थ्रोम्बोसाइटोपेनिया क्या है और थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का कारण क्या है | Thrombocytopenia in Hindi

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Thrombocytopenia Meaning in Hindi - प्लेटलेट्स को Thrombocytes कहा जाता है और ब्लड में प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहते हैं।
 
प्लेटलेट्स का हमारे शरीर में मुख्य काम होता है ब्लड को जमने में सहायता करना। 
 
जब भी हमें चोट लगती है और खून बहने लगता है तो प्लेटलेट्स खून बहने वाली जगह जाकर ब्लड क्लॉटिंग करने में सहायता करते हैं। 
 
जिससे खून बहना रुक जाता है। प्लेटलेट्स का जीवन काल 10 दिन का होता है। प्लेटलेट्स हमारी बोन मैरो में बनती है।
 
प्लेटलेट्स का आकार बिल्कुल प्लेट्स की तरह होता है। नए प्लेटलेट्स का आकार बड़ा होता है और जो प्लेटलेट्स पुरानी हो जाती हैं उनका आकार कम हो जाता है।
 
हमारे ब्लड में जब प्लेटलेट्स की वैल्यू 1.5 लाख प्रति माइक्रो लीटर से कम हो जाती है तो इसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहते हैं।
 

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया होने का कारण - Cause of Thrombocytopenia in Hindi

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया होने के तीन मुख्य कारण होते हैं। पहला प्लेटलेट्स का ना बनना, दूसरा प्लेटलेट्स का समय से पहले नष्ट होना और तीसरा स्प्लीन (Spleen) से प्लेटलेट्स का निकल ना पाना।
 
निम्न बीमारियां इन तीनों का कारण हो सकती हैं जैसे

1) डेंगू या मलेरिया

2) कैंसर

3) वायरल इन्फेक्शन 

4) कीमोथेरेपी

5) अत्यधिक शराब का सेवन
 
6) ऑटो इम्यून डिसऑर्डर

7) बैक्टीरियल इंफेक्शन

8) हेमोलिटिक यूरेमिक सिंड्रोम

9) थ्रोंबोटिक थ्रोंबोसाइटोपीनिया परपुरा 

10) प्रेगनेंसी

11) कुछ दवाईयां
 

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कारण होने वाली समस्या - Complication Due to Thrombocytopenia in Hindi

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया में अगर प्लेटलेट्स का लेवल 20,000 से नीचे गिर जाता है तो मरीज के अंदरूनी अंगों में रक्त स्राव (Internal Bleeding) होने लगता है। 
 
जिसमें अगर मरीज को तुरंत प्लेटलेट्स ना चढ़ाया जाए तो मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।
 

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के लक्षण - Symptoms of Thrombocytopenia in Hindi

1) हल्की सी भी चोट लगने पर खून का बहना बंद ना होना

2) नाक या मसूड़ों से खून बहना

3) पीरियड्स में बहुत खून आना

4) थकान लगना

5) तिल्ली (Spleen) का बढ़ जाना

6) त्वचा पर चकत्ते पड़ जाना
 

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का ईलाज - Treatment of Thrombocytopenia in Hindi

1) ब्लड या प्लेटलेट्स चढ़ाना

2) सर्जरी (स्प्लीन को निकाल देना)

3) स्टीरॉयड देना (ऑटो इम्यून बीमारी होने पर)
 

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया की जांच - Diagnosis of Thrombocytopenia in Hindi

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया का पता बहुत ही आसानी से प्लेटलेट्स टेस्ट से चल सकता है। 
 
यह CBC ब्लड टेस्ट का ही एक भाग होता है। CBC टेस्ट भारत में अधिकतर लैब में 300 रुपए का होता है। 
 
अगर आप सिर्फ प्लेटलेट्स टेस्ट करवाना चाहें तो यह सिर्फ 100 रुपए में हो जाएगा। 
 
इसके अलावा कई डॉक्टर बोन मैरो टेस्ट और BT, CT टेस्ट भी करवाते हैं।
 
 

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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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