जाता है। 
 
इसमें मरीज को चक्कर आना, जी घबराना, उल्टी होना और तेज रोशनी और आवाज से दिक्कत होती है। 
 
इसके लिए मरीज को डाइट कंट्रोल करने को कहा जाता है और कुछ दवाएं दी जाती हैं।
 

5) बिनाइन परओक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो - Benign Paroxysmal Positional Vertigo

बिनाइन परओक्सिस्मल पोजिशनल वर्टिगो (BPPV) चक्कर आने का सबसे आम कारण होता है। 
 
इसमें मरीज को ऐसा लगता है की सिर अंदर से तेजी से घूम रहा है। BPPV में चक्कर सिर की पोजिशन बदलने पर आते हैं। 
 
यह चक्कर बहुत ही थोड़े समय के लिए आते हैं और चले जाते हैं। 
 
इसका होने का मुख्य कारण सिर में चोट लगना, कान में संक्रमण या अधिक उम्र होना है। 
 
BPPV के अधिक आने पर मरीज को कुछ खास सिर की एक्सरसाइज करने को बोला जाता है जिससे की मरीज को आराम मिल जाता है।
 

6) लाबीरिंथाइटिस - Labyrinthitis

लाबीरिंथाइटिस मरीज के अंदरूनी कान (Labyrinth) में बैक्टिरियल या वायरल संक्रमण के कारण होता है। 
 
इसकी वजह से मरीज को चक्कर आना, कान में सीटी बजना, घबराना और संतुलन बनाने में दिक्कत महसूस होती है। 
 
इसमें मरीज को दवाओं के साथ आराम करने को बोला जाता है और एक महीने में मरीज ठीक हो जाता है।
 

7) एकाउस्टिक न्यूरोमा - Acoustic Neuroma

एकाउस्टिक न्यूरोमा अंदरूनी कान और दिमाग के बीच में होने वाला एक ट्यूमर होता है। 
 
इसके कारण मरीज को चक्कर आने लगते हैं। यह मरीज को बहरा कर देता है और कानों में लगातार सीटी बजा करती है। 
 
इसके लक्षणों के बढ़ने पर सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी की अंतिम विकल्प होता है।
 

8) माल डी डिबार्कमेंट सिंड्रोम - Mal De Debarquement Syndrome

माल डी डिबार्कमेंट सिंड्रोम मरीज को लंबे समय तक मोशन में रहने के कारण आता है जैसे लगातार हवाई यात्रा करना, कार या बस में यात्रा करना, झूला झूलना, नाव में बैठना आदि। 
 
यह महिलाओं में अधिक होता है। इसमें मरीज को सिर घूमने जैसी फिलिंग आया करती है जिसके कारण सिर दर्द भी होता है। 
 
इसके ईलाज के लिए मरीज को मोशन एक्सरसाइज करने को कहा जाता है।
 

9) वेस्टीबुलर पैरोसीमिया - Vestibular Paroxysmia

वेस्टीबुलार पैरोसीमिया में मरीज को बार-बार चक्कर आते हैं। इसका मुख्य कारण वेस्टीबुलर नर्व में डैमेज या सिकुड़ने के कारण होता है। 
 
इसमें मरीज की सुनने की क्षमता भी कम हो जाती है और कान में सिटी बजने की आवाज आती है। 
 
इसको रोकने के लिए दवाईयां दी जाती हैं और अगर दवाईयों से आराम ना मिले तो सर्जरी की जाती है।
 

10) पेरिलिंफ फिस्तुला - Perilymph Fistula

पेरिलिंफ फिस्तुला उस झिल्ली में डैमेज को कहते हैं जो मिडिल ईयर और इनर ईयर को अलग करती है। 
 
इसमें मरीज को चक्कर आते हैं, कान में भारीपन लगता है और सुनने की क्षमता कम होती जाती है। 
 
अधिकतर मामलों में मरीज का ऑपरेशन करना पड़ता है। 
 
इसका मुख्य कारण सिर में चोट, कान का पर्दा फटना, कान में इंफेक्शन, लगातार अधिक शोर में रहना, अधिक वजन उठाना, स्कूबा डाइविंग या अधिक हवाई यात्रा होता है।
 

11) दवाईयों के कारण

कुछ दवाइयां जो अंदरूनी कान को प्रभावित करती हैं भी चक्कर आने का कारण बनती हैं जैसे एंटीबायोटिक्स, डायरेटिक्स, किस्प्लेटिन, एंटी कंवलसेंट, एस्पिरिन, सैलिसिलेट इत्यादि।
 
इनके अलावा सिर में चोट और मल्टीपल स्क्लेरोसिस के कारण भी चक्कर आते हैं।
 

वर्टिगो का ईलाज - Treatment of Vertigo in Hindi

वर्टिगो का ईलाज करने से पहले इसका कारण पता करना जरूरी है। 
 
वर्टिगो अगर कान में किसी समस्या (Peripheral Vertigo) के कारण है तो डॉक्टर उस कारण को पता करके उसका ईलाज करता है। 
 
यदि दिमाग में किसी समस्या (Central Vertigo) के कारण चक्कर आ रहें हैं तो उसका कारण पता करके इसका ईलाज किया जाता है। 
 
वर्टिगो होने पर डॉक्टर मरीज को एंटी वर्टिगो ड्रग्स जैसे बीटाहिस्टेन, सिनरिजिन या प्रोक्लोरपराजीन दवाईयां देता है जो काफी प्रभावी होती हैं। 
 
इनके अलावा डॉक्टर कुछ एक्सरसाइज (Vestibular Rehabilitation Training) करने को भी बोलता है जो वर्टिगो में बहुत फायदा पहुंचाती हैं। 
 
अगर मरीज को इन दोनों तरीकों से आराम नहीं मिलता तो सर्जरी करी जाती है।
 
 

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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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