Mahilao Me Bar Bar Peshab Aana - प्रत्येक 10 में से 5 महिलाओं में यह देखा गया है की उनको बार-बार पेशाब लगा करती है।
महिलाओं में बार-बार पेशाब लगने की समस्या बच्चा पैदा होने के बाद और बढ़ जाती है।
आईए आज समझते हैं की महिलाओं में बार-बार पेशाब आना किस कारण होता है और इसका ईलाज क्या है
महिलाओं में बार-बार पेशाब आने का कारण - Mahilao Ko Bar Bar Peshab Aana
हमारे शरीर का अतिरिक्त जल और गंदगी हमारी किडनी छान कर मूत्राशय में भेज देती है।
मूत्राशय जब भर जाता है तो वहां से हमारे दिमाग को एक संकेत जाता है और मूत्राशय के आगे एक वाल्व होता है जो हमारे दिमाग के आदेश पर खुलता और बंद होता है।
जब हमें पेशाब लगती है तो हमारा दिमाग उस वाल्व को खुलने का संकेत देता है और हम पेशाब कर पाते हैं।
एक स्वस्थ व्यक्ति दिन में औसतन 6 से 8 बार पेशाब जाता है।
जब पेशाब इससे अधिक बार लगती है तो यह कई बीमारियों का लक्षण होती है और इसके कई सारे कारण होते हैं जैसे
मूत्रमार्ग का संक्रमण (UTI) - Urinary Tract Infection
UTI का मतलब होता है यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और UTI होना महिलाओं में एक आम समस्या है और हर 3 में से 1 महिला UTI से पीड़ित होती है।
UTI में महिलाओं के मूत्रमार्ग में जलन और दर्द होता है। यह बैक्टिरियल इन्फेक्शन के कारण होती है और इसमें महिलाओं को बार बार पेशाब लगती है जो जलन और दर्द करती है।
इसका ईलाज बहुत ही आसान है और एंटीबायोटिक दवाओं से ये ठीक हो जाती है।
इसके अलावा आगे आपको UTI ना हो इसके लिए आपको जननांग की साफ सफाई का बहुत ध्यान रखना चाहिए।
प्रेगनेंसी - Pregnancy
प्रेगनेंसी में गर्भाशय बड़ा होने लगता है तो वह मूत्राशय पर दबाव डालता है जिसकी वजह से महिलाओं को बार बार पेशाब लगती है।
इसके अलावा प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में रक्त का संचार तेजी से हुआ करता है जिसकी वजह से मूत्राशय जल्दी भर जाता है और महिलाओं को बार बार पेशाब लगती है।
बच्चा होने के 3 से 6 महीने के भीतर ही यह समस्या ठीक हो जाती है।
डायबिटीज - Diabetes
बार-बार पेशाब आना डायबिटीज का लक्षण होता है।
डायबिटीज में पेशाब बहुत लगती है, अगर आपको बार बार पेशाब आ रही है तो एक बार अपना HbA1c टेस्ट जरुर करवाएं।
अगर आपको पहले से डायबिटीज है तो दवाई समय से खाते रहें और खानपान का बहुत ध्यान रखें।
गुर्दे की पथरी - Kidney Stone
किडनी स्टोन होने पर भी बार बार पेशाब लगती है और पेशाब करने के थोडी देर बाद भी ऐसा लगता है जैसे फिर से पेशाब लग गई हो।
ऐसी स्थिति में पेशाब में जलन भी होती है। आपको अपना अल्ट्रासाउंड करवा के पथरी का ईलाज शुरू करना चाहिए।
अतिसक्रिय मूत्राशय - Overactive Bladder
ओवरएक्टिव ब्लैडर एक गम्भीर समस्या बन जाती है और इसमें मरीज का जीवन बहुत प्रभावित होता है। इसमें आपको बार बार पेशाब लगती है और पेशाब अचानक से लग जाती है।
इस स्थिति में पेशाब रोक पाना बहुत मुश्किल हो जाता है और कई बार कपड़ों में ही हो जाती है।
ओवर एक्टिव ब्लैडर के कई कारण होते हैं जैसे ब्लैडर का सिकुड़ना, ब्लैडर का अपनी जगह से नीचे उतरना, ब्लैडर की मांशपेशियां कमजोर होना ईत्यादि।
ओवरएक्टिव ब्लैडर को हम दवाइयों और अपनी लाईफ स्टाईल में परिवर्तन करके बदल सकते हैं।
ओवर एक्टिव ब्लैडर की स्थिति में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
फाइब्रॉइड - Fibroid
महिलाओं में फाइब्रॉयड एक आम समस्या है कई बार फाइब्रॉयड बिना कोई समस्या किए गर्भाशय के आसपास पड़े रहते हैं और कई बार यह गम्भीर समस्याओं को जन्म देते हैं।
फाइब्रॉयड होने पर यह अपना आकार बढ़ाते हैं तो वह मूत्रमार्ग पर दबाव डालते हैं जिसके कारण महिलाओं को बार बार पेशाब लगा करती है।
ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर को दिखाकर फाइब्रॉयड का ईलाज करवाना चाहिए।
शुरुआत में फाइब्रॉयड आसानी से ठीक हो जाता है लेकिन बाद में इसकी सर्जरी करवानी पड़ती है।
इसलिए नियमित तौर पर अपनी जांच करवाते रहें।
अधिक पानी पीना - Excess Water Intake
जो महिलाएं दिन भर में 3 लीटर से अधिक पानी पीती हैं उनको बार बार पेशाब लग जाती है।
यह कोई बीमारी नहीं होती और आप पानी की मात्रा कम करके इसे आसानी से कंट्रोल कर सकती हैं।
एस्ट्रोजन का कम होना - Low Estrogen Level
एस्ट्रोजन महिलाओं में एक महत्वपूर्ण हार्मोन होता है।
40 की उम्र के बाद या मोनोपॉज आने पर एस्ट्रोजन हार्मोन कम बनने लगता है जिसकी वजह से महिलाओं में पेशाब रोकने की क्षमता कम हो जाती है और उनको बार बार पेशाब लगा करती है।
दवाइयों और एक्सरसाइज से आप इसे कंट्रोल कर सकती हैं।
वैजीनाइटिस - Vaginitis
वैजीनाइटिस यानी की वैजाइना में संक्रमण और इस दौरान वैजाइना में सूजन और दर्द होती है।
यह कोई संक्रमण के कारण होती है। इसमें आपको बार बार पेशाब लगती है।
कई बार व्हाइट डिस्चार्ज भी होने लगता है और पेशाब से मछली जैसी दुर्गंध या पीला झाग भी आने लगता है।
यह बीमारी सही ईलाज करवाने से आसानी से ठीक हो जाती है।
दवाईयां, शराब और कॉफी का अधिक सेवन
जो महिलाएं शराब कॉफी और चाय का अधिक सेवन करती हैं उनको भी बार बार पेशाब लगा करती है।
ये पदार्थ डाइयूरेटिक्स (Diuretics) यानी की मूत्रवर्धक की तरह काम करते हैं और इसके कारण आपको बार बार पेशाब लगती है।
हार्ट के मरीजों को डाइयूरेटिक्स दवाईयां चलती हैं जिसके कारण उनको भी बार बार पेशाब लगा करती है।
शराब और कॉफी का सेवन कम करके आप इसे ठीक कर सकती हैं।
बार-बार पेशाब आने पर कौन सी जांच करवाएं
1) अल्ट्रासाउंड
2) CBC Test
3) किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT)
बार-बार पेशाब आने की समस्या से कैसे बचें
1) पौष्टिक आहार लें और भोजन में फाइबर्स की मात्रा बढ़ाएं
2) सोने के पहले लिक्विड या पानी मत पिएं
3) चॉकलेट, चाय, काफी और शराब का सेवन बंद कर दें
4) अधिक मसालेदार भोजन ना करें
5) रोज एक्सरसाइज करने की आदत डालें
6) जननांगों की साफ सफाई का ध्यान रखें
7) 35 की उम्र के बाद हर 6 महीने में एक बार शरीर का चेक अप जरूर करवाएं
8) खट्टी चीजें कम खाएं
9) मिठाई या शुगर का सेवन कम कर दें
बार-बार पेशाब आने का घरेलू ईलाज
1) आंवला का रस और शहद को सुबह शाम एक एक चम्मच लेने से बार बार पेशाब आने में आराम मिलता है।
2) जायफल और सफेद मूसली का सुबह शाम एक आधा चम्मच लेने से बार बार पेशाब आने में राहत मिलती है।
3) रोज दो केले खाने से बार बार पेशाब आने की समस्या से निजात मिलता है।
4) तिल के लड्डू या तिल को गुड के साथ रोज लेने पर इस समस्या में आराम मिलता है।
5) अंगूर का रोज सेवन करें, अंगूर बार बार पेशाब आना की समस्या को नियंत्रित करता है।
6) अनार का रस पीने से या अनार के छिलके का पाउडर बना कर रोज थोड़ा थोड़ा पीने से भी इस समस्या से आराम मिल जाता है।
7) रोज दो गाजर खाने से भी बार बार पेशाब आने की समस्या से आराम मिल जाता है।
8) रोज 5 तुलसी की पत्तियों में शहद लगा कर चबा चबाकर खाने से भी बार बार पेशाब आने की समस्या में आराम मिलता है।
9) पालक खाएं या पालक का सूप पिएं, पालक बार बार पेशाब आने की समस्या में बहुत फायदेमंद है।
डॉक्टर से कब संपर्क करें
1) पेशाब करते वक्त जलन या दर्द हो
2) पेशाब से झाग या बदबू आए
3) पेशाब करते वक्त खून निकले
4) बुखार या ठंड लग कर बुखार आए
5) उल्टी या उल्टी जैसा महसूस हो
6) पेट के निचले हिस्से और पीठ में लगातार दर्द बना रहे
7) अत्यधिक थकान लगे
अगर आपको ऊपर लिखी ये समस्याएं हो रहीं हों तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें
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