लैक्टुलोज सिरप कैसे काम करता है | Lactulose Solution USP Uses in Hindi

लैक्टुलोज (Lactulose) एक लेक्सेटिव (Laxative) होता है जो लैक्टोस से बनाया जाया है। 
 
लैक्टोस प्राकृतिक रूप से दूध और दूध से बने पदार्थो में पाया जाता है। 
 
लैक्टुलोज का उपयोग लंबे समय से चल रही कब्ज (Chronic constipation) को ठीक करने और मरीज के शरीर से अमोनिया को कम करने (Hepatic Encephalopathy) के लिए किया जाता है।
 
lactulose solution usp uses in hindi

 

लैक्टुलोज कैसे काम करता है

लैक्टुलोज अधिकतर सिरप या लिक्विड फॉर्म में आता है। 
 
यह हमारे पेट में नहीं पचता और बिना अपना रूप बदले बिना किसी केमिकल रिएक्शन के यह सीधे कोलोन (Colon) यानी की मलाशय में पहुंच जाता है।
 
मलाशय में पहुंच कर वहां मौजूद बैक्टीरिया द्वारा इसका अधिकतर भाग लैक्टिक एसिड में बदल दिया जाता है और कुछ भाग फॉर्मिक एसिड और एसेटिक एसिड में बदल जाता है।
 
लैक्टिक एसिड में बदलने के कारण यह मलाशय का ऑसमोटिक प्रेशर (Osmotic Pressure) बढ़ा देता है और मलाशय में मौजूद पदार्थ में एसिड की मात्रा को बढ़ा देता है।
 
ऑस्मोटिक प्रेशर बढ़ने के कारण मलाशय में पानी की मात्रा बढ़ जाती है और मल बहुत ही मुलायम हो जाता है और आसानी से निकल जाता है। 
 
लैक्टुलोज को मलाशय तक पहुंचने में 24 से 48 घंटे लगते हैं इसलिए लैक्टुलोज का असर 24 से 48 घण्टे बाद ही होता है।
 
गंभीर लिवर के रोगों में जैसे HE (Hepatic Encephalopathy) में मरीज के शरीर में अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है जिसकी वजह से मरीज कोमा में चला जाता है या उसकी सोचने समझने की शक्ति बहुत कम हो जाती है। 
 
अमोनिया एक प्रकार का वेस्ट पदार्थ होता है जो लिवर में प्रोटीन के मेटाबोलिज्म से बनता है। 
 
एक स्वस्थ लिवर अमोनिया को यूरिक एसिड में बदल देता है जो आसानी से हमारे शरीर के बाहर निकल जाता है। 
 
लेकिन जब लिवर खराब होता है तो अमोनिया यूरिक एसिड में नहीं बदल पाता और मरीज के शरीर में अमोनिया का स्तर बढ़ने लगता है।
 
लैक्टुलोज मलाशय के वातावरण को एसिडिक कर देता है जिसकी वजह से मलाशय में अमोनिया बनाने वाले बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं और इसके साथ ही लैक्टुलोज मलाशय द्वारा अमोनिया का ब्लड में अवशोषण भी रोक देता है। 
 
जिसकी वजह से ब्लड में अमोनिया का स्तर नहीं बढ़ने पाता है। 
 
लैक्टुलोज मलाशय में अमोनिया को NH 4+ आयन में बदल देता है और NH 4+ आयन का मलाशय द्वारा अवशोषण नहीं हो पाता है।
 

लैक्टुलोज सिरप किस बीमारी में काम आता है - Lactulose Solution USP Uses in Hindi

कब्ज को ठीक करने में

ब्लड से अमोनिया को कम करने में 

बवासीर को होने से रोकने में
 

लैक्टुलोज की डोज

लैक्टुलोस सिरप 15 ml से 30 ml लेना चाहिए। बीमारी की गंभीरता के अनुसार इसे 60 ml प्रतिदिन भी दे सकते हैं। 
 
10 साल तक के बच्चों में यह 5 ml प्रतिदिन दिया जाता है।
 

लैक्टुलोज के साईड इफैक्ट्स

पेट दर्द

डायरिया

उल्टी आना या उल्टी जैसा महसूस होना

पेट फूलना

खुजली होना
 

लैक्टुलोज कौन नहीं ले सकता

आंतों में ब्लॉकेज या गांठ लगने पर

लैक्टुलोज से एलर्जी होने पर

आंतों में छेद या परफोरेशन होने पर

Galactosaemia नामक बीमारी होने पर
 

लैक्टुलोज कितनी देर में असर करना शुरू करता है

लैक्टुलोज को मलाशय तक पंहुचने में 24 से 48 घण्टे तक लग जाते हैं। इसलिए इसे अपना असर दिखाने में 48 घण्टे लगते हैं। 
 
कुछ लोगों में लैक्टुलोज 10 से 12 घंटे में भी असर दिखाना शुरू कर देता है।
 
लैक्टुलोज लेने का सबसे अच्छा समय रात में खाना खाने के 1 या 2 घंटे बाद होता है।
 
नोट: लैक्टुलोज गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं, लिवर के मरीज और किडनी के मरीजों में पूरी तरह सुरक्षित है।

Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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