Urinary Bladder Cancer in Hindi - पूरे विश्व में प्रत्येक वर्ष 2,50,000 लोग पेशाब की थैली में कैंसर (ब्लैडर कैंसर) के कारण मर जाते हैं।
पेशाब की थैली में कैंसर (ब्लैडर कैंसर) महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में होने की चार गुना अधिक संभावना होती है।
पेशाब की थैली में कैंसर (ब्लैडर कैंसर) होने पर औसतन 5 साल तक मरीज जिंदा रहता है।
लेकिन
पेशाब की थैली का कैंसर (ब्लैडर कैंसर) ब्लैडर से अन्य अंगों में फैल गया तो औसत जीवन और भी कम हो
जाता है। किडनी कैंसर होने का 15% कारण ब्लैडर कैंसर ही होता है।
आईए जानते हैं ब्लैडर कैंसर के बारे में
ब्लैडर क्या होता है - What is Urinary Bladder in Hindi
ब्लैडर हमारे मूत्र मार्ग (Urinary System) का एक महत्वपूर्ण अंग होता है।
यह एक थैली की तरह का एक अंग होता है जिसका काम पेशाब को एकत्रित करके उसे इच्छानुसार बाहर निकालना होता है।
एक स्वस्थ पुरुष का ब्लैडर 700 ml पेशाब और एक स्वस्थ महिला का ब्लैडर 500 ml पेशाब एकत्रित कर सकता है।
लेकिन 200 ml से 350 ml पेशाब एकत्रित होने पर ही हमको पेशाब लग जाती है।
पेशाब की थैली में कैंसर के लक्षण - Urinary Bladder Cancer Symptoms in Hindi
पेशाब में खून आना - ब्लैडर कैंसर का यह सबसे मुख्य लक्षण है और इसे Hematuria कहते हैं।
पेशाब में खून आने को कतई हल्के में ना लें और तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
यह ब्लैडर कैंसर के अलावा किडनी की खराबी का भी लक्षण होता है।
बार-बार पेशाब लगना - बार-बार पेशाब लगना भी ब्लैडर कैंसर का लक्षण होता है।
पेशाब करने के बाद भी आपको लगता है की पूरी तरह पेशाब नही हुई और फिर से पेशाब लग जाती है।
पेशाब करते वक्त जलन और दर्द होना - पेशाब करते वक्त जलन और दर्द होना ब्लैडर कैंसर का एक प्रमुख लक्षण है।
इसमें मरीज को पेशाब करते वक्त दर्द होता है या मूत्र मार्ग में जलन महसूस होती है।
कई बार मरीज को लगातार मूत्र मार्ग में जलन महसूस हुआ करती है।
हमेशा थकान बनी रहना और वजन कम होना - ब्लैडर कैंसर होने पर मरीज का वजन कम होने लगता है और हमेशा थकान और कमजोरी बनी रहती है।
यह इस बात का भी संकेत होता है की ब्लैडर का कैंसर अन्य अंगों में भी फैल रहा है।
पीठ में दर्द बना रहना - अगर मरीज की पीठ में लगातार दर्द बना रहता है और मरीज को कोई चोट नहीं लगी है तो यह ब्लैडर कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।
पीठ का यह दर्द नीचे की तरफ बढ़ता हुआ महसूस होता है।
किसको ब्लैडर कैंसर होने की संभावना सबसे अधिक होती है - Greatest Risk Factors for Bladder Cancer in Hindi
1) 55 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को
2) सिगरेट पीने वालों को
3) बार-बार मूत्र मार्ग में संक्रमण होने पर
4) कैंसर का पारिवारिक इतिहास होने पर
5) किसी अन्य अंग का कैंसर ट्रीटमेंट चलने पर
6) केमिकल के सम्पर्क में आने पर
ब्लैडर कैंसर के लिए किए जाने वाले टेस्ट - Urinary Bladder Cancer Diagnosis in Hindi
1) किडनी फंक्शन टेस्ट
2) यूरीन टेस्ट
3) अल्ट्रासाउंड
4) बायोप्सी
5) सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy)
6) सीटी स्कैन टेस्ट
ब्लैडर कैंसर कितने प्रकार का होता है - Types of Urine Bladder Cancer in Hindi
ब्लैडर कैंसर मुख्यता 3 प्रकार का होता है।
यूरोथेलियल कार्सिनोमा (Urothelial Carcinoma), स्क्वामस सैल कार्सिनोमा (Squamous Cell Carcinoma), एडिनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma)
यूरोथेलियल
कार्सिनोमा (Urothelial Carcinoma) लगभग 80% से 90% ब्लैडर कैंसर यही होता
है और इसे ट्रांसिशनल कैंसर भी कहते हैं। बाकी के दोनों बहुत कम होते हैं।
ब्लैडर कैंसर का ईलाज कैसे किया जाता है - Urinary Bladder Cancer Treatment in Hindi
ब्लैडर कैंसर का ईलाज मरीज की शारीरिक स्थिति, उम्र, ब्लैडर कैंसर की गंभीरता और इसके स्टेज के अनुसार किया जाता है।
ब्लैडर कैंसर में किए जाने वाले ईलाज निम्न हैं
1) सर्जरी
2) कीमोथेरेपी
3) इम्यूनोथेरेपी
4) रेडिएशन थेरेपी
5) जीन थैरेपी
ब्लैडर कैंसर होने पर मरीज कितने दिन तक जीवित रहता है - Urinary Bladder Cancer Survival Rate in Hindi
ब्लैडर कैंसर डायग्नोस होने के बाद मरीज की औसत आयु 5 साल तक की होती है।
लगभग 77% मरीज अधिकतम 5 साल तक जिंदा रहते हैं। बाकी के मरीज इससे भी कम उम्र तक जिंदा रह पाते हैं।
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