क्लोपीडोग्रेल एक एंटी प्लेटलेट्स दवाई है जो प्लेटलेट्स को जुड़ने से रोकती है। कई लोग इसे खून पतला करने की दवा भी कहते है।
प्लेटलेट्स के जुड़ने के कारण ही ब्लड क्लॉटिंग होती है। क्लोपीडोग्रेल का उपयोग हृदय के मरीजों में किया जाता है।
यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक, एंजाइना दर्द आदि को रोकने के लिए दी जाती है।
क्लोपीडोग्रेल किस बीमारी में दी जाती है - Clopidogrel Tablet Uses in Hindi
1) हार्ट अटैक
2) एंजाइना
3) स्ट्रोक
4) स्टेंट वाले मरीज
5) पेरिफेरल आर्टियल डिजीज (PAD)
क्लोपीडोग्रेल किस तरह काम करती है - Mode of Action of Clopidogrel Tablet in Hindi
क्लोपीडोग्रेल एक प्रो ड्रग होती है मतलब यह हमारे शरीर में जाकर ऐक्टिव होती है।
क्लोपीडोग्रेल का हमारे लिवर में मेटाबोलिज्म होता है जहां CYP2C19 नामक एंजाइम इसे लिवर में एक्टिव करता है।
क्लोपीडोग्रेल को एक्टिव फॉर्म में थिओल मेटाबोलाइट (Thiol Metabolite) कहते हैं।
थिओल मेटाबोलाइट प्लेटलेट्स के सतह पर पाए जाने वाले P2Y12 नाम के रिसेप्टर्स को बांध देता है।
यह रिसेप्टर ही प्लेटलेट्स को जुड़ने के लिए सिग्नल देता है और इस रिसेप्टर को सिग्नल पहुंचाने में ADP नामक एंजाइम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
जब ADP एंजाइम P2Y12 से जुड़ता है तभी प्लेटलेट्स एक्टिवेट होते हैं और जुड़ने की क्रिया शुरु करते हैं जिसकी वजह से ब्लड क्लॉटिंग होती है।
जब क्लोपीडोग्रेल इस P2Y12 रिसेप्टर को बांध देते हैं तो ADP इससे जुड़ नहीं पाती और क्लॉटिंग नहीं बन पाता है।
यहां एक बात ध्यान देने की है की प्लेटलेट्स ये रिसेप्टर्स फिर से रिजनरेट नहीं कर पाते हैं।
इसलिए क्लोपीडोग्रेल का असर तब तक बना रहता है जब तक नए प्लेटलेट्स पुराने प्लेटलेट्स की जगह ना ले लें।
इसलिए क्लोपीडोग्रेल का असर 7 से 10 दिन तक रहता है। नए प्लेटलेट्स को बनने में 7 से 10 दिन लग जाते हैं।
इसीलिए जब आप क्लोपीडोग्रेल खाना बंद करते हो तो उसके कई दिनों तक क्लोपीडोग्रेल का असर बना रहता है।
क्लोपीडोग्रेल की डोज - Dosage of Clopidogrel Tablet in Hindi
जिस मरीज को हार्ट अटैक, स्ट्रोक या एंजाइना के दर्द की शिकायत रहती है उनको 75 mg दिन में एक बार यानी की OD डोज दी जाती है।
अनियंत्रित एनजाइना, एक्यूट कॉरोनरी सिंड्रोम, या स्टेंट के मरीज को 300 mg तक की डोज दी जाती है।
अधिकतर मामलों में ये डॉक्टर पर निर्भर करता है की मरीज को कितनी डोज देनी है।
क्लोपीडोग्रेल किसको नहीं देनी चाहिए
1) हीमोफिलिया के मरीज को (Haemophilia)
2) ब्रेन हेमरेज के मरीज को (Brain Haemorrhage)
3) पेट में अल्सर वाले मरीज को
4) गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को
5) किडनी और लिवर के गंभीर मरीजों को
6) जिनका हाल में ही कोई ऑपरेशन हुआ हो
क्लोपीडोग्रेल के साईड इफैक्ट्स - Side Effects of Clopidogrel Tablet in Hindi
1) नाक से खून बहना
2) खून का जल्दी ना रुकना
3) हल्की सी खरोंच से खून निकल आना
4) डायरिया
5) पेट में दर्द
6) सीने में जलन और एसिडिटी
7) पेशाब, उल्टी या मल में खून आना
8) बहुत अधिक थकान लगना
9) गला बैठना
क्लोपीडोग्रेल किन दवाओं के साथ नहीं लेना चाहिए
क्लोपीडोग्रेल कुछ दवाओं के साथ गंभीर रिएक्शन करती हैं। अगर आप ऐसी दवाएं ले रहें हैं तो अपने डॉक्टर को जरुर बताएं जैसे
Antithrombin alfa, Antithrombin III, Apixaban, Argatroban, Aspirin rectal, Bivalirudin, Cangrelor, Caplacizumab, Carbamazepine, Cimetidine, Clarithromycin, Dalteparin, Efavirenz, Erythromycin base, Erythromycin ethylsuccinate, Erythromycin lactobionate, Erythromycin stearate, Eslicarbazepine acetate, Esomeprazole, Etravirine, Felbamate, Fluconazole, Fluoxetine, Fluvoxamine, Fondaparinux, Isoniazid, Ketoconazole, Evoketoconazole, Modafinil, Morphine, Nefazodone, Nirmatrelvir/ritonavir, Omeprazole, Oxcarbazepine, Pacritinib, Protamine, Rabeprazole, Repaglinide, Rifabutin, Rifampin, St John’s Wort, Ticlopidine, Tucatinib, Voriconazole
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