हेपेटाइटिस बी ठीक होता है कि नहीं - हेपेटाइटिस बी (Hepatitis-B) का ईलाज कई सारी परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
हेपेटाइटिस बी के ईलाज करते समय सबसे महत्वपूर्ण बात ये देखनी होती है की मरीज को एक्यूट हेपेटाइटिस (Acute Hepatitis) है या क्रॉनिक हेपेटाइटिस (Chronic Hepatitis) है।
अगर एक्यूट हेपेटाइटिस है तो इसके लिए किसी खास ईलाज की जरूरत नहीं होती और थोड़ी सी सावधानी बरत कर आप इससे ठीक हो जाते हैं।
दिक्कत तब शुरू होती है जब मरीज को क्रॉनिक हेपेटाइटिस होता है।
आईये समझते हैं की हेपेटाइटिस बी ठीक होता है कि नहीं और क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी होने पर क्या ईलाज किया जाता है।
हेपेटाइटिस बी का ईलाज
क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी होने पर सबसे पहले दो चीजें देखी जाती हैं।
पहली क्या मरीज को सिर्फ क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी (CHB) है या लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) है।
1-स्थिति ) अगर मरीज को लिवर सिरोसिस है तो मरीज का तुरंत ईलाज शुरु कर दिया जाता है।
ईलाज में Entecavir 0.5 mg सुबह खाली पेट एक गोली दी जाती है या Tenofovir 300 mg खाना खाने के बाद एक गोली दी जाती है।
2-स्थिति ) अगर मरीज को डिकंपेंसेट सिरोसिस (Decompensated Cirrhosis) है तो Entecavir 1 mg दी जाती है और यदि कंपनसेट सिरोसिस (Compensated Cirrhosis) है तो Entecavir 0.5 mg दी जाती है।
अब आते हैं क्रॉनिक हेपेटाइटिस होने पर, जिसमें मरीज का HBV DNA के आधार पर ईलाज किया जाता है।
3-स्थिति ) अगर मरीज का HBV DNA 2,000 के नीचे है तो मरीज को किसी भी ईलाज की कोई जरूरत नहीं होती है और मरीज को सिर्फ प्रत्येक 6 महीने में अपना HBV DNA टेस्ट करवाना होता है ये देखने के लिए की कहीं HBV DNA बढ़ तो नहीं रहा है।
अगर यह 2,000 के नीचे रहता है तो मरीज को ईलाज की कोई जरूरत नहीं होती है।
4-स्थिति ) अगर मरीज का HBV DNA का स्तर 2,000 के ऊपर है और फाइब्रोस्कैन का स्कोर 8kPa से अधिक है मतलब F2, F3 या F4 है तो उस स्थिति में मरीज का ईलाज तुरंत शुरू कर दिया जाता है।
5-स्थिति ) अगर मरीज का HBV DNA का स्तर 2,000 से ऊपर है और फाइब्रोस्कैन का स्कोर 8kPa से कम है तो कोई भी दवा नहीं दी जाती और मरीज को हर 3 महिने में HBV DNA की जांच करवानी पड़ती है ये देखने के लिए की कहीं HBV DNA का स्तर बढ़ तो नहीं रहा है।
हेपेटाइटिस बी के ईलाज में कौन सी दवा दी जाती है
हेपेटाइटिस बी के ईलाज में मुख्यता दो ही दवाईयां चलती हैं या तो मरीज को Entecavir 0.5 mg दी जायेगी या Tenofovir Disoproxil Fumarate 300 mg दी जाती है।
ये डॉक्टर को निर्णय करना होता है की उसको इन दोनों दवाइयों में से कौन सी दवाई चलानी है।
यह दवाईयां OD यानी की दिन में एक बार ही दी जाती है।
अगर Entecavir दी जा रही है तो इसे खाली पेट देना चाहिए और यदि Tenofovir दी जा रही है तो इसे कुछ खाने के बाद ही देना चाहिए।
एक्यूट हेपेटाइटिस बी ठीक हो जाता है जबकि क्रोनिक हेपेटाइटिस बी कभी ठीक नहीं होता और मरीज को जीवन भर दवाई या निरिक्षण में रहना पड़ता है
नोट -: ऊपर दी गई जानकारी मरीज की समझ के लिए है और बहुत ही आसान भाषा में समझाई गई है।
इसमें कई सारे मेडीकल टर्म का इस्तेमाल नहीं किया गया है ताकि मरीज हेपेटाइटिस बी के ईलाज के तरीके को समझ पाए।
किसी भी अन्य जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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