सिस्टिनुरिया एक अनुवांशिक बीमारी होती है जिसमें हमारी किडनी, यूरेटर और ब्लाडर में एक प्रकार का अमीनो एसिड जिसे सिस्टीन (Cystin) कहते हैं जमा होने लगता है।
सिस्टीन के क्रिस्टल जमा होने से स्टोन बन जाते हैं जो मूत्र मार्ग को ब्लॉक कर देते हैं।
सिस्टीन के कारण बनने वाले स्टोन आकार में बड़े होते हैं और लगातार बना करते हैं।
सिस्टिनुरिया होने का कारण - Cause of Cystinuria in Hindi
अमीनो एसिड हमारे शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी प्रोटीन होता है। यह हमारी किडनी द्वारा छान कर वापस हमारे शरीर में भेज दिया जाता है।
सिस्टीन एक प्रकार का अमीनो एसिड होता है।
जब किडनी में कोई समस्या हो जाती है और किडनी सिस्टीन को अब्जॉर्ब नहीं कर पाती और यह पेशाब के रास्ते निकलने लगता है।
इसकी वजह से यह किडनी, यूरेटर और ब्लाडर में जमा होने लगता है।
इसके साथ ही तीन अन्य प्रकार के अमीनो एसिड होते हैं जो पेशाब के रास्ते आसानी से निकल जाते हैं Ornithine, Arginine और Lysine
सिस्टीन इन तीनों एमिनो एसिड के कार्य को प्रभावित करता है और यह भी जमा होने लगते है।
सिस्टीन पानी में घुलनशील नहीं होता जबकि ये तीनों एमिनो एसिड पानी में घुलनशील होते हैं।
अगर सिस्टीन हमारी किडनी द्वारा वापस शरीर में अवशोषित नहीं हो पाता तो यह पेशाब के रास्ते और किडनी में जमा होने लगता है।
सिस्टिनुरिया के लिए SLC3A1 और SLC7A9 नामक जीन उत्तरदाई होता है।
अगर आपके सिस्टिनुरिया है तो आपके बच्चों में यह होने की 50% संभावना है।
यह 40 साल से कम उम्र के लोगों में सबसे अधिक होता है।
सिस्टिनुरिया के लक्षण - Symptoms of Cystinuria in Hindi
1) पेशाब करते समय दर्द होना
2) पेशाब में जलन होना
3) पेशाब में खून आना
4) पीठ में एक तरफ तेज दर्द उठना
5) जननांगों के आसपास तेज दर्द होना
6) उल्टी होना या उल्टी जैसा महसूस होना
सिस्टिनुरिया का ईलाज - Treatment of Cystinuria in Hindi
सिस्टिनुरिया के ईलाज में डॉक्टर अधिक पानी पीने को बोलता है ताकि स्टोन फॉर्मेशन ना होने पाए।
डॉक्टर अल्कलाइजर सिरप का इस्तेमाल करने को बोलता है जिसकी वजह से पेशाब का pH वैल्यू क्षारीय हो जाता है और स्टोन बनने नहीं पाता है।
प्रोटीन और नमक का सेवन कम करने की सलाह मरीज को दी जाती है।
अगर स्टोन कहीं फंसा हुआ है तो उसे एक छोटे से प्रोसीजर (Ureteroscopy) के माध्यम से निकाल दिया जाता है। इसमें कोई चीरा या टांका नहीं लगता।
कुछ दवाएं भी सिस्टीनुरिया में बहुत प्रभावी होती हैं जैसे Penicillamine, Tiopronin, Captopril और Bucillamine.
सिस्टिनुरिया की जांच - Diagnosis of Cystinuria in Hindi
सिस्टिनुरिया को पता लगाने के लिए डॉक्टर आपकी कुछ जांचें करवाता है जैसे
1) अल्ट्रासाउंड
2) यूरीन टेस्ट
3) 24 Hours यूरीन कलेक्शन टेस्ट
4) इंट्रावेनस पाइलोग्राम (Intravenous Pyelogram)
सिस्टीनुरिया का ईलाज ना करने पर क्या दिक्कत हो सकती है - Complication Due to Cystinuria in Hindi
1) किडनी डैमेज
2) ब्लाडर डैमेज
3) मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI)
4) किडनी इन्फेक्शन
5) पेशाब रूक जाना
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