Best Antibiotic for Urinary Tract Infection (UTI) in Females in Hindi - यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जिसे हम UTI भी कहते हैं मूत्र मार्ग में होने वाला एक इंफेक्शन है।
UTI इंफेक्शन पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है। महिलाओं में UTI होने की संभावना पुरुष की तुलना में 30 गुना अधिक होता है।
हर 10 में से 6 महिला को UTI होता है जिसमें से 4 महिलाओं का UTI एक महीने से लेकर 6 महीने तक रहता है।
मूत्रमार्ग में होने वाला इंफेक्शन बहुत कॉमन है लेकिन जब यह इंफेक्शन मूत्राशय (Bladder) में अथवा किडनी में पहुंच जाता है तब यह बहुत ही गम्भीर स्थिति होती है।
UTI के ईलाज में सही एंटीबायोटिक का चुनाव सबसे जरूरी होता है।
आईए समझते हैं की यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर कौन सी एंटीबायोटिक सबसे अच्छी तरह काम करती है।
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण - Symptoms of Urinary Tract Infection in Hindi
1) पेशाब में जलन होना
2) पेशाब के बाद भी ब्लाडर भरे होने का एहसास होना
3) गाढ़ी और बदबूदार पेशाब होना
4) बार बार पेशाब लगना और कुछ बूंद ही पेशाब होना
5) पेशाब करते वक्त दर्द होना
6) पेशाब में खून आना या पिंक कलर की पेशाब होना
अगर UTI आपके किडनी तक पहुंच गया है तो इसके लक्षण और बढ़ जाते हैं जैसे
1) बुखार आना
2) ठंड लगना
3) संबंध बनाते समय दर्द होना
4) उल्टी होना या उल्टी जैसा महसूस होना
5) पीठ में दर्द बने रहना
6) पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
7) थकान और कमजोरी लगना
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन किस बैक्टीरिया के कारण होता है - Which Bacteria Cause UTI in Hindi
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कई बैक्टीरिया के कारण होता है लेकिन अधिकतर (95%) यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन निम्न बैक्टीरिया के कारण होता है।
1) E.coli,
2) K.pneumoniae,
3) P.mirabilis,
4) E.faecalis
5) Staphylococcus Saprophyticus
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में कौन सी एंटीबायोटिक देनी चाहिए - Best Antibiotic for Urinary Tract Infection in Hindi
यूरीनरी
ट्रैक्ट इंफेक्शन अधिकतर ग्राम पॉजिटिव और ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया के
कारण होता है।
इसमें कुछ एंटीबायोटिक बहुत ही अच्छा काम करती हैं जैसे
1) ट्रिमेथॉप्रीम (Trimethoprim)
2) एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin)
3) लेवोफ्लोक्सासिन (Levofloxacin)
4) अमॉक्सीसिलीन कैल्वुलेनिक
एसिड (Amoxicillin and Clavulanic acid)
5) सिफिक्सिम (Cefixime)
आजकल ड्रग कॉम्बिनेशन भी दिया जाता है जैसे
एजिथ्रोमाइसिन और सिफिक्सिम की कॉम्बिनेशन ड्रग।
मरीज को हालत गम्भीर होने पर मरीज को भर्ती करके आईवी ड्रग्स चढ़ाना पड़ता है।
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का ईलाज ना करवाने पर क्या समस्याएं हो सकती हैं - Complication Due To UTI in Hindi
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का अगर सही से ईलाज ना करवाया जाए तो यह बार बार होने लगता है और मरीज की किडनी डैमेज कर देता है।
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कारण गर्भ धारण करने में भी दिक्कत होती है और बच्चे अविकसित पैदा हो सकते हैं।
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के कारण सेप्सिस भी हो सकती है। इसके अलावा यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर पेशाब भी रुक जाती है जो की एक इमर्जेंसी कंडीशन होती है।
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कितने प्रकार का होता है - Types of UTI in Hindi
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन चार प्रकार का होता है।
Urethritis पहले टाइप में सिर्फ मरीज का मूत्रमार्ग (Urethra) इंफेक्शन से प्रभावित होता है।
Cystitis दूसरे टाईप में मूत्रमार्ग के साथ ब्लाडर (Bladder) भी इन्फेक्शन से प्रभावित हो जाता है।
Pyelonephritis तीसरे टाईप में मूत्रमार्ग, ब्लाडर और किडनी तीनों इन्फेक्शन से प्रभावित हो जाती हैं। यह एक गम्भीर स्थिति होती है।
Vaginitis चौथे टाईप में महिला के जनन तंत्र में संक्रमण हो जाता है।
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को कैसे रोकें - How To Prevent UTI in Hindi
1) खूब पानी पिएं
2) पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल मत करें क्योंकि वो बहुत ही गंदे होते हैं और अधिकतर UTI वहीं से फैलता है
3) पेशाब करने के बाद साफ पानी या वाइप्स से अपने मूत्रमार्ग (महिलाएं) की सफाई करें
4) संबंध बनाने के बाद पेशाब जरुर करें
5) पीरियड्स के दौरान साफ कपड़े का इस्तेमाल करें या सैनिटरी पैड्स पहने
6) नए पार्टनर के साथ संबंध बनाते समय कंडोम का इस्तेमाल जरुर करवाएं
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की जांच - Diagnosis of UTI in Hindi
1) यूरीन
एनालिसिस (Urine R/M) यह एक बहुत ही सस्ता और आसान तरीका है यूरीनरी
ट्रैक्ट इंफेक्शन को पता करने का और यह टेस्ट पेशाब से हो जाता है। इस
टेस्ट की कीमत मात्र 100 रुपए होती है।
2) यूरीन कल्चर (Urine C/S)
3) अल्ट्रासाउंड
महिलाओं में यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन अधिक क्यों होता है - Why Women Are More Prone To UTI in Hindi
1) महिलाओं के मूत्रमार्ग की लम्बाई (Urethra) पुरुषों की तुलना में छोटी होती है जिसके कारण बैक्टीरिया आसानी से ब्लाडर तक पहुंच जाते हैं।
2) पीरियड्स के समय गंदे कपड़े पहनने के कारण
3) जननांगों की सफाई का ध्यान न देने के कारण
4) एक से अधिक पार्टनर होने के कारण
5) मोनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन बनना कम हो जाता है जिसके कारण यूरीनरी ट्रैक्ट में परिवर्तन आ जाता है जो यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ा देता है।
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