Chlamydia Trachomatis in Hindi - क्लैमाइडिया पूरे विश्व में सबसे अधिक होने वाला यौन संक्रामक रोग है।
यह असुरक्षित यौन संबंधों से फैलता है। क्लैमाइडिया बैक्टीरिया से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
क्लैमाइडिया Chlamydia Trachomatis नामक बैक्टीरिया के कारण फैलता है।
क्लैमाइडिया
के लक्षण अधिकतर मामलों में दिखाई नहीं देते इसलिए जिस व्यक्ती को
क्लैमाइडिया संक्रमण होता है वह खुद को स्वस्थ समझता है और अनजाने में
दूसरों को भी क्लैमाइडिया से संक्रमित कर देता है।
क्लैमाइडिया पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं को होने की संभावना दो गुना अधिक होती है।
अगर क्लैमाइडिया का ईलाज ना किया जाए तो यह बहुत सी स्वास्थ संबंधित दिक्कतें पैदा कर देता है।
क्लैमाइडिया का ईलाज है और यह आसानी से ठीक हो सकता है।
क्लैमाइडिया सबसे अधिक 15 वर्ष की उम्र से लेकर 28 वर्ष तक की उम्र के लोगों में होता है।
सेक्सुअली एक्टिव लोगों को साल में एक बार क्लैमाइडिया का टेस्ट जरुर करवा लेना चाहिए।
क्लैमाइडिया के लक्षण क्या हैं - Chlamydia Symptoms in Hindi
क्लैमाइडिया के लक्षण अधिकतर मरीजों में नहीं दिखाई देते हैं।
इसके लक्षण अधिकांश मरीजों को तब दिखाई देना शुरू करते हैं जब यह मरीज के अंगो को प्रभावित करना शुरू कर देता है।
क्लैमाइडिया के सामान्य लक्षण हैं
क्लैमाइडिया से संक्रमित पुरुषों में लक्षण - Chlamydia Symptoms Male in Hindi
1) पेशाब करते वक्त जलन होना
2) पेशाब करते वक्त दर्द होना
3) लिंग से पीला या हरे रंग का पदार्थ निकलना
4) पेट के निचले भाग में दर्द होना
5) अंडकोश में दर्द होना
6) गुदा के आसपास दर्द होना
7) गुदा के आसपास से ब्लड आना
8) गला बैठना
9) खांसी आना और बलगम आना
10) बुखार रहना
क्लैमाइडिया से संक्रमित महिलाओं में लक्षण - Chlamydia Symptoms in Women in Hindi
1) सम्बंध बनाते वक्त दर्द होना
2) योनि से सफेद लिक्विड निकलना
3) पेशाब करते वक्त जलन या दर्द होना
4) पीरियड्स के बीच में खून आना
5) गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) में सूजन, दर्द या इंफ्लेमेशन होना
6) बुखार होना
7) उल्टी जैसा महसूस होना
8) गला बैठना और गले में दर्द होना
9) खांसी आना
10) बलगम आना
11) गुदा के आसपास दर्द या सूजन होना
12) गुदा के आस पास से खून आना
क्लैमाइडिया कैसे फैलता है - How Chlamydia Spread in Hindi
1) असुरक्षित यौन संबंध से
2) ओरल सेक्स करने से
3) गुदा सेक्स करने से
4) गर्भवती मां से उसके बच्चे को पैदा होने के समय
5) क्लैमाइडिया से संक्रमित जननांगों को छुने के बाद आंख पर हाथ लगने पर
6) क्लैमाइडिया से संक्रमित जननांगों के किसी भी प्रकार के लिक्विड से जैसे सीमेन या वैजिनल डिस्चार्ज से
क्लैमाइडिया किस करने से, हग करने से, साथ में नहाने से, तौलिया या रुमाल शेयर करने से, स्विमिंग पूल से नहीं फैलता है
क्लैमाइडिया का ईलाज - Chlamydia Treatment in Hindi
क्लैमाइडिया का ईलाज बहुत ही आसान है और इसमें मरीज को एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं।
एजिथ्रोमाइसिन क्लैमाइडिया में सबसे असरकार एंटीबायोटिक होती है।
क्लैमाइडिया के ईलाज में एजिथ्रोमाइसिन की 1 ग्राम की सिंगल डोज दी जाती है।
लेकिन कई डॉक्टर 1 ग्राम की सिंगल डोज 3 दिन तक भी खिलाते हैं।
एजिथ्रोमाइसिन खाली पेट देनी चाहिए तब इसका असर अधिक होता है।
ईलाज के दौरान सेक्स से दूर रहना चाहिए और एक हफ्ते तक किसी भी प्रकार से सम्बंध नहीं बनाने चाहिए।
क्लैमाइडिया इन्फेक्शन पता करने का टेस्ट - Diagnosis of Chlamydia in Hindi
क्लैमाइडिया इन्फेक्शन पता करने के लिए डॉक्टर पहले आपके लक्षणों को समझेगा और फिर जननांगों की जॉच करेगा।
अगर उसे कुछ समझ में नहीं आता तो वह महिलाओं के जननांगों के लिक्विड (Vagina Swab Test for Chlamydia) की जॉच करने को बोलेगा।
पुरुषों में क्लैमाइडिया इन्फेक्शन पता करने के लिए यूरीन की जॉच करवाई जाती है।
इन टेस्ट को NAAT टेस्ट कहा जाता है इसका मतलब होता है न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट।
क्लैमाइडिया इन्फेक्शन से कैसे बचें - Prevention From Chlamydia in Hindi
1) किसी अपरिचित से सेक्स ना करें
2) सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल जरूर करें
3) गुदा सेक्स या ओरल सेक्स ना करें या करते वक्त कॉन्डम का इस्तेमाल करें
4) सेक्स ट्वॉयज को किसी के साथ शेयर ना करें
क्लैमाइडिया इन्फेक्शन का ईलाज न करवाने पर क्या दिक्कत हो सकती है - Risk Factor of Chlamydia Infections in Hindi
क्लैमाइडिया इन्फेक्शन का ईलाज ना करने पर महिलाओं में इनफर्टिलिटी की संभावना बढ़ जाती है।
इसके अलावा PID (Pelvic Inflammatory Disease) नामक बीमारी हो सकती है।
यह महिलाओं और पुरुषों में अर्थराइटिस भी कर देता है।
पुरुषों
में क्लैमाइडिया इन्फेक्शन के कारण अधिक दिक्कत नहीं होती लेकिन कई बार यह
अंडकोश को प्रभावित कर देता है जिसके कारण अंडकोष में दर्द और सूजन हो
जाती है।
यह पुरुषों में प्रोस्टेटेट की समस्या या यूरेथ्राइटिस भी कर देता है।
अगर गर्भवती महिला से प्रसव के दौरान यह पैदा होने वाले बच्चे में फैल गया तो बच्चे को निमोनिया या आंख का इन्फेक्शन कर सकता है।
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