Varicocele Meaning in Hindi - पुरुषों के अंडकोष के ऊपर पाई जाने वाली नसों के गुच्छे में सूजन और वृद्धि को वैरीकोसील कहते हैं।
यह नसें पुरुष के वृषण (Testicle) और अंडकोष को रखने वाली थैली (Scrotam) के बीच में पाई जाती हैं।
यह नसें ब्लड को टेस्टिकल से हृदय की तरफ भेजने का काम करती हैं।
जब ब्लड ऊपर की तरफ जाने की बजाय इन नसों में ही जमा होने लगता है तो इसे ही वैरीकोसील कहते हैं।
इन नसों में कई सारे वाल्व होते हैं और जब इन वाल्व में दिक्कत आती है तभी ब्लड इन नसों में जमा होने लगता है।
यह अधिकतर 15 से 40 साल के बीच के लोगों को होता है। यह बीमारी पुरुषों में बच्चे पैदा करने की क्षमता पर बहुत बुरा प्रभाव डालती है।
वैरीकोसील होने का कारण - Cause of Varicocele in Hindi
पुरुष के अंडकोष की थैली में अंडकोष होता है और अंडकोष को उसकी जगह पर रखने के लिए स्पर्मेटिक कार्ड होती है इस कार्ड में नसें, धमनियां और तंत्रिका तंत्र शामिल हैं।
इसमें मौजूद नसें एक तरफ से ब्लड टेस्टिकल की तरफ भेजती हैं और दूसरी तरफ से ब्लड को हृदय की तरफ भेजा जाता है।
इन नसों में कई सारे वाल्व होते हैं जब इन वाल्व में कोई दिक्कत हो जाती है तो ब्लड इन्ही नसों में जमा होने लगता है इसे ही वैरीकोसील कहते हैं।
इनके वाल्व में खराबी कई कारण से हो सकते हैं जैसे
1) अंडकोष में चोट लगना
2) मोटापा
3) अधिक वजन उठाना
4) संक्रमण होना
5) खड़े होकर पानी पीना
6) प्यूबर्टी में
7) तेज गति से सेक्स करने में
वैरीकोसील के लक्षण - Symptoms of Varicocele in Hindi
वैरीकोसील के लक्षण सबमें अलग अलग होते हैं। कई मरीजों में दर्द या तकलीफ नहीं होती जबकि कई मरीजों में गंभीर दर्द होता है।
कई मरीजों में लंबे समय तक खड़े रहने, दौड़ने, व्यायाम करने, लंबी यात्रा करने, वजन उठाने पर दर्द शुरू होता है।
इसके अलावा कुछ अन्य लक्षण भी हैं जैसे
1) अंडकोष की नसों में सूजन आना
2) समय के साथ साथ दर्द का बढ़ना
3) खड़े होने पर तेज दर्द होना
4) पीठ के बल लेटने पर दर्द होना
5) कोई भी शारीरिक काम के दौरान अंडकोष में दर्द होना
6) अंडकोष में गांठ बन जाना
7) अंडकोष में लगातार हल्का हल्का दर्द बने रहना
8) बच्चे पैदा करने की क्षमता कम या खत्म हो जाना
वैरीकोसील का ईलाज - Treatment of Varicocele in Hindi
वैरीकोसील के अगर लक्षण ना दिखाई दें तो इसका ईलाज करवाने की कोई जरूरत नहीं है।
लेकिन इसके लक्षण दिखाई देने पर इसका सर्जरी ही एक मात्र ईलाज है।
सर्जरी में एक छोटा सा चीरा लगा कर प्रभावित नसों को बांध दिया जाता है जिससे स्वस्थ नसें हार्ट की तरफ ब्लड आसानी से भेज सकें।
इसके अलावा एंबोलाइजेशन (Embolization) तरीके से भी इसका ईलाज किया जाता है। इस तरीके में कोई ऑपरेशन नहीं करना पड़ता।
पहले एक इंजेक्शन के माध्यम से शरीर में एक लिक्विड पहुंचाया जाता है जो अल्ट्रासाउंड इमेज को बेहतर दिखाता है फिर उसके बाद जांघ या गले की नस में एक बहुत ही पतली ट्यूब डालकर उसे प्रभावित नसों तक पहुंचाया जाता है।
फिर उन नसों को ठीक कर दिया जाता है यह प्रक्रिया एक घण्टे से भी कम समय में हो जाती है और उसी दिन मरीज को छुट्टी दे दी जाती है।
वैरीकोसील की जांच - Diagnosis of Varicocele in Hindi
वैरीकोसील की जांच हाथों से की जाती है। डॉक्टर आपको खड़ा करके एक लंबी सांस लेने को बोलेगा और उस वक्त आपके अंडकोष की नसों को देखेगा और अपने हाथों से उसकी जांच छू कर करेगा।
इसके अलावा अल्ट्रासाउंड से भी वैरीकोसील का आसानी से पता चल जाता है।
वैरीकोसील का ईलाज ना करवाने पर क्या दिक्कत हो सकती है - Complication Due to Varicocele in Hindi
वैरीकोसील
का ईलाज ना करवाने पर एक तो आपको लगातार दर्द झेलना पड़ेगा और आपके
टेस्टिकल सामान्य रूप से काम नहीं कर पाएंगे जिसकी वजह से मरीज में प्रजनन
क्षमता खत्म हो जायेगी।
पुरुषों में बच्चे पैदा ना कर पाने का एक कारण यह
भी होता है। लगभग 40% पुरुष जो बच्चा पैदा करने में असमर्थ हैं उनमें
वैरीकोसील बीमारी ही पाई जाती है।
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