क्लिंडामाइसिन किस तरह काम करती है | Clindamycin Tablet Uses in Hindi

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) एक स्ट्रॉन्ग एंटीबायोटिक होती है। यह गंभीर बैक्टिरियल इन्फेक्शन को सही करने के लिए दी जाती है। 

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) एक प्रकार की लिंकोसामाइड (Lincosamide) एंटीबायोटिक होती है।
 
यह बैक्टीरिया की ग्रोथ को रोक देती है। अधिकतर मामलों में यह तब दी जाती है जब पेनिसिलिन (जैसे Amoxicillin) काम नहीं कर पाती है। 
 
क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) एक प्रो ड्रग होती है और हमारे शरीर में जाकर एक्टिव होती है। क्लिंडामाइसिन तीन तरह से उपलब्ध होती हैं। 
 
क्लिंडामाइसिन फॉस्फेट (Clindamycin Phosphate) यह आईवी, इंजेक्शन या लिक्विड फॉर्म में उपलब्ध होती है।

क्लिंडामाइसिन हाइड्रोक्लोराइड (Clindamycin Hydrochloride) यह टेबलेट के फॉर्म में उपल्ब्ध होती है।

क्लिंडामाइसिन निकोटिनामाइड (Clindamycin Nicotinamide)  यह क्रीम के रूप में उपलब्ध होती है।
 
 
clindamycin and nicotinamide gel

 
 

क्लिंडामाइसिन किस बीमारी में दी जाती है - Clindamycin Tablet Uses in Hindi

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) बैक्टिरियल इन्फेक्शन को ठीक करने में दी जाती है जैसे

1) फेफड़ों या सांस की नली के इंफेक्शन

2) त्वचा के इंफेक्शन

3) दांतों के इंफेक्शन

4) हड्डियों या जोड़ों में होने वाले इंफेक्शन

5) पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (PID)

6) वैजिनोसीस (Bacterial Vaginosis)

7) सेक्सुली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD)

8) पेट के इंफेक्शन
 
9) सेप्टीसीमिया (Septicemia)

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) कैसे काम करती है

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) बैक्टीरिया की कोशिका में जाकर बैक्टीरिया के राइबोसोम की 50S सबयूनिट को बांध देती है। 
 
जिसके कारण अमीनो एसिड में पेप्टाइड बॉन्ड नहीं बनने पाते और पेप्टाइड बॉन्ड न बनने के कारण प्रोटीन सिंथेसिस में रुकावट आ जाती है। 
 
प्रोटीन सिंथेसिस ना हो पाने के कारण बैक्टीरिया को ग्रोथ और अन्य शारीरिक क्रियाओं के लिए प्रोटीन नहीं मिल पाता और बैक्टीरिया की ग्रोथ रुक जाती है।
 
इसके कारण बैक्टीरिया न तो वृद्धि कर पाता है और ना ही नए बैक्टीरिया बना पाता है।
 
क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) ग्राम पॉजिटिव (Gram Positive) और एनएरोबिक बैक्टीरिया (Anaerobic Bacteria) के विरूद्ध सबसे अच्छा काम करती है।
 
ध्यान देने बात ये है की क्लिंडामाइसिन सिर्फ बैक्टीरिया की कोशिका में प्रोटीन सिंथेसिस रोकता है मनुष्यों की कोशिकाओं पर इसका कोई असर नहीं होता है।
 

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) की डोज

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) की डोज बीमारी या इन्फेक्शन की तीव्रता पर निर्भर करती है। 
 
सामान्यता क्लिंडामाइसिन के कैप्सूल 300 mg सुबह और 300 mg शाम को दिया जाता है। 
 
इन्फेक्शन को देखते हुए डॉक्टर इसकी डोज घटा या बढ़ा भी सकता है। 
 
एक महीने से कम उम्र के बच्चों में यह 20mg/kg/day तीन भाग में विभाजित करके दी जाती है। 
 
1 महीने से 16 साल तक की उम्र के बच्चों में यह 40mg/kg/day तीन भागों में विभाजित करके दिया जाता है।
 

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) के साईड इफैक्ट्स

1) पेट में दर्द

2) डायरिया

3) मुंह का स्वाद बदल जाना

4) फंगल इन्फेक्शन हो जाना

5) खुजली होना

6) उल्टी या उल्टी जैसा महसूस होना

7) व्हाईट ब्लड सेल्स कम हो जाना

8) पेशाब आने में दिक्कत होना

9) आंतों में सूजन होना
 

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) का किन दवाओं के साथ इंटरेक्शन होता है

कुछ दवाएं क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) के साथ मिलकर गंभीर परिणाम देती हैं। इन दवाओं को क्लिंडामाइसिन के साथ नहीं लेना चाहिए जैसे

Atracurium, BCG vaccine live, Cholera vaccine, Cisatracurium, Microbiota oral, OnabotulinumtoxinA, Pancuronium, Rapacuronium, RimabotulinumtoxinB, Rocuronium, Succinylcholine, Typhoid vaccine live, Vecuronium

 

क्या क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दे सकते हैं

क्लिंडामाइसिन गर्भवती महिला को पहले तिमाही यानी की 1st ट्राइमेस्टर में दे सकते हैं। 

उसके बाद देने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) नहीं देना चाहिए। 

यह दूध में 0.5mcg/mL से 3.8mcg/mL तक उतर आता है जो बच्चे के लिए नुकसानदेय है।

 

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) कब असर करना शुरू करती है

क्लिंडामाइसिन को अपना असर दिखाने में 2 से 3 दिन लग सकते है। 

हालांकि इसका प्रभाव लेने के 1 घंटे बाद ही शुरू हो जाता है। 

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) की बायोएविलेबिलिटी 90% होती है। यह 10% पेशाब में और 4% मल के द्वारा निकल जाती है।

 

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) क्या लिवर और किडनी के मरीज ले सकते हैं

क्लिंडामाइसिन (Clindamycin) लिवर और किडनी के मरीज को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं देना चाहिए। 

इन मरीजों को डॉक्टर डोज को एडजस्ट करके देता है।

Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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