इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन का क्या काम है | Enoxaparin Sodium Injection Uses in Hindi

इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन का इस्तेमाल खून के थक्के को जमने से रोकने के लिए किया जाता है। 
 
खासकर इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मरीज को लगाया जाता है। 
 
यह फेफड़ों और शरीर के अन्य भाग में भी ब्लड क्लॉटिंग होने से रोकता है।
 
यह इंजेक्शन त्वचा के नीचे (Subcutaneous) लगाया जाता है।
 
Enoxaparin Sodium Injection Uses in Hindi

 
 

इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन किस बीमारी में लगाया जाता है - Enoxaparin Sodium Injection Uses in Hindi

डीप वेन थैंब्रोसिस (DVT) - जिन मरीजों में खून के थक्के जमने की संभावना होती है उनको इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन लगाया जाता है। 
 
यह इंजेक्शन खून को आसानी से बहने में सहायता करता है और ब्लड को क्लाॅट होने से रोकता है।
 
पल्मोनरी एंबोलिज्म (PE) - जब कोई ब्लड क्लॉट हमारे फेफड़ों में पहुंच जाता है तो यह बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। 
 
इस ब्लड क्लॉट को रोकने और इस ब्लड क्लॉट को तोड़ने के लिए इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है।
 
अनियंत्रित एंजाइना (Unstable Angina) - यह एंजाइना के दर्द और उसके कारण होने वाली समस्याओं को कम कर देता है। 
 
यह इंजेक्शन ब्लड को आसानी से बिना जमे बहने में सहायता करता है।
 
हार्ट अटैक (NSTEMI) - ऐसे हार्ट अटैक जिसमे नॉन ST एलिवेशन मायो कार्डियल इंफ्रेक्शन (NSTEMI) होता है उसमे भी यह इंजेक्शन बहुत प्रभावी होता है। 
 
यह NSTEMI के कारण होने वाले क्लॉट को बनने से रोकता है और बने हुए क्लॉट को तोड़ने में सहायता करता है।
 
स्ट्रोक - स्ट्रोक की मुख्य वजह होती है दिमाग में क्लॉट बन जाना जिसकी वजह से खून की सप्लाई अवरुद्ध हो जाती है और स्ट्रोक हो जाता है। 
 
इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन स्ट्रोक के मरीजों में अगर तुरंत दे दिया जाए तो अंगों को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। 
 
यह दिमाग में फंसे हुए ब्लड क्लॉट को तोड़ने का काम करता है और नए ब्लड क्लॉट को बनने से रोकता है।
 

इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन किस तरह काम करता है - Mode of Action of Enoxaparin Sodium Injection in Hindi

हमारे शरीर में एंटीथ्रोंबिन-3 (Antithrombin 3) नामक एक एंजाइम पाया जाता है जो खून को जमने से रोकता है। 
 
इनोक्सापेरिन इस एंटीथ्रोंबिन 3 नामक एंजाइम से जुड़ जाता है और खून न जमने की प्रक्रिया को और बढ़ा देता है। 
 
जिसकी वजह से ब्लड क्लॉटिंग नहीं हो पाती है। 
 
हमारे शरीर में ब्लड क्लॉटिंग के लिए कई सारे फैक्टर जिम्मेदार होते हैं जिनमें से Xa फैक्टर सबसे महत्वपूर्ण होता है। 
 
इनोक्सापेरिन इंजेक्शन Xa फैक्टर को प्रभावित करता है जिसकी वजह से प्रोथरोम्बिन से थ्रोंबिन नहीं बन पाता। 
 
थ्रोंबिन ही ब्लड क्लॉट के लिए उत्तरदाई होता है। जब थ्रोंबिन नहीं बनेगा तो ब्लड क्लाॅट नहीं हो पाएगा और ना ही नए ब्लड क्लॉट बन पाएंगे।
 
इनोक्सापेरिन इंजेक्शन इन दो तरह से ब्लड क्लॉट होने से रोकता है।
 

इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन की डोज - Dosage of Enoxaparin Sodium Injection in Hindi

इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन की साधारण डोज 1 mg/kg दिन में एक बार होती है। 
 
लेकिन गंभीर मामलों में यह दिन में दो बार भी लगाया जा सकता है। 
 
सामान्यता इसके इंजेक्शन 40 mg की डोज में आते हैं जिन्हें एक या दो बार बीमारी के अनुसार लगाया जाता है।
 

इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन के साईड इफैक्ट्स - Side Effects of Enoxaparin Sodium Injection in Hindi

सिर दर्द

प्लेटलेट्स कम होना

लिवर के एंजाइम का बढ़ जाना

चोट लगने पर खून न रुकना

चक्कर आना

शरीर में खुजली होना

सांस लेने में दिक्कत होना
 

क्या गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इनोक्सापेरिन दे सकते हैं

इनोक्सापेरिन सोडियम इंजेक्शन गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में पूरी तरह सुरक्षित है।
 
 
 
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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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