सेरेशियोपेप्टीडेज (Serratiopeptidase) सूजन कम करने वाला एक एंजाइम होता है।
यह एक प्रोटियोलिटिक (Proteolytic) एंजाइम यानी की प्रोटिन को तोड़ने वाला एंजाइम होता है।
इसे सेरापेप्टेस (Serrapeptase) भी कहते हैं। यह एक प्रकार के ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया सेरेशिया मार्सिसेंस (Serratia Marcescens) से प्राप्त किया जाता है।
यह बैक्टीरिया पानी, मिट्टी और हमारे वातावरण में पाया जाता है।
सेरेशियोपेप्टीडेज क्यों दिया जाता है - Serratiopeptidase Tablet Uses in Hindi
1) सूजन कम करने में
2) इंफ्लेमेशन कम करने में
3) फेफड़ों में जमा बलगम को आसानी से निकालने में
4) चोट को जल्दी ठीक करने में
सेरेशियोपेप्टीडेज किस तरह काम करता है - Mode of Action of Serratiopeptidase
सेरेशियोपेप्टीडेज इंफ्लेमेशन और सूजन कम करने का काम करता है। यह कई तरीके से सूजन कम करता है जैसे
फाइब्रिनोलिटिक गुण (Fibrinolytic Property) - फाइब्रिन एक प्रकार का प्रोटीन होता है जिसकी वजह से ब्लड जमता है।
जब भी हमें कहीं चोट लगती है तो फाइब्रिन उस जगह जाकर ब्लड को जमा देता है।
सेरेशियोपेप्टीडेज फाइब्रिन को तोड़ने का काम करता है।
जिसकी वजह से चोट वाली जगह पर ब्लड फ्लो आसानी से हो सके और सूजन कम हो सके।
एंटी इंफ्लामेटरी गुण (Anti inflammatory) - हमारे शरीर में चोट लगने या इंफेक्शन होने पर शरीर का एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया इंफ्लेमेशन होती है।
सेरेशियोपेप्टीडेज इंफ्लेमेशन पैदा करने वाले एंजाइम प्रोस्टाग्लैंडिन और ब्रैडीकिनिन (Bradykinin) को रोक देता है।
जिसकी वजह से इनफ्लामेशन और सूजन कम हो जाती है।
म्यूकोलिटिक गुण (Mucolytic Properties) - सेरेशियोपेप्टीडेज म्यूकस को पतला करने और तोड़ने का काम करता है।
जिसकी वजह से म्यूकस जमा नहीं होने पाता जिससे की खासतौर पर सांस लेने में आराम मिलती है।
यह फेफड़ों के इंफेक्शन और साइनसाइटिस में बहुत उपयोगी होता है।
सूजन रोधी गुण (Antiedema Properties) - एडिमा का मतलब होता है शरीर के किसी अंग में पानी का भर जाना।
सेरेशियोपेप्टीडेज एडीमा करने वाले प्रोटीन को नियंत्रित करता है और डैमेज अंग में पानी जमा होने से रोकता है।
जिसकी वजह से सूजन कम हो जाती है। इसका मुख्य प्रभाव चोट, सर्जरी या किसी ट्रॉमा के कारण होने वाली सूजन पर होता है।
सेरेशियोपेप्टीडेज के साईड इफेक्ट - Side Effects of Serratiopeptidase Tablet in Hindi
सेरेशियोपेप्टीडेज के कोई साईड इफैक्ट नहीं होते हैं। अभी तक किए गए शोध में सिर्फ एक गंभीर दुष्प्रभाव आया है।
यह बहुत ही सुरक्षित दवाई है। लिवर और किडनी के मरीजों में भी सेरेशियोपेप्टीडेज सुरक्षित है।
गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं का कोई भी डाटा उपलब्ध नहीं है।
इसलिए अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान कराती हैं तो सेरेशियोपेप्टीडेज लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरुर लें।
सेरेशियोपेप्टीडेज की डोज - Dosage of Serratiopeptidase Tablet in Hindi
सेरेशियोपेप्टीडेज की डोज निर्भर करती है की आप इसे किस लिए दे रहे हैं
सूजन, इन्फ्लेमेशन और दर्द में 15 mg सुबह और 15 mg शाम की डोज दी जाती है।
इसको हफ्ते भर से लेकर 10 दिन तक दे सकते हैं। एक दिन में अधिकतम 60 mg तक की डोज दी जा सकती है।
फेफड़ों में जमे बलगम को निकालने या म्यूकस को कम बनाने के लिए एक दिन में 60 mg की अधिकतम डोज दे सकते हैं।
इसे एक, दो या तीन भागों में भी दे सकते हैं। म्यूकस निकालने में इसे चार हफ्ते तक दे सकते हैं।
6 से 12 साल तक के बच्चों में यह 2mg/kg/day तक दे सकते हैं।
सेरेशियोपेप्टीडेज की एक दिन अधिकतम डोज 150 mg तक दी जा सकती है। इसकी डोज की सीमा मेडीकल कंडीशन पर निर्भर करती है।
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