वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार कैंसर से पूरे विश्व में प्रतिदिन 27,000 लोगों की मृत्यु होती है।
कैंसर का मतलब है हमारे शरीर की कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि।
कैंसर होने के बहुत से कारण होते हैं जैसे अनुवांशिक कारण, आपके खान पान के कारण, आपकी जीवन शैली के कारण, वातावरण के कारण, किसी बीमारी के कारण ईत्यादि।
हमारा खान-पान कैंसर को रोकने और इसके इलाज में सहायता करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस लेख में हम जानेंगे की ऐसे कौन-कौन से भोजन हैं जो एंटी कैंसर की तरह काम करते हैं और कैंसर को होने से रोकते हैं।
फाइटोकेमिकल्स (Phytochemicals)
फाइटोकेमिकल्स ऐसे कंपाउंड होते हैं जो पेड़ पौधों में प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं।
फाइटोकेमिकल्स हमारे स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक होते हैं और एंटी कैंसर गुण रखते हैं।
सबसे अधिक प्रचलित फाइटोकेमिकल्स हैं कैरोटिनॉयड्स (Carotenoids), फ्लेवोनॉयड्स (Flavonoids) और पॉलीफेनोल्स (Polyphenols)
कैरोटिनॉयड्स युक्त आहार गाजर, शकरकंद, कद्दू, पालक, ब्रोकली, गोभी, टमाटर, लाल मिर्च, आम, पपीता, खुबानी, खरबूजा, तरबूजा, संतरा ईत्यादि।
फ्लेवोनॉयड्स युक्त आहार सभी प्रकार की बेरीज, संतरा, नींबू, सेब, अंगूर, रेड वाइन, अनार, डार्क चॉकलेट, सोया प्रॉडक्ट, प्याज, ब्रोकली, पालक, गोभी, पत्ता गोभी, लाल मिर्च, शिमला मिर्च, टमाटर ईत्यादि।
पॉलीफेनोल्स दालें, सब्जियां, अलसी के बीज, चिया सीड, बादाम, अखरोट, जैतून का तेल, कॉफी, ब्लैक टी, ग्रीन टी, डार्क चॉकलेट, अंगूर, रेड वाईन, जामुन, स्ट्रेबरीज ईत्यादि।
कैरोटिनॉयड्स, फ्लेवोनॉयड्स और पॉलीफेनोल्स में स्ट्रॉन्ग एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं।
ये कैंसर को होने से रोकते हैं और कैंसर सैल्स की वृद्धि को कम कर देते हैं।
ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स (Omega-3 Fatty Acids)
ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स असंतृप्त वसा (Unsaturated Fatty Acids) होते हैं और इनके अन्दर एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
यह कैंसर सैल्स की वृद्धि को रोकते हैं। ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स अधिकतर अलसी के बीज, चिया के बीज, अखरोट, सालमन मछली, टूना मछली में पाया जाता है।
फाइबर (Fibers)
फाइबर एक तरह के कार्बोहाइड्रेट होते हैं जिनको हमारा पाचन तंत्र पूरी तरह से नहीं पचा पाता है।
फाइबर हमारे पाचन के लिए बहुत जरूरी होता है और यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है, कोलेस्ट्रोल को कम करता है और कई प्रकार के कैंसर को रोकने में सहायक होता है।
फाइबर दो तरह के होते हैं एक घुलनशील फाइबर और दूसरा अघुलनशील फाइबर।
घुलनशील फाइबर पानी में घुल जाते हैं और जेल की तरह बन जाते हैं।
घुलनशील फाइबर भोजन को आराम से पचने में सहायता करते हैं जिसकी वजह से शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ने पाता।
यह कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और आपको पेट भरा होने का एहसास दिलाते हैं जिसकी वजह से आपको बार बार भूख नहीं लगती।
यह आंतो में पाए जाने वाला अच्छे बैक्टीरिया के लिए भोजन होते हैं। जिसके कारण आतें स्वस्थ रहती हैं।
अघुलनशील फाइबर पानी में नहीं घुलते हैं और मल को मुलायम बनाए रखते हैं तथा आंतों की चाल को नियंत्रित रखते हैं।
यह कब्ज होने से रोकते हैं। अघुलनशील फाइबर अपने साथ हानिकारक पदार्थों को बांध कर मल के रास्ते से निकाल देते हैं।
यह कोलोन कैंसर की संभावना को बहुत कम कर देते हैं। यह आंतों में इंफ्लेमेशन होने से भी रोकते हैं।
विटामिन डी (Vitamin-D)
विटामिन-डी वसा में घुलनशील एक विटामिन है इसके बिना हमारे शरीर में कैल्शियम का अवशोषण नहीं हो सकता।
विटामिन-डी शरीर के कई हार्मोन को नियंत्रित करता है। विटामिन-डी हमारे शरीर में गुदा कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर होने से रोकता है।
विटामिन-डी मुख्यता हमको धूप से मिल जाता है।
सेलेनियम (Selenium)
सेलेनियम एक मिनरल होता है जो अधिकतर समुद्री भोजन, बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता, बीज और साबुत अनाज में पाया जाता है।
सेलेनियम में एंटी कैंसर प्रॉपर्टी होती है और यह एंटी ऑक्सीडेंट की प्रॉपर फंक्शनिंग के लिए बहुत जरूरी होता है।
पत्तेदार सब्जियां (Cruciferous Vegetables)
पत्तेदार सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और इनके अन्दर एंटी कैंसर प्रॉपर्टी होती है।
पत्तेदार सब्जियों में एक तत्व पाया जाता है जिसे सलफोराफेन (Sulforaphane) कहते हैं इसमें एंटी कैंसर गुण होता है और यह कैंसर सैल्स को बढ़ने से रोकता है।
यह कैंसर कोशिकाओं को मारने का भी काम करता है। सलफोराफेन में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन ब्रेस्ट कैंसर, प्रॉस्टेट कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, गुदा कैंसर, आंतों का कैंसर आदि से बचाता है।
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