पॉलीसिस्टिक किडनी रोग का क्या अर्थ है | Polycystic Kidney Disease (PKD) in Hindi

Polycystic Kidney Disease (PKD) in Hindi - पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज एक अनुवांशिक रोग है जिसमें किडनी में ढेर सारी गांठे बन जाती हैं। 

यह गांठें तरल पदार्थ से भरी होती हैं और इसके कारण किडनी का आकार बड़ा हो जाता है। 

इन गांठों की संख्या हजारों में हो सकती है। यह गांठें किडनी की कार्यक्षमता को बुरी तरह प्रभावित कर देती हैं जिसकी वजह से किडनी डैमेज होने लगती है।

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज की वजह से किडनी फेल हो जाती है। 

इसके कारण शरीर के कई अन्य अंगों जैसे लिवर या ब्रेन में भी गांठ पड़ जाती है। 

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज की वजह से ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ा रहता है।

 

Polycystic Kidney Disease in Hindi
 

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज कितने प्रकार की होती है - Types of Polycystic Kidney Disease in Hindi

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज मुख्यता दो प्रकार की होती है ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज और ऑटोसोमल रिसेसिव पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज
 
ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (Autosomal Dominant Polycystic Kidney Disease) - इसके लक्षण अधिकतर 30 से 50 साल की उम्र में दिखाई देते हैं। 
 
हालांकी इसके लक्षण बचपन में भी दिखाई दे सकते हैं। 90% पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज यही होती है। 
 
अगर माता पिता में से किसी एक को भी पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज है तो बच्चे में इसे होने के 50% चांसेस हैं। 
 
इसके कारण 70 वर्ष तक आते आते मरीज की किडनी फेल हो ही जाती है।
 

ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के लक्षण

पीठ में एक तरफ या दोनों तरफ दर्द

पेशाब में खून आना

मूत्र मार्ग इंफेक्शन (UTI)

लिवर या पैंक्रियाज में गांठ

हार्ट के वॉल्व में दिक्कत होना

हाई ब्लड प्रेशर

किडनी स्टोन

सिर दर्द 

दिमाग की नसें फट जाना
 

ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज का ईलाज

ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज का कोई ईलाज नहीं होता सिर्फ इसके लक्षणों का ईलाज किया जाता है। 
 
किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र उपचार होता है।
 
ऑटोसोमल रिसेसिव पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (Autosomal Recessive Polycystic Kidney Disease) - इसके लक्षण बच्चों में पैदा होते ही दिख जाते हैं यहां तक की जन्म से पहले ही इसके लक्षण दिखने लगते हैं।
 
यह बीमारी तभी होती है जब माता और पिता दोनों को पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज हो। 
 
इसमें बच्चे की मृत्यु पैदा होने के कुछ सालों में ही हो जाती है। 
 
यह एक दुर्लभ बीमारी है और पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज से पीड़ित सिर्फ 10% बच्चों में ही यह बीमारी होती है।
 

ऑटोसोमल रिसेसिव पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के लक्षण

हाई ब्लड प्रेशर

लिवर सिरोसिस या लिवर फाइब्रोसिस

रेड ब्लड सेल्स का कम होना

वरीकोज नसें

बच्चों की ग्रोथ रुक जाना

मूत्र मार्ग संक्रमण (UTI)

गर्भ में एम्नायोटिक फ्लूइड का कम होना (Low Amniotic Fluid)

किडनी का आकार बड़ा होना
 

ऑटोसोमल रिसेसिव पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज का ईलाज

ऑटोसोमल रिसेसिव पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज का भी कोई ईलाज नहीं होता। 
 
इसमें सिर्फ लक्षणों के आधार पर ईलाज किया जाता है। किडनी ट्रांसप्लांट एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
 

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज की जांच - Diagnosis of Polycystic Kidney Disease (PKD) in Hindi

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज को पता लगाने के लिए मरीज को सिर्फ दो जांचें करवानी पड़ती है। 
 
अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन

इन दो जांचो से ही पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज को आसानी से पकड़ा जा सकता है।
 

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज क्यों होती है - Cause of Polycystic Kidney Disease (PKD) in Hindi

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (PKD) होने का मुख्य कारण जीन में म्युटेशन होता है। 
 
अगर माता या पिता में से किसी एक को भी पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज है तो बच्चों में इसके होने की संभावना 50% से ऊपर होती है। 
 
इसको किसी भी तरह से रोका नहीं जा सकता है।
 

अगर माता पिता को पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज नहीं है तो क्या बच्चे को फिर भी यह बीमारी हो सकती है

हां, अगर घर में किसी को भी पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज नहीं है फिर भी व्यक्ति को यह बीमारी हो सकती है। 
 
इसके होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे

आपको किडनी की कोई बीमारी है

आपका लंबे समय से डायलिसिस चल रहा है

आपको किडनी का इन्फेक्शन है

आपको हाइपोकैलिमिया है

अगर मरीज में ऊपर दी गईं बीमारियों से जूझ रहा है तो उसे पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज होने की संभावना बढ़ जाती है।
 

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज होने से मरीज को क्या क्या दिक्कत हो सकती है - Complication Due to PKD in Hindi

हाई ब्लड प्रेशर

किडनी का पूरी तरह काम ना करना

पीठ में दर्द बने रहना

लिवर में गांठें बन जाना

लिवर फाइब्रोसिस हो जाना

दिमाग की नसें फट जाना

हार्ट के वॉल्व में दिक्कत होना

कोलोन में दिक्कत होना

पैंक्रियाज में गांठ बन जाना

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को बहुत समस्या होना
 

क्या पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज को रोका जा सकता है

दुर्भाग्य से पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज को रोका नहीं जा सकता है। बस इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। 
 
मरीज को अंत में डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट करवाना ही पड़ता है।
 
 
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Lav Tripathi

Lav Tripathi is the co-founder of Bretlyzer Healthcare & www.capejasmine.org He is a full-time blogger, trader, and Online marketing expert for the last 12 years. His passion for blogging and content marketing helps people to grow their businesses.

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