डिस्प्रिन (Disprin) भारत सर्वाधिक बिकने वाली दर्द निवारक दवाओं में से एक है।
डिस्प्रिन (Disprin) में 325 mg एस्प्रिन (Acetylsalicylic Acid) होता है जो दर्द, बुखार, इंफ्लेमेशन और खून को पतला करने के काम में आता है।
डिस्प्रिन (Disprin) Reckitt Benckiser नामक कम्पनी का उत्पाद है।
यह गोली घोल कर पी जाती है और इसका असर 30 मिनट्स में दिखना शुरू हो जाता है।
डिस्प्रिन टेबलेट किस काम में आती है - Disprin Tablet Uses in Hindi
दर्द कम करने में
बुखार कम करने में
इंफ्लेमेशन कम करने में
खून को पतला करने में
ब्लड को जमने या ब्लड क्लॉटिंग को रोकने में
डिस्प्रिन (Disprin) की डोज
बुखार और दर्द में डिस्प्रिन (Disprin) की डोज एक बार में 1 टेबलेट से लेकर 3 टेबलेट तक होती है।
एक दिन में 4,000 mg तक डिस्प्रिन (Disprin) की डोज ले सकते हैं।
स्तिथि में सुधार ना होने पर इसे हर 4 से 6 घंटे में दिया जाता है।
खून को पतला करने या ब्लड के क्लॉट को बनने से रोकने के लिए इसकी 325 mg की दिन में एक बार डोज दी जाती है।
डिस्प्रिन (Disprin) किस तरह काम करती है
डिस्प्रिन (Disprin) में एस्प्रिन (Acetylsalicylic Acid) होता है जो हमारे शरीर में COX एंजाइम को ब्लॉक करने का काम करता है।
जब भी हमारे शरीर में कहीं चोट लगती है, इन्फेक्शन
या इंफ्लेमेशन होता है तो COX एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं और
प्रोस्टाग्लैंडिन नामक एंजाइम को बनाने लगते हैं।
प्रोस्टाग्लैंडिन
प्रभावित जगह पर इंफ्लेम्शन करते हैं और खून के प्रवाह को बढ़ा देते हैं।
इस वजह से दर्द पैदा करने वाले रिसेप्टर सक्रिय हो जाते हैं और हमें दर्द
और बुखार का अनुभव होता है
डिस्प्रिन COX एंजाइम खासकर COX-1 और COX-2 एंजाइम को ब्लॉक कर देती है।
इस वजह से प्रोस्टाग्लैंडिन नहीं बन पाता और हमें
दर्द, सूजन और इंफ्लेमेशन से राहत मिल जाती है।
डिस्प्रिन (Disprin) बुखार को भी कम
करने का काम करती है।
डिस्प्रिन (Disprin) हमारे शरीर में थ्रोंबोजेन (Thromboxane-A2) नामक
एंजाइम को ब्लॉक कर देता है।
यह एंजाइम ब्लड को जमने में सहायता करता
है,जब यह एंजाइम ब्लॉक हो जाता है तो खून जमने नहीं पाता।
इसी कारण
डिस्प्रिन (Disprin) को खून पतला करने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
डिस्प्रिन (Disprin) के साईड इफैक्ट्स
पेट में अल्सर होना
पेट में ब्लीडिंग होना
चोट लगने पर खून बहना ना रुकना
कान में सीटी बजना (Tinnitus)
सांस लेने में दिक्कत होना
लंबे समय तक लगातार इस्तेमाल से लिवर और किडनी में समस्या होने लगना
सांस लेने में दिक्कत होना
चक्कर आना
शरीर में सूजन होना
डिस्प्रिन (Disprin) किसको नहीं लेना चाहिए
जिनको पेट में अल्सर हो
हीमोफीलिया के मरीजों को
अस्थमा के मरीजों को
वायरल इन्फेक्शन से संक्रमित 14 साल तक के बच्चों को
किडनी और लिवर के गंभीर मरीजों को
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को
हार्ट के मरीज जो खून को पतला करने की दवाएं ले रहें हों
गठिया के मरीजों को
डिस्प्रिन (Disprin) को किन दवाओं के साथ नहीं लेना चाहिए
कुछ दवाईयां डिस्प्रिन (Disprin) के साथ मिलकर इसका प्रभाव घटा या बढ़ा देती हैं।
इसलिए ऐसी दवाओं को लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें जैसे
Anticoagulants Drugs
NSAID Drugs
Corticosteroids
Antacids
High Blood Pressure Medicine's
Methotrexate
Alcohol
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दवाई