गॉल ब्लैडर पॉलीप्स का मतलब क्या होता है और पॉलीप्स क्यों बनते हैं | Gallbladder Polyps Meaning in Hindi

Gallbladder Polyps Meaning in Hindi - जब हमारे शरीर के किसी भाग में कोशिकाएं असामान्य तरीके से तेजी से बढ़ने लगती हैं तो यह एक छोटी गांठ या दाने की तरह बन जाती हैं तो इन्हीं को हम पॉलिप्स कहते हैं। 

अधिकतर (95%) पॉलिप्स आधे इंच या इससे छोटी होती हैं और ये कैंसर नहीं करती हैं। जबकि 5% पॉलिप्स कैंसर बन जाती हैं।


गॉल ब्लैडर पॉलिप्स - Gallbladder Polyps in Hindi

गॉल ब्लैडर हमारे लिवर के नीचे एक छोटी सी ग्रंथि होती है जो बाइल यानी की पित्त को स्टोर करती है और जरूरत के हिसाब से लिवर और छोटी आंत में स्त्रावित किया करती है।  

यह एक नाशपाती की तरह दिखने वाली ग्रन्थि होती है। खाने के पहले पित्त की थैली भरी होती है और जब हम खाना खाते हैं तो यह पिचक कर अपना सारा पित्त (Bile) स्त्रावित कर देती है।

पित्त (Bile) हमारे शरीर में फैट के मेटाबोलिज्म में सहायता करती है। यह फैट को फैटी एसिड्स में तोड़ देती है।

सबसे अधिक पॉलिप्स शरीर में कहां होते हैं

1) नाक में

2) मलद्वार या गुदा में

3) आंतों में

4) गर्भाशय में

5) गले में

6) कान में

7) पेट में

अधिकतर पॉलिप्स आधे इंच से छोटे होते हैं और अधिकांश मामलों में इनके ईलाज की ज़रूरत नहीं पड़ती है। 

कुछ पॉलिप्स आधे इंच से अधिक आकार के होते हैं और ये कैंसर कर सकते हैं। 

 

gall bladder polyps

 

जिन पॉलिप्स का आकार 1 इंच के करीब होता है वो अधिकांश मामलों में कैंसर में बदल जाती हैं और इसीलिए इनको तुरंत ईलाज की जरूरत होती है।

गॉल ब्लैडर में पॉलिप्स के लक्षण - Symptoms of Gallbladder Polyps in Hindi

अधिकांश मामलों में गॉल ब्लैडर के पॉलिप्स बिना किसी लक्षणों के पड़े रहते हैं और अल्ट्रासाउंड करवाने पर ही पकड़ में आते हैं। 

लेकिन कुछ मरीजों को इसके लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे

1) पेट के दाहिने तरफ दर्द

2) उल्टी होना या जी मिचलाना

3) पेट भरा भरा सा या फूला हुआ महसूस होना

4) खाना ढंग से ना पचना

5) डायरिया

6) खाने में दिक्कत होना

गॉल ब्लैडर में पॉलिप्स होने का कारण - Cause of Gallbladder Polyps in Hindi

1) मोटापा

2) अधिक मसालेदार और वसा युक्त भोजन करना

3) अधिक उम्र का होना

4) अनुवांशिक कारण

5) पेट की कोई सर्जरी

6) ऑटो इम्यून डिजीज

7) कैंसर

8) महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता

9) IBD नामक बीमारी होने पर

10) तंबाकू और शराब का अधिक सेवन

11) पुरुषों को

12) पेट के कैंसर की पारिवारिक इतिहास होने पर

13) PPI का लगातार इस्तेमाल करने पर

14) पेट में बैक्टिरियल इन्फेक्शन होने पर

15) हेपटाइटिस बी होने पर

 

गॉल ब्लैडर पॉलिप्स कितने प्रकार के होते हैं - Types of Gallbladder Polyps in Hindi

गॉल ब्लैडर पॉलिप्स मुख्यता 4 प्रकार के होते हैं

1) सयुडोपॉलिप्स (Pseudo-polyps) - यह हमारे भोजन में कोलेस्ट्रोल की अधिकता के कारण बनते हैं। 

इसमें कोलेस्ट्रोल गॉल ब्लैडर की दीवार से चिपक जाता है और धीरे धीरे करके पॉलिप्स बना देता है।

2) इन्फ्लेमेटरी पॉलिप्स (Inflammatory Polyps) - इन्फ्लेमेटरी पॉलिप्स तब बनती है जब हमारे पित्त की थैली में लंबे समय से इंफ्लेमेशन हो रहा होता है।

3) मालिग्नेंट पॉलिप्स (Malignant Polyps) इस तरह के पॉलिप्स कैंसर का मुख्य कारण होती हैं। हालंकि यह बहुत दुर्लभ होती हैं।

4) एडिनॉमस पॉलिप्स (Adenomas Polyps) - एडिनॉमस पॉलिप्स एक तरह के ट्यूमर होते हैं जो गॉल ब्लैडर को शरीर के अन्य भागों से जोड़ने वाले अंग में हो जाते हैं। 

इनका 1% चांस होता है की ये कैंसर बन सकते हैं।

गॉल ब्लैडर पॉलिप्स को जांचने के लिए जांच - Diagnosis of Gallbladder Polyps in Hindi

1) अल्ट्रासाउंड

2) एंडोस्कोपी

3) बायोप्सी

गॉल ब्लैडर पॉलिप्स का ईलाज - Treatment of Gallbladder Polyps in Hindi

अधिकांश मामलों में गॉल ब्लैडर पॉलिप्स में ईलाज करने की जरूरत नहीं होती है। 

अगर मरीज को लक्षण दिख रहें हैं या पॉलिप्स का आकार बढ़ रहा है या पॉलिप्स ऐसी जगह पर हैं जहां से गॉल ब्लैडर का काम बाधित हो रह है तो इसका ईलाज शुरू किया जाता है। 

ईलाज में सर्जरी ही सबसे बेहतर विकल्प है, इसमें कोलेकसीसटेक्टोमी (Cholecystectomy) की जाती है। 

कोलेकसीसटेक्टोमी या तो ओपन की जाती है या लेप्रोस्कोपिक तरीके से की जाती है। इसमें गॉल ब्लैडर को सर्जरी करके हटा दिया जाता है।

पॉलिप्स कितनी तेजी से बढ़ते हैं - How Fast Gallbladder Polyps can Grow in Hindi

गॉल ब्लैडर पॉलिप्स एक साल में 2 mm से कम ही बढ़ते हैं। नॉर्मल पॉलिप्स संख्या में कई होते हैं।

लेकिन जो कैंसरस होते हैं वो बहुत तेजी से बढ़ते हैं और अकेले होते हैं।

गॉल ब्लैडर पॉलिप्स को कैसे रोकें - How to Prevent Gallbladder Polyps in Hindi

पॉलिप्स को रोकना संभव नहीं है लेकिन आप अपने खान-पान और लाईफ स्टाइल में परिवर्तन करके इसके बढ़ने की संभावना को कम कर सक्त हैं जैसे

1) मोटापा कम करें

2) शराब और तंबाकू का सेवन ना करें

3) सब्जियां, फल और साबुत अनाज अपने भोजन में शामिल करें

4) हर 6 महिने में अल्ट्रासाउंड करवाएं

5) नियमित योगा करें

 

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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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