Kidney Kharab Hone Ke Lakshan - भारत में प्रत्येक 10 लाख लोगों में 1,000 लोगों को किडनी की गम्भीर बीमारी है और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।
भारत में हर साल करीब 4,000 लोगों का किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है।
किडनी की बीमारी में व्यक्ति शारीरिक के साथ साथ आर्थिक रूप से भी टूट जाता है।
डायलिसिस, दवाईयां या फिर किडनी ट्रांसप्लांट ये सारी चीजें मरीज को बहुत ही महंगी पड़ती हैं।
लेकिन आप अपने शरीर का थोड़ा सा ध्यान रखकर किडनी की गम्भीर बीमारी से बच सकते हैं।
आईए जानते हैं की किडनी किन वजहों से खराब होती है और किडनी खराब होने के लक्षण क्या हैं
किडनी खराब होने का कारण - Kidney Kharab Hone Ke Karan
1) हाई ब्लड प्रेशर
2) डायबिटीज
3) दर्द निवारक दवाओं का सेवन
4) शराब का अधिक सेवन
5) पर्याप्त मात्रा में पानी ना पीना
6) मोटापा
7) पारिवारिक इतिहास किडनी की बीमारी का
8) मांस का अत्यधिक सेवन
9) बिना डॉक्टर की सलाह के स्टेरॉइड लेना
10) जंक फूड और फास्ट फूड का अधिक सेवन
11) नमक और शक्कर अधिक मात्रा में लेना
12) शारीरिक श्रम ना करना
किडनी खराब होने के लक्षण - Kidney Kharab Hone Ke Lakshan
किडनी के अधिकतर मामलों में लक्षण शुरुआत में नहीं दिखाई देते हैं।
यह लक्षण किडनी खराब होने पर ही दिखाई देते हैं। किडनी खराब होने के लक्षण निम्न हैं
1) पैरों या शरीर में सूजन
2) शरीर में खुजली
3) पेशाब में झाग आना
4) पेशाब में खून आना
5) उल्टी होना या उल्टी जैसा महसूस होना
6) भूख ना लगना
7) थकान और कमजोरी होना
8) बार बार पेशाब होना या पेशाब की आदत में बदलाव होना
9) सांस लेने में दिक्कत होना
10) एनीमिया होना
11) भ्रमित रहना
12) हाई बीपी
13) पेट के निचले भाग में या पीठ में दर्द बने रहना
किडनी की बीमारी कितने स्टेज में होती है - Kidney Kharab Hone Ke Stages
किडनी कभी भी अचानक से फेल नहीं होती यह धीरे धीरे करके खराब होती है।
क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) को GFR (ग्लोमरूलर फिल्ट्रेशन रेट) के अनुसार पांच चरणों में रखा गया है
स्टेज 1 जब GFR 90 mL/min से अधिक हो
स्टेज 2 जब GFR 60 mL/min से 89 mL/min के बीच हो
स्टेज 3A जब GFR 45 mL/min से 59 mL/min के बीच हो
स्टेज 3B जब GFR 30 mL/min से 44 mL/min के बीच हो
स्टेज 4 जब GFR 15 mL/min से 29 mL/min के बीच हो
स्टेज 5 जब GFR 15 mL/min से कम हो
किडनी की बीमारी का पता लगाने के लिए जांच - Kidney Kharab Hone Ke Janch
1) किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT)
2) अल्ट्रासाउंड
इन दो जांचों से आप किडनी की बीमारी का आसानी से पता लगा सकते हैं।
किडनी फंक्शन टेस्ट में कई सारे ब्लड टेस्ट होते हैं जो किडनी की सही जानकारी दे देते हैं।
क्रिएटिनिन इसका सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर है।
क्या किडनी की बीमारी ठीक हो सकती है
नहीं,
किडनी की बीमारी (CKD) ठीक नहीं हो सकती है। इसके लक्षणों में सिर्फ सुधार
किया जा सकता है।
इसका अंतिम ईलाज हमेशा चलने वाला डायलिसिस या किडनी
ट्रांसप्लांट ही है।
हां, अगर एक्यूट किडनी फेल्योर हुआ है तो सही समय पर
ईलाज करके इसे जरूर ठीक किया जा सकता है।
किडनी खराब करने वाली दवा कौन कौन सी हैं
कुछ
दवाएं ऐसी होती हैं जिनके लगातार सेवन से किडनी बुरी तरह प्रभावित होती
हैं और नेफ्रोंस (Nephrons) डैमेज होने लगते हैं। ये दवाएं हैं
2) एंटीबायोटिक्स - Cefixime, Cefpodoxime, Penicillins, Cephalosporins
3) एंटीवायरल दवाईयां - Acyclovir, Foscavir, Tenofovir, Adefovir, Indinavir
4) कीमोथेरेपी में चलने वाली दवाईयां - Mitomycin, Interferon, Cisplatin, Carmustine, Semustine, Methotrexate
5) टीबी में दी जानें वाली दवाईयां
6) हृदय रोग में दी जानें वाली दवाईयां - Clopidogrel, Ticlopidine, ACE Inhibitors, Angiotensin Receptors Blockers
7) स्टेरॉइड - Cyclosporine, Tacrolimus
8) मलेरिया में दी जाने वाली दवाईयां - Quinine
9) एसिडिटी और गैस में दी जानें वाली दवाईयां - Omeprazole, Pantoprazole, Lansoprazole
10) नशीली दवाईयां - Cocaine, Heroin
11) पेशाब बढ़ाने वाली दवाईयां - Loops, Thiazides, Triamterene
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