नेफ्रोटिक सिंड्रोम क्‍या है और नेफ्रोटिक सिंड्रोम के कारण क्या है | Nephrotic Syndrome in Hindi

Nephrotic Syndrome in Hindi - नेफ्रोटिक सिंड्रोम कोई बीमारी नही होती बल्कि कई सारी बीमारियों के लक्षण होते हैं जो किडनी के खराब होने पर दिखते हैं। 
 
हमारी किडनी छोटे-छोटे फिल्टर्स जिन्हें हम नेफ्रॉन (Nephrons) कहते हैं, से मिलकर बनी होती है। 
 
यह नेफ्रॉन हमारे शरीर के दूषित पदार्थ को छान कर पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देते हैं। 
 
जब किसी कारणवश यह फिल्टर्स डैमेज हो जाते हैं या काम नहीं कर पाते हैं तो दूषित या टॉक्सिक पदार्थ छन नहीं पाते और हमारे ब्लड में ही रह जाते हैं। 
 
इसके अतिरिक्त प्रोटीन लीक होकर पेशाब के रास्ते निकलना शुरू कर देता है।
 
इसके कारण प्रोटीन हमारे शरीर से निकलने लगता है और शरीर में प्रोटीन का स्तर कम हो जाता है।
 
नेफ्रोटिक सिंड्रोम में हमें कई सारे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।
 
what is nephrotic syndrome in hindi

 

नेफ्रोटिक सिंड्रोम के लक्षण - Symptoms of Nephrotic Syndrome in Hindi

1) पेशाब में ढेर सारा प्रोटीन निकलना (Proteinuria)

2) पेशाब में झाग आना

3) शरीर में सूजन होना खासकर चेहरे, पलकों के नीचे, हाथ, पैर और घुटनों में

4) कोलेस्ट्रोल का बढ़ जाना

5) भूख ना लगना और थकान बनी रहना

6) ब्लड में अल्बुमिन का कम हो जाना (Hypoalbuminemia)
 

नेफ्रोटिक सिंड्रोम होने का कारण - Causes of Nephrotic Syndrome in Hindi

नेफ्रोटिक सिंड्रोम होने का मुख्य कारण है किडनी के फिल्टर्स यानी की नेफ्रॉन्स डैमेज होना। 
 
जिसकी वजह से प्रोटीन पेशाब में जानें लगता है। 
 
इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं जिसकी वजह से नेफ्रोटिक सिंड्रोम होता है जैसे 
 
डायबिटीज, 
 
ल्युपस (Lupus), 
 
एमीलॉयडओसिस (Amyloidosis), 
 
एचआईवी, 
 
हेपेटाईटिस ईत्यादि। 
 
बच्चों में नेफ्रोटिक सिंड्रोम होने का मुख्य कारण MCD (Minimal Change Disease) होता है। 
 
यह अधिकतर किसी एलर्जी या इंफेक्शन होने पर होता है।
 

नेफ्रोटिक सिंड्रोम पता करने की जांच - Diagnosis of Nephrotic Syndrome in Hindi

1) किडनी फंक्शन टेस्ट

2) यूरीन एनालिसिस टेस्ट

3) 24 Hours यूरीन कलेक्शन टेस्ट

4) अल्ट्रासाउंड

5) बायोप्सी
 

नेफ्रोटिक सिंड्रोम का ईलाज - Treatment of Nephrotic Syndrome in Hindi

नेफ्रोटिक सिंड्रोम का ईलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर ये पता करता है की नेफ्रोटिक सिंड्रोम का कारण क्या है और फिर उसी के अनुसार ईलाज करता है। 
 
नेफ्रोटिक सिंड्रोम चलने वाली मुख्य दवाईयां हैं

1) कोर्टिकोस्टेरॉयड (Corticosteroids)

2) इम्यूनोसप्रेसेंट (Immune-suppressants)

3) खून जमने से रोकने वाली दवाईयां (Anticoagulants)

4) ACE इन्हिबिटर (ACE Inhibitors)

5) डायरेटिक्स (Diuretic)

6) कोलेस्ट्रोल कम करने की दवाई (Statins)

7) कम नमक का सेवन

ये सब दवाईयां डॉक्टर अपने अनुभव और मरीज की स्तिथि को देखकर लिखता है। अपने आप इन दवाओं का सेवन ना करें।
 

नेफ्रोटिक सिंड्रोम का ईलाज ना करने पर क्या दिक्कत हो सकती है - Complication Due to Nephrotic Syndrome in Hindi

नेफ्रोटिक सिंड्रोम का ईलाज ना करवाना घातक हो सकता है। जैसे

1) नेफ्रोटिक सिंड्रोम का ईलाज ना करवाने पर शरीर का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है और UTI और निमोनिया जैसे इन्फेक्शन आसानी से हो जाते हैं। 

2) नेफ्रोटिक सिंड्रोम के कारण खून के थक्के जमने की संभावना बढ़ जाती है। जिसकी वजह से हार्ट अटैक, स्ट्रोक या पल्मोनरी एंबोलिज्म (Pulmonary Embolism) होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

3) नेफ्रोटिक सिंड्रोम का ईलाज ना करवाने पर किडनी खराब हो जाती है और डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट ही एक मात्र चारा बचता है।

4) नेफ्रोटिक सिंड्रोम की वजह से शरीर बहुत कमजोर हो जाता है क्योंकि शरीर का प्रोटीन पेशाब के रास्ते निकलने लगता है। मरीज बहुत दुर्बल और गंभीर रूप से बीमार हो जाता है।
 

किसको नेफ्रोटिक सिंड्रोम होने की संभावना सबसे अधिक होती है - Higher Risk Population for Nephrotic Syndrome in Hindi

1) डायबिटीज के मरीज को

2) हेपेटाइटिस बी और सी के मरीजों को

3) एचआईवी के मरीजों को

4) मलेरिया या डेंगू के मरीजों को

5) स्ट्रैप इंफेक्शन से प्रभावित बच्चों को (Strep Infection)

6) ल्युपस होने पर (Lupus)

7) एमाइलोआईडोसीस (Amyloidosis)

8) दर्द निवारक या स्टीरॉयड का लगातार सेवन करने पर
 
 
 
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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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