लिवोफ़्लॉक्सासिन एक एंटीबायोटिक है जिसका इस्तेमाल बैक्टीरियल इंफेक्शन को रोकने के लिए किया जाता है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन ब्रॉड स्पैक्ट्रम, थर्ड जेनरेशन की फ्लोरोक्विनोलोन (Fluoroquinolone) है।
यह ओफ्लोक्सासिन (Ofloxacin) की आइसोमर (Isomers) है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन ग्राम पॉजिटिव, ग्राम निगेटिव और एरोबिक बैक्टीरिया के विरूद्ध सबसे प्रभावी काम करती है।
यह एनएरोबिक (Anaerobic) बैक्टीरिया के विरूद्ध उतना अच्छा काम नहीं कर पाती है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन किस बीमारी में दी जाती है - Levofloxacin Tablet Uses in Hindi
1) निमोनिया (Pneumonia)
2) मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI)
3) त्वचा में होने वाले इन्फेक्शन (SSTI)
4) ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)
5) साइनसाइटिस (Sinusitis)
6) फेफड़ों में इन्फेक्शन
7) स्वांस नली में इन्फेक्शन (URTI)
8) अन्य बैक्टिरियल इन्फेक्शन
9) डायबिटीक फुट इन्फेक्शन
10) प्रोस्टाइटिस (Prostatitis)
11) किडनी इन्फेक्शन
12) एंथ्रेक्स
13) प्लेग
लिवोफ़्लॉक्सासिन किस तरह काम करती है - Mode of Action of Levofloxacin Tablet in Hindi
लिवोफ़्लॉक्सासिन बैक्टीरिया में पाए जाने वाले टोपोआइसोमरेस (Topoisomerases) पर काम करती है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन टोपोआइसोमरेस 2 और टोपोआइसोमरेस 4 पर काम करती है।
टोपोआइसोमरेस 2 और टोपोआइसोमरेस 4 एक एंजाइम होता है जो बैक्टीरिया के वृद्धि (Replication), ट्रांसक्रिप्शन और डीएनए रिपेयर के लिए बहुत जरुरी होता है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन बैक्टीरिया में टोपोआइसोमरेस 2 और टोपोआइसोमरेस 4 को बांध देता है।
जिसकी वजह से बैक्टीरिया के डीएनए में सुपरकॉयलिंग (Super-coiling) नहीं होने पाती है और बैक्टीरिया की वृद्धि (Replication) रुक जाती है और बैक्टीरिया मर जाता है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन बैक्टीरिया के अन्दर कुछ अन्य जरुरी क्रियाओं को भी रोक देता है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन बैक्टीरिया की कोशिका झिल्ली (Cell Membrane) को कमजोर कर देता है।
जिसकी वजह से बैक्टीरिया की कोशिका अपना आकार सस्टेन नहीं कर पाती और फट जाती है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन की फार्माकोकाइनेटिक (Pharmacokinetics)
लिवोफ़्लॉक्सासिन की बायोएविलेबिलिटी 99% होती है।
इसका मतलब ये हुआ की लिवोफ़्लॉक्सासिन पूरी तरह से हमारे शरीर द्वारा अवशोषित कर ली जाती है और 1.5 घण्टे में ही इसकी हमारे ब्लड में सबसे अधिक सांद्रता (T-max) हो जाती है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन का मेटाबोलिज्म लिवर में होता है और इसका 87% भाग पेशाब के रास्ते निकल जाता है।
8 घंटे में इसका आधा भाग हमारे शरीर से निकल जाता है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन की डोज - Dosage of Levofloxacin Tablet in Hindi
लिवोफ़्लॉक्सासिन की सिंगल डोज यानी की OD डोज दी जाती है।
इन्फेक्शन के आधार पर यह 500 mg से 750 mg तक 3 दिन से लेकर 14 दिन तक दी जाती है।
कुछ इंफेक्शन में यह 28 दिन तक लगातार भी दी जाती है।
बच्चों में लिवोफ़्लॉक्सासिन 8 mg/kg से लेकर 20 mg/kg तक OD डोज में दी जाती है।
लिवोफ़्लॉक्सासिन एक दिन में 750 mg से अधिक डोज नहीं देनी चाहिए।
लिवोफ़्लॉक्सासिन के साईड इफैक्ट्स - Side Effects of Levofloxacin Tablet in Hindi
1) डायरिया और पेट में दर्द
2) उल्टी या उल्टी जैसा महसूस होना
3) भूख ना लगना और अपच होना
4) सिर दर्द और चक्कर आना
5) नींद ना आना और उलझन होना
6) खुजली होना
7) मुंह का स्वाद बदल जाना
8) लिवर एंजाइम का बढ़ जाना
9) मांशपेशियो और जोड़ों में सूजन और दर्द
10) अनियमित हृदय की धड़कन
लेवोफ्लोक्सासिन को किस दवाई के साथ बिल्कुल नहीं देना चाहिए
1) सिसप्राइड (Cisapride)
2) ड्रोनडारोन (Dronedarone)
3) पिमोजाइड (Pimozide)
4) थिओरीडाजिन (Thioridazine)
5) फेजोलाइनटेंट (Fezolinetant)
कुछ अन्य दवाईयां भी हैं जिनके ऑल्टरनेटिव दवाई देनी चाहिए जैसे
Adagrasib, Aluminum hydroxide, Aminolevulinic acid oral, Aminolevulinic acid topical, Amiodarone, Amisulpride, Anagrelide, Apomorphine, Arsenic trioxide, Artemether, Asenapine, Asenapine transdermal, BCG vaccine live, Buprenorphine, Buprenorphine buccal, Buprenorphine subdermal implant, Buprenorphine, long-acting injection, Carbonyl iron, Ceritinib, Cholera vaccine, Desflurane, Didanosine, Disopyramide, Encorafenib, Entrectinib, Eribulin, Ferric maltol, Ferrous fumarate, Ferrous gluconate, Ferrous sulfate, Fexinidazole, Glasdegib hydroxychloroquine sulfate, Ibutilide, Indapamide, Inotuzumab, Iron dextran complex, Iron sucrose, Isoflurane, Ivosidenib, Lefamulin, Macimorelin, Methyl aminolevulinate, Microbiota oral, Mobocertinib, Ondansetron, Oxaliplatin, Panobinostat, Pentamidine, Pimozide, Pitolisant, Polysaccharide iron, Procainamide, Quinidine, Ribociclib, Rose hips, Saquinavir, Selinexor, Sevoflurane, Siponimod, Sodium bicarbonate, Sodium citrate/citric acid, Sotalol, Strontium ranelate, Tetrabenazine, Toremifene, Tretinoin, Tretinoin topical, Trilaciclib, Typhoid vaccine live, Umeclidinium, Bromide/vilanterol inhaled, Vandetanib, Vemurafenib, Vilanterol/fluticasone furoate inhaled.
किनको लेवोफ्लोक्सासिन नहीं लेनी चाहिए
1) लिवर और किडनी के मरीजों को
2) स्तनपान कराने वाली महिलाओं को
3) हृदय की अनियमित धड़कन वाले मरीजों को
4) डिप्रेशन वाले मरीजों को
5) गर्भवती महिलाओं को
6) जिनको जोड़ों में समस्या रहती हो
7) Myasthenia Gravis बीमारी वाले मरीजों को
8) टेंडन (Tendon) डिसऑर्डर वाले मरीजों को
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